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तेजी से बढ़ रहा है आई फ्लू का खतरा, आपको जरूर होनी चाहिए इन बातों की जानकारी

SANTOSI TANDI
11 Aug 2023 9:41 AM GMT
तेजी से बढ़ रहा है आई फ्लू का खतरा, आपको जरूर होनी चाहिए इन बातों की जानकारी
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चाहिए इन बातों की जानकारी
देशभर में बारिश की वजह से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। राजधानी दिल्ली समेत देश के ज्यादातर राज्यों में इस समय जल भराव की समस्या देखने को मिल रही है। मॉनसून के इन दिनों में संक्रमण से जुड़ी कई बीमारियों का खतरा बना रहता हैं। इस समय देखने को मिल रहा हैं कि आई फ्लू या कंजंक्टिवाइटिस बच्चों और बड़ों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। कंजेक्टिवाइटिस को पिंक आई, रेड आई या आई फ्लू भी कहते हैं। पिंक आई आमतौर पर नाक से आंखों तक फैलती है और पहले खांसी-छींक आना शुरू होती है और फिर सूक्ष्म कण आंखों में चले जाते हैं और इंफेक्शन की वजह बनते हैं। यह आपके लिए बड़ी परेशानी बन सकता हैं। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपके लिए आई फ्लू से जुड़ी जरूरी जानकारी लेकर आए हैं। आइये जानते हैं...
क्या है आई फ्लू?
आई फ्लू यानी कंजंक्टिवाइटिस को "पिंक आई" के रूप में भी जाना जाता है। यह एक संक्रमण है, जो कंजंक्टिवा की सूजन का कारण बनता है। कंजंक्टिवा क्लियर लेयर होती है, जो आंख के सफेद भाग और पलकों की आंतरिक परत को कवर करती है। मानसून के दौरान, कम तापमान और हाई ह्यूमिडिटी के कारण, लोग बैक्टीरिया, वायरस और एलर्जी के संपर्क में आते हैं, जो एलर्जिक रिएक्शन्स और आई इंफेक्शन जैसे कंजंक्टिवाइटिस का कारण बनते हैं। कई मामलों में बैक्टीरिया का संक्रमण इसके लिए जिम्मेदार है। श्वसन तंत्र या नाक-कान अथवा गले में किसी तरह के संक्रमण के कारण वायरल कंजंक्टिवाइटिस होता है। संक्रमण की शुरुआत एक आंख से ही होती है, लेकिन जल्द ही दूसरी आंख को भी चपेट में ले लेता है। इंफेक्टिव कंजंक्टिविटीज़ के कुछ मामलों में उपचार के बिना कुछ दिनों से 2 सप्ताह के भीतर निर्धारित किया जाता है लेकिन कुछ में एक महीने तक का समय लग सकता है। बैक्टीरियल कंजंक्टिविटीज़ के लिए एंटीबायोटिक्स रिकवरी के समय को कम कर सकते हैं और दूसरों को संक्रमण की सीमा कम कर सकते हैं।यदि इसके लक्षण 2 सप्ताह या उससे अधिक समय तक बने रहते हैं, तो मरीज़ को अपने चिकित्सक को दिखाना चाहिए, जो उसके निदान का पुनर्मूल्यांकन करेगा और उपचार में सुधार करेगा।
आई फ्लू के लक्षण
- आँखों का लाल हो जाना और सूज जाना
- आँखों से पानी निकलना
- धुंधली दृष्टि हो जाना
- आँखों से खून बहना
- पलकों पर सूजन होना
- रगड़ के कारण सूजन आना
- पलकों का चिपक जाना
- आँखों में तेज खुजली या दर्द होना
- आँख रेत की तरह किरकिरी होना और दर्द होना
- सूरज की रोशनी या तेज रोशनी के प्रति असंवेदनशीलता, जिसे फोटोफोबिया भी कहा जाता है।
आई फ्लू के दौरान बरतें ये सावधानियां
- आई फ्लू होने पर आंखों को बार-बार छूने से परहेज करना चाहिए।
- स्कूल जाने वाले बच्चों को अगर आई फ्लू हो गया है तो 3 से 5 दिन बच्चों को घर में ही रहने के लिए कहें।
- आंखों में कंजेक्टिवाइटिस की दवा डालें और जब इंफेक्शन कम होने लगे तब ही घर से निकलें या लोगों से मिलें।
- आई फ्लू कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है। बहुत गंभीर स्थिति में यह 10 से 14 दिनों या फिर एक महीने तक रह सकता है। बैक्टीरियल पिंक आई इंफेक्शन है तो 10 दिन तक दिक्कत कर सकता है।
- आंखों को बार-बार रगड़ने से परहेज करें। अपने पास साफ टिशू पेपर या रुमाल रखें और आंखों से निकले पानी को उससे साफ करें। आखें रगड़ने से बचें क्योंकि इससे दिक्कत बढ़ सकती है।
- गर्म रुमाल को आंखों पर रखने से आराम मिल सकता है। आंखों में हो रही दिक्कत गर्म सिंकाई से कम होती है।
- आंखों के आस-पास किसी भी तरह का मेकअप करने से बचें। खासकर ब्रश या आइशैडो वगैरह आंखों के पास ना लेकर आएं।
- आंखों की सही तरह से सफाई करना जरूरी है। इसलिए आंखों को गंदे हाथों से बार-बार छूने से भी बचें। रोज नहाएं और आंखों को पानी से साफ करें।
- जिन लोगों को कंजेक्टिवाइटिस है उनके करीब आने से परहेज करें ताकि आपकी आंखें संक्रमित ना हों।
- अन्य लोगों की चीजें इस्तेमाल करने से परहेज करें।
आई फ्लू के घरेलू उपचार
गर्म पानी
आँखों के ऊपर जमा गंदगी को दूर करने के लिए हल्के गर्म पानी से आँख धोएं। गरम पानी को किसी बर्तन में निकालिये और हल्का ठंडा कर लीजिये और आप उस गर्म पानी से सीधे अपनी आँखों को भी धो सकते हैं, जिससे आँखों की गंदगी बाहर निकल जाएगी।
आंवले का रस
आंवले का रस निकाल लें और उस रस को एक गिलास पानी में पिएं। आंवले के रस का प्रयोग सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले दिन में दो बार करना चाहिए।
शहद और पानी का इस्तेमाल
एक गिलास पानी में 2 चम्मच शहद मिलाएं और फिर उस पानी से अपनी आँखों को साफ करें।
पालक और गाजर का रस
पालक के 4 या 5 पत्तों को पीसकर उसका रस निचोड़ लें और 2 गाजर को पीसकर उसका रस निकाल लें। एक गिलास पानी में आधा कप पानी भरकर उसमें गाजर और पालक का रस मिलाकर पी लें। रोजाना ऐसा करने से आँखों का संक्रमण कम होने लगता है। आँखों के संक्रमण के लिए पालक और गाजर का रस बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि इनमें पाए जाने वाले विटामिन आँखों के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं।
हल्दी और गर्म पानी
2 चम्मच हल्दी पाउडर को 2 से 3 मिनट तक गर्म करें। उस हल्दी को एक गिलास गर्म पानी में मिला लें। कॉटन की मदद से आँखों को साफ करें। गर्म पानी में हल्दी मिलाकर आँखों को रूई से पोंछना चाहिए।
आलू
एक आलू को पतले टुकड़ों में काट लें। रात को सोने से पहले कटे हुए आलू को 10 मिनट के लिए आँखों पर लगाएं और फिर निकाल लें। आलू में स्टार्च की मात्रा अधिक होती है, जो आँखों के संक्रमण को ठीक करता है।
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