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इन योगासनों की आदत से गठिया के लक्षणों से राहत मिलेगी,

Teja
25 Jun 2022 11:40 AM GMT
इन योगासनों की आदत से गठिया के लक्षणों से राहत मिलेगी,
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जनता से रिश्ता वेब डेस्क न्यूज़ :-लाइफस्टाइल की गड़बड़ी, विशेषतौर पर बढ़ती शारीरिक निष्क्रियता के कारण पिछले कुछ वर्षों में गठिया या आर्थराइटिस की समस्या के शिकार लोगों के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। यहां तक कि अब कम उम्र वाले लोगों में भी गठिया की समस्या काफी तेजी से बढ़ती हुई देखी जा रही है। हड्डियों की इस समस्या में रोगी के लिए चलना और सीढियां चढ़ना तक काफी मुश्किल हो जाता है, समय के साथ यह समस्या बढ़ती जा सकती है।गठिया एक या अधिक जोड़ों में सूजन की समस्या है। गठिया की स्थिति में जोड़ों में दर्द और जकड़न की समस्या सबसे अधिक देखी जाती रही है। इस स्थिति पर ध्यान न देना समस्या को काफी अधिक बढ़ा सकती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, वैसे तो गठिया में होने वाले दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर दवाएं देते हैं पर इसके लक्षणों को कम करने और जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने में नियमित रूप से योग का अभ्यास करने की आदत आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। वहीं जो लोग नियमित योगाभ्यास करते हैं उनमें आगे चलकर गठिया या हड्डियों की अन्य समस्याओं का जोखिम काफी कम होता है। आइए जानते हैं कि आर्थराइटिस की समस्या से बचे रहने या इसके लक्षणों को कम करने के लिए किन योगासनों के अभ्यास की आदत बनाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है?

वीरभद्रासन योग का अभ्यास है फायदेमंद

वीरभद्रासन, शरीर के अंगों की बेहतर स्ट्रेचिंग करने में आपके लिए काफी सहायक अभ्यास है। योग विशेषज्ञ बताते हैं, क्रोनिक ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षणों को भी कम करके यह योगासन बाहों, पीठ के निचले हिस्से और पैरों को मजबूत और टोन करता है। यह उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है जो डेस्क पर लंबे समय तक काम करते रहते हैं। शरीर की सहनशक्ति बढ़ाने के साथ संतुलन में सुधार करने में इस योग के विशेष लाभ हैं।

वृक्षासन योग

शरीर की मांसपेशियों में मजबूती और रक्त के संचार को बेहतर बनाए रखने के लिए वृक्षासन योग को विशेष फायदेमंद अभ्यास माना जाता है। इसका नियमित अभ्यास गठिया की समस्या से आपको लंबे समय तक सुरक्षित रखने में सहायक है। हालांकि जिन लोगों को गठिया की दिक्कत है उनके लिए वृक्षासन योग करना थोड़ा कठिन हो सकता है। यह रक्त परिसंचरण को बढ़ाने, शरीर के संतुलन में सुधार करने के साथ एकाग्रता बनाता है और फोकस विकसित करता है।

सेतुबंधासन योग के लाभ

सेतुबंधासन या ब्रिज पोज योग को भी गठिया की समस्याओं से बचाव के लिए काफी कारगर अभ्यास के तौर पर माना जाता है। यह योग मुद्रा रक्त परिसंचरण में सुधार करके गर्दन, रीढ़, छाती और कूल्हों की बेहतर स्ट्रेचिंग में मदद करती है। आर्थराइटिस के लक्षणों को भी कम करने के लिए यह योग काफी फायदेमंद माना जाता है। सेतुबंधासन योग के नियमित अभ्यास की आदत बनानी चाहिए।



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