लाइफ स्टाइल

गर्दन और कमर दर्द की हो सकती है समस्या, तो ऐसे पाए राहत

Ritisha Jaiswal
22 Aug 2022 3:13 PM GMT
गर्दन और कमर दर्द की हो सकती है समस्या, तो ऐसे पाए राहत
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जॉइंट्स, गर्दन और कमर दर्द भले ही सामान्‍य लगते हैं, लेकिन यह दर्द काफी खतरनाक हो सकता है

जॉइंट्स, गर्दन और कमर दर्द भले ही सामान्‍य लगते हैं, लेकिन यह दर्द काफी खतरनाक हो सकता है. लगातार एक ही पोजीशन में बैठने और खड़े रहने से शरीर के मसल्‍स और हड्डियों पर काफी असर पड़ता है. दवाइयां खाने के बाद भी यदि दर्द में आराम नहीं मिलता तो समझिए समस्‍या कुछ और है. जी हां, कई बार बॉडी का पोश्‍चर भी इन समस्‍याओं को बढ़ाने में मदद कर सकता है. बिना फिजिकल एक्टिविटी वाले वर्ककल्‍चर की वजह से ये समस्‍याएं युवाओं को अपना शिकार अधिक बना रही है. पोश्‍चर सही न होने की वजह से कमर और गर्दन की हड्डी में प्रेशर पड़ता है, जिस वजह से दर्द और चक्‍कर की परेशानी बढ़ जाती है. इन समस्‍याओं से छुटकारा पाने के लिए जरूरी है कि सही पोश्‍चर में बैठने और खड़े होने की आदत डालें. जानते हैं क्‍या होना चाहिए बॉडी का सही पोश्‍चर.

स्‍पाइनल कॉर्ड को रखें सीधा
हेल्‍थलाइन के अनुसार स्‍पाइनल कॉर्ड यानी रीढ़ की हड्डी पर बैठने और खड़े रहने से प्रेशर पड़ता है. इस प्रेशर की वजह से कई बार कमर दर्द और जॉइंट्स की समस्‍या हो जाती है. सही बॉडी पोश्‍चर पर ध्‍यान देने की वजह से स्‍पाइनल कॉर्ड टेढ़ी तक हो सकती है. इसलिए बैठते समय स्‍पाइनल कॉर्ड को हमेशा स्‍ट्रेट रखें. अधिक देर बैठने की स्थिति में ऑफिस चेयर का इस्‍तेमाल करें.
30 मिनट बाद लें ब्रेक
ऑफिस हो या घर काम के दौरान हर 30 मिनट बाद ब्रेक लेना जरूरी है. बॉडी के पोश्‍चर को सही रखने के लिए जरूरी है काम के दौरान ब्रेक लें. एक ही पो‍जीशन में बैठे रहने से कमर और हाथों में दर्द हो सकता है इसलिए हर 30 मिनट बाद ब्रेक लेने से बॉडी मसल्‍स को रिलेक्‍स किया जा सकता है. इस दौरान वॉक या स्‍ट्रेच कर मसल्‍स को नॉर्मल किया जा सकता है.
दोनों हिप्‍स पर बैठे
कई लोगों को क्रॉस लैग करके बैठने की आदत होती है. क्रॉस लैग बैठने से पूरा भार एक हिप पर आता है. जिसकी वजह से स्‍पाइनल कॉर्ड पर प्रेशर क्रिएट होने लगता है. इसलिए जब भी देर तक बैठना हो तो दोनों हिप्‍स पर बराबर भार होना चाहिए. इसके अलावा कई पुरुषों की पेंट की जेब में पर्स रखने की आदत होती है. बैक पॉकेट में पर्स रखने से बैठने की पोजिशन में अंतर आता है जिस वजह से कमर की हड्डी एक ओर झुकने लगती


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