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गर्भावस्‍था में छोटी-सी गलती भी पड़ जाती है भारी,जानिए लक्षण और बचने का उपाय

Deepa Sahu
20 Feb 2021 3:01 PM GMT
गर्भावस्‍था में छोटी-सी गलती भी पड़ जाती है भारी,जानिए लक्षण और बचने का उपाय
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गर्भावस्‍था में छोटी-सी गलती भी पड़ जाती है भारी,जानिए लक्षण और बचने का उपाय

गर्भावस्‍था के नौ महीने बहुत नाजुक होते हैं और इस दौरान छोटी-सी गलती भी भारी पड़ जाती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: गर्भावस्‍था के नौ महीने बहुत नाजुक होते हैं और इस दौरान छोटी-सी गलती भी भारी पड़ जाती है। अगर आप प्रेगनेंट हैं तो आपको इस समय में संभावित जटिलताओं के बारे में पता होना चाहिए ताकि आप खुद को और अपने बच्‍चे को उससे बचा सकें। गर्भावस्‍था में आने वाली जटिलताओं में से एक है वासा प्रीविया। यह एक गंभीर स्थिति है जिसमें शिशु की जान को खतरा हो सकता है और प्रेग्‍नेंसी में भी दिक्‍कत आ सकती है। आइए जानते हैं कि वासा प्रीविया क्‍या है और इसके लक्षण, कारण एवं इलाज के बारे में।

​क्‍या है वासा प्रीविया
वासा प्रीविया एक खतरनाक और दुर्लभ स्थिति है जिसमें भ्रूण की रक्‍त वाहिकाएं योनि से गर्भाशय को अलग करने वाली अंदरूनी सर्विकल ओपनिंग तक पहुंच जाती हैं। अम्‍बिलिकल कॉर्ड की रक्‍त वाहिकाएं कोरिओनिक झिल्‍ली के जरिए पहुंचती हैं।
वासा प्रीविया की वजह से इन्‍हें प्‍लेसेंटा के ऊतकों या अम्बिलिकल कॉर्ड से रक्षा नहीं मिलती है। इससे इनके रप्‍चर होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है जो भ्रूण में ब्‍लीडिंग का कारण बन सकता है। इस स्थिति में बच्‍चे के मरने की आशंका बहुत ज्‍यादा रहती है।
​वासा प्रीविया के कारण
प्रेगनेंट महिलाओं में निम्‍न कारणों से वासा प्रीविया की स्थिति उत्‍पन्‍न हो सकती है :
जुड़वा या तीने बच्‍चे होने पर इसका खतरा बढ़ जाता है।
आईवीएफ से गर्भधारण करने पर भी वासा प्रीविया का खतरा रहता है।
जब प्‍लेसेंटा ठीक तरह से ना बना हो तो भी वासा प्रीविया हो सकता है।
पहले सी-सेक्‍शन हुआ है, तो इसमें भी इस समस्‍या का जोखिम रहता है।
प्‍लेसेंटा लो लाइंग होने पर भी गर्भवती महिला में वासा प्रीविया हो सकता है।
​वासा प्रीविया के लक्षण
इस मुश्किल स्थिति के पैदा होने पर निम्‍न संकेत और लक्षण दिखाई दे सकते हैं :
डिलीवरी का समय आने से पहले तक वासा प्रीविया का पता नहीं चल पाता है।
इसका एक लक्षण यह है कि इसमें गर्भवती महिला को प्रेग्‍नेंसी की दूसरी तिमाही या तीसरी तिमाही में बिना किसी दर्द के ब्‍लीडिंग होती है। यह भ्रूण का खून होता है जिसका रंग गहरा लाल होता है।
यदि शरीर में झिल्लियों में रप्‍चर हुआ हो तो इससे दर्दरहित ब्‍लीडिंग हो सकती है। यह वासा प्रीविया का प्रमुख कारण है।
फीटल ब्रैडिकार्डिया भी वासा प्रीविया का एक संकेत है। जब भ्रूण का हार्ट रेट असामान्‍य रूप से धीमा हो जाए तो रक्‍त वाहिकाएं रप्‍चर हो जाती हैं और ब्‍लीडिंग शुरू हो जाती है।
वासा प्रीविया के कारण आने वाली जटिलताएं
भ्रूण के लिए यह स्थिति घातक साबित हो सकती है। इसकी वजह से डिलीवरी के दौरान मां के लिए मुश्किलें आ सकती हैं और शिशु को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने के लिए सिजेरियन ऑपरेशन करना पड़ सकता है।
​वासा प्रीविया का इलाज
यदि प्रेग्‍नेंसी में समय पर वाया प्रीविया का पता चल जाए तो इसका इलाज किया जा सकता है। वासा प्रीविया के उपचार के लिए कुछ विकल्‍प हैं।
लेबर को रोकने के लिए एंटी-कॉन्‍ट्रैशन दवाएं।
पेल्विक हिस्‍से को पूरा आराम दें। सेक्‍स ना करें और पूरा बेड रेस्‍ट लें।
मां और बच्‍चे को लगातार मॉनिटर करने के लिए प्रेग्‍नेंसी के 30 से 32वें सप्‍ताह में प्रेगनेंट महिला को अस्‍पताल में भर्ती होना पड़ सकता है।
रक्‍त वाहिका के रप्‍चर या ब्‍लीडिंग का पता लगाने के लिए समय पर अल्‍ट्रासाउंड करवाती रहें।


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