लाइफ स्टाइल

जितना रहोगे व्यस्त उतना रहोगे स्वस्थ

Ritisha Jaiswal
24 Jun 2022 8:10 AM GMT
जितना रहोगे व्यस्त उतना रहोगे स्वस्थ
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बहुत बार हम अपने आप को एक कवच एक शैल में बंद कर लेते हैं और दुनिया से दूर हो जाते हैं। हमें ना तो दुनिया दिखाई देती है और ना ही सुनाई देती है

बहुत बार हम अपने आप को एक कवच एक शैल में बंद कर लेते हैं और दुनिया से दूर हो जाते हैं। हमें ना तो दुनिया दिखाई देती है और ना ही सुनाई देती है। कई लोग इसे ध्यान या मेडिटेशन भी कहते हैं और कई इसे सुकून। पर यकीन मानिए यह शैल ना केवल आपको दुनिया से अलग करता है बल्कि यह आपकी कर्म करने की क्षमता पर भी उतना ही प्रभाव डालता है। सर्वे किया जाए तो जो लोग अलग थलग दुनिया में रहते हैं वो डिप्रेशन के शिकार जल्दी हो जाते है उन्हें लगने लगता है मानो उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी जी ली हो।

शायद गीता जैसे उपनिषद में इसे ही कर्मविहीनता कहा गया है। जिस तरह श्री कृष्ण भगवान ने कहा है कर्म ही जीवन का आधार है तो क्या यह कहना अनुचित होगा की जो व्यक्ति कर्मवीहीन है उसका जीवन व्यर्थ है। हमें यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि राष्ट्र हित व्यक्तिगत हित और सामाजिक हित तभी सम्भव है यदि पूरा राष्ट्र पूरा समाज एकजुट होकर उन्नति के लिए अपना योगदान दे।
आज जितने भी गुरु आध्यात्मिक विद्या देते है उनके उपदेश का सार भी कर्म ही है। ध्यान के माध्यम से सेल्फ़ इंजीनियरिंग सिखायी जा रही है। स्वयं गुरु भी आश्रम में कार्य प्रचार कार्य करते दिखाई देते है। आप में से बहुतों ने देखा होगा पशु पक्षियों और जानवरों को काम करते हुए। क्या हो यदि सारी प्रकृति स्वयं को भी शेल में बंद कर ले।
कहने का भाव केवल इतना है कि स्वयं को हम जितना ज्यादा बिजी रखेंगे हम उतना ही स्वस्थ तन और स्वस्थ मन का अनुभव करेंगे। आइये अपने आप को शैल से बाहर निकालें और घुल मिल जाएं प्रकृति दुनिया के रंगों में। फिर हमें दुनिया व्यर्थ दौड़ती भागती नही बल्कि संसार में अपना योगदान निभाती दिखेंगी और हम उसके साथ आशाओं के सफ़र पर निकल जाएंगे।
काम में व्यस्त इंसान के पास व्यर्थ की बातें सोचने का समय नही होता। किसी ने ठीक ही कहा है ख़ाली दिमाग शैतान का घर ! कार्य करते रहने से ना सिर्फ शरीर बल्कि दिमाग भी वयस्त रहता है। घर में हो या बाहर अपने आप को वयस्त रखिए। किसी जॉब या व्यवसाय में है तो ठीक अगर नही तो किसी समाज सेवी संगठन के साथ जुड़ जाएं या फिर उन लोगों की मदद में जुट जाएं जिन्हें आपकी ज़रूरत है । दुनिया बहुत खूबसूरत है और हर ज़र्रे को ईश्वर ने किसी कारण से रचा और संवारा है।


Ritisha Jaiswal

Ritisha Jaiswal

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