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मानसून में बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है, ऐसे में तीसरी लहर खौफनाक साबित हो सकती है, जाने क्या है विशेषज्ञों का कहना

Tulsi Rao
13 July 2021 2:21 AM GMT
मानसून में बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है, ऐसे में तीसरी लहर खौफनाक साबित हो सकती है, जाने क्या है विशेषज्ञों का कहना
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मानसून की शुरुआत होते ही वैसे ही कई बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है ऐसे में तीसरी लहर खौफनाक साबित हो सकती है. मानसून से कोरोना वायरस के फैलाव पर कितना असर पड़ेगा इसको लेकर विशेषज्ञों ने रिसर्च की है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश में कोरोना की दूसरी लहर थम गई है लेकिन इस लहर में बने हालातों ने लोगों के जहन में डर पैदा कर दिया था. वहीं, अब विषेशज्ञ लगातार तीसरी लहर के दस्तक देने की बात कर रहे हैं. मानसून की शुरुआत होते ही वैसे ही कई बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है ऐसे में तीसरी लहर खौफनाक साबित हो सकती है.

आइये जानते है क्या कहना है विषेशज्ञों का कोरोना की तीसरी लहर और क्या मानसून से इसका प्रभाव और खतरनाक होगा?
देश में दक्षिण-पश्चिम मानूसन लेकर आता है और बारिश के चलते लोगों को कई बीमारियों का शिकार होते देखा जाता है. डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, टाइफाइड जैसी कई बीमारियों के लोग शिकार हो जाते हैं. मानसून में मौसमी फ्लू के मामले भी तेजी से बढ़ते देखे जाते हैं.
मानसून शुरू होने के पहले इस वृद्धि दर में करीब 60 प्रतिश की गिरवाट दर्ज- विशेषज्ञ
विशेषज्ञों का कहना है कि बरसात के मौसम में उन्हें कोरोना और यूवीआई से हुई मौतों के बीच एक बड़ा और महत्वपूर्ण संबंध मिला है. उनके मुताबिक, मानसून में कोरोना से होने वाली मौतों में 13 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है. उन्होंने कहा कि भारत में मानसून शुरू होने के पहले इस वृद्धि दर में करीब 60 प्रतिशत की गिरवाट दर्ज हुई है. मतलब ये कि मानसून कोरोना वायरस से हो रही मौत दर को घटा रहा है.
विशेषज्ञों का कहना है कि फिर भी लोगों की छोटी सी भी लापरवाही इसको बदल सकती है और दूसरी लहर के मुकाबले तीसरी लहर और भहायवह साबित हो सकती है.


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