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- डायबिटीज को लेकर फैली...
डायबिटीज का जोखिम पिछले एक दशक में काफी तेजी से बढ़ता हुआ देखा गया है। अब 40 से भी आयु के लोग, यहां तक कि बच्चों में भी डायबिटीज की समस्या का निदान किया जा रहा है। डॉक्टर कहते हैं, डायबिटीज की स्थिति शरीर में कई प्रकार की गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकती है, इस खतरे को ध्यान में रखते हुए सभी लोगों को इससे बचाव के उपाय करते रहने चाहिए। डायबिटीज के कई जोखिम कारक हो सकते हैं, जैसे आनुवांशिकी, आहार और जीवनशैली की गड़बड़ी आदि। इन चीजों पर ध्यान देकर इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या से बचाव किया जा सकता है।
वैश्विक स्तर पर बढ़ते डायबिटीज के खतरे को लेकर लोगों को अलर्ट करने और इससे बचाव को लेकर आवश्यक सावधानियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है। डॉक्टर्स कहते हैं, डायबिटीज की समस्या काफी तेजी से बढ़ती हुई रिपोर्ट की गई है, लगभग हर दूसरे घर में एक व्यक्ति डायबिटीज का शिकार मिल जाएगा, हालांकि दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि अब भी लोगों में इसको लेकर सही जानकारियों की कमी देखी जा रही है।
कई ऐसे मिथ्स हैं जिन्हें हम वर्षों से सही मानते आ रहे हैं, ये डायबिटीज के प्रबंधन और बचाव में दिक्कतें पैदा कर सकते हैं। इस गंभीर रोग से सुरक्षित रहने के लिए लोगों को सही जानकारी होना आवश्यक है। आइए ऐसे ही कुछ मिथ्स के बारे में जानते हैं जिन्हें ज्यादातर लोग सही मानते आ रहे हैं।
डॉक्टर कहते हैं, यह सच है कि डायबिटीज का आनुवांशिक जोखिम अधिक होता है यानी कि यदि आपके माता-पिता या भाई-बहन में किसी को डायबिटीज है तो आपमें भी इसके विकसित होने का खतरा अधिक हो जाता है। हालांकि यदि परिवार में किसी को डायबिटीज नहीं भी है तो भी आपमें कुछ कारकों के चलते डायबिटीज हो सकती है। जीवनशैली और आहार संबंधी गड़बड़ी, शारीरिक निष्क्रियता और मोटापा जैसी स्थितियां आपको डायबिटीज का शिकार बना सकती हैं, भले ही आपमें आनुवांशिक जोखिम न हों।