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फल- सब्जियों का सेवन करने वाले बच्चे की शारीरिक सेहत दूसरे बच्चों की तुलना में होती है तेज, मानसिक सेहत भी रहती है दुरुस्त

Tulsi Rao
29 Sep 2021 4:47 AM GMT
फल- सब्जियों का सेवन करने वाले बच्चे की शारीरिक सेहत दूसरे बच्चों की तुलना में होती है तेज, मानसिक सेहत भी रहती है दुरुस्त
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फल सब्जियां और पोषण युक्त आहार बच्चों की शारीरिक सेहत के लिए जरूरी है, यह तो सभी जानते हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। फल सब्जियां और पोषण युक्त आहार बच्चों की शारीरिक सेहत के लिए जरूरी है, यह तो सभी जानते हैं। एक हालिया अध्ययन की मानें तो इससे बच्चों की मानसिक सेहत भी दुरुस्त रहती है। अध्ययन के मुताबिक जो बच्चे पोषण युक्त ब्रेकफास्ट और अधिक सब्जियां व फलों का सेवन करते हैं उनकी मानसिक सेहत अच्छी होती है।

हिंसा जितना हानिकारक खराब आहारः
शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि खराब आहार संभावित रूप से विद्यार्थियों की मानसिक सेहत के लिए उतना ही हानिकारक है, जितना कि घर में हिंसा के संपर्क में रहना। उन्होंने कुछ बच्चों के भोजन और नाश्ते की गुणवत्ता को चिंताजनक बताया और उन्हें सुधारने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का सुझाव दिया है। उनका कहना है कि कार्रवाई करने में विफलता बच्चों के मानसिक-शारीरिक विकासऔर शिक्षा पर भी असर डाल सकती है, जिससे कक्षा में ध्यान केंद्रित करने की उनकी क्षमता में बाधा आती है।
फल-सब्जियां खाने वालों का मानसिक सेहत स्कोर अधिकः
ईस्ट एंग्लिया विश्वविद्यालय के पोषण विशेषज्ञों ने 50 स्कूलों में 10,853 विद्यार्थियों से उनके आहार और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की। माध्यमिक विद्यालय के केवल 25 प्रतिशत विद्यार्थियों और प्राथमिक विद्यालय के 28.5 प्रतिशत विद्यार्थियों ने एक दिन में अनुशंसित पांच भाग फल और सब्जी खाने की जानकारी दी। कुछ दस प्रतिशत और नौ प्रतिशत ने क्रमशः कुछ नहीं खाया। इसके अलावा माध्यमिक विद्यालय के 22.3 प्रतिशत और प्राथमिक के 10.2 प्रतिशत विद्यार्थियों ने नाश्ते में केवल एक पेय का सेवन किया या कुछ भी नहीं खाया। माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए औसत मानसिक स्वास्थ्य स्कोर 70 में से 46.6 और प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए 60 में से 46 था। माध्यमिक विद्यालय के वे छात्र, जिन्होंने एक दिन में पांच या अधिक फल या सब्जियां खाईं, उनका औसत स्कोर उन लोगों की तुलना में 3.73 यूनिट अधिक था, जिन्होंने कुछ नहीं खाया।
जिन विद्यार्थियों ने नाश्ते में केवल एक स्नैक या ब्रेकफास्ट बार का सेवन किया, उनका स्कोर टोस्ट, दलिया, अनाज, दही, फल, या फ्राई-अप का सेवन करने वालों की तुलना में 1.15 यूनिट कम रहा। माध्यमिक विद्यालय के वे छात्र, जिनके पास नाश्ते के लिए कुछ नहीं था, उन्होंने पारंपरिक भोजन करने वालों की तुलना में 2.73 अंक कम प्राप्त किए और केवल एनर्जी ड्रिंक पीने वालों के 3.14 अंक कम थे।
प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर आइल्सा वेल्च ने कहा कि प्रारंभिक जीवन में मानसिक स्वास्थ्य का विकास महत्वपूर्ण है। किशोर उम्र में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, अक्सर वयस्कता में भी बनी रहती हैं, जिससे जीवन के परिणाम और उपलब्धि खराब होती हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीतियों और स्कूल नीतियों को विकसित किया जाना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्कूल से पहले और स्कूल के दौरान सभी बच्चों को अच्छी गुणवत्ता का पोषण उपलब्ध हो। इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सके।


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