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लाइफ स्टाइल
खानपान से जुड़ी इन गलतियों में हैं सुधार की जरूरत, बनती हैं कैंसर का कारण
SANTOSI TANDI
15 Aug 2023 12:55 PM GMT
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बनती हैं कैंसर का कारण
कैंसर एक जानलेवा बीमारी बना हुआ हैं जिससे हर साल दुनिया भर में हजारों लोगों की जान जा रही हैं। ऐसे में जब भी कभी अपने किसी रिश्तेदार या आस-पड़ोस वालों को कैंसर होने की खबर आती हैं, तो लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इस बीमारी के होने पर मरीज इस कदर टूट जाता है कि इससे रिकवर होना बहुत मुश्किल हो जाता हैं। ऐसे में कैंसर से बचाव करने में ही समझदारी हैं। क्या आप जानते हैं कि रोजमर्रा के जीवन में खानपान से जुड़ी कुछ गलतियां भी कैंसर का कारण बन सकती है। ऐसे में अपनी लाइफस्टाइल को बदलते हुए इन गलतियों को सुधार जाए तो कैंसर से बचाव किया जा सकता हैं। आइये जानते है इन खानपान से जुड़ी इन गलतियों के बारे में...
ओवन में खाना गर्म करना
अक्सर लोग ओवन में प्लास्टिक के डिब्बे में खाना गर्म करते हैं। ओवन में खाना गर्म करने से प्लास्टिक से एंडोक्रिन डिस्ट्रक्टिंग नामक खतरनाक केमिकल निकलता है। जो खाने के साथ घुलकर शरीर में चला जाता है। जिससे हेल्थ पर खराब असर पड़ता है और कैंसर का भी खतरा बढ़ जाता है।
तला हुआ खाना
तले हुए खाने को तलने के लिए तेल को तेज आंच पर गर्म किया जाता है। ऐसा करने से एक्रिलामाइड नाम का यौगिक बनने लगता है। रिसर्च के मुताबिक, एक्रिलामाइड यौगिक डीएनए को नुकसान पहुंचाता है, जिससे बीमारियां होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है, जिनमें कैंसर भी एक हो सकता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि कुछ लोगों को फ्राइड फूड खाने की आदत होती है। ऐसे फूड खाने से टाइप 2 डायबिटीज और मोटापे का खतरा भी बढ़ जाता है। ये स्थितियां तनाव और शरीर में सूजन को बढ़ा सकती हैं, जिससे कैंसर का खतरा और अधिक बढ़ सकता है।
प्लास्टिक के बर्तन में खाना
प्लास्टिक के रंग-बिरंगे खूबसूरत बर्तन आजकल हर घर की रसोई का हिस्सा बन गए हैं। डिनर प्लेट से लेकर टिफिन और कॉफी मग भी लोग प्लास्टिक का खरीदना पसंद कर रहे हैं। प्लास्टिक से बने ये बर्तन सेहत के लिए खतरनाक होते हैं। गर्म खाना या पेय पदार्थ इनमे डालने से हानिकारक केमिकल इसमे घुलने लगते हैं और सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं।
अधिक पका हुआ खाना
भारतीय घरों में खाना को अधिक पकाने की आदत है, जिससे उस खाने से उसके सारे विटामिन और मिनरल नष्ट हो जाते हैं। लेकिन वहीं कुछ लोग खाने को तेज आंच पर या फिर सीधे आग में पकाते हैं और फिर उनका सेवन करते हैं। ऐसा खाना खाने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। तेज आंच में नॉनवेज को पकाने से कई ऐसे कंपाउंड बनने लगते हैं, जो कोशिकाओं के डीएनए को बदल देते हैं और कैंसर के खतरे को बढ़ा देते हैं। इसलिए तेज आंच में सीधे खाना पकाने की जगह प्रेशर कुकर का प्रयोग करें। इसके अलावा हल्की आंच पर रोस्ट या बेक कर सकते हैं।
माइक्रोवेव पॉपकॉर्न
जेरूसलम के हिब्रू विश्वविद्यालय में ल्यूटेनबर्ग सेंटर फॉर इम्यूनोलॉजी और कैंसर रिसर्च के चेयरमैन प्रोफेसर ईटन यफेनोफ के अनुसार माइक्रोवेव में बनने वाले पॉपकॉर्न आर्टिफिशियल मक्खन से भरे हुए होते हैं। जिससे आने वाली खुशबू में विषाक्त यौगिक डियसेटयल मौजूद होते हैं जो फेफड़ों के कैंसर का कारण बनते हैं। यही कारण है कि इन माइक्रोवेव पॉपकॉर्न को "मक्खन बम" भी कहा जाता है।
नॉनस्टिक में जला खाना
आजकल सुविधा के लिए लोग नॉनस्टिक बर्तन में खाना पकाते हैं। जिसमे अगर खाना जल जाए तो बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए। जले खाने में एक्रिलामाइड नाम का केमिकल बनने लगता है जो खाने के साथ मिक्स होकर पेट में पहुंचता है। ये केमिकल कैंसर का कारण बनता है। इसलिए जला खाना कभी नहीं खाना चाहिए।
डिब्बाबंद आहार
क्या बच्चे और क्या बूढ़े, डिब्बाबंद चीजों का क्रेज हर किसी के दिमाग पर चढ़कर बोल रहा है। प्लास्टिक की बोतलों में पैक होकर मिलने वाली सॉफ्ट ड्रिंक्स या सादा पानी पीने के बाद कई लोग उसमें दोबारा पानी भरकर उसे फ्रिज में रख देते हैं।लेकिन बहुत कम ही लोग जानते हैं कि अधिकांश डिब्बे बिस्फेनॉल-ए (बीपीए) नामक उत्पाद से मिलकर ही बने होते हैं। जिनसे कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में अपने डीएनए को कैंसर से बचाने के लिए ताजा सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करें।
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