लाइफ स्टाइल

अप्रैल से लेकर जून तक का महीना है इस जगह को एक्सप्लोर करने के लिए बेस्ट

Apurva Srivastav
7 May 2024 3:17 AM GMT
अप्रैल से लेकर जून तक का महीना है इस जगह को एक्सप्लोर करने के लिए बेस्ट
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लाइफस्टाइल : घूमने के लिए किसी ऐसे ठिकाने की तलाश कर रहे हैं, जहां आप दो से तीन दिनों की छुट्टियां आराम में एन्जॉय कर सकें और जो बजट में, तो आज हम ऐसी ही एक जगह के बारे में आपको बताने वाले हैं। गर्मियों में ज्यादातर लोग छुट्टियां मिलते ही हिल स्टेशन्स की ओर भी भागते हैं, जिस वजह से मसूरी हो या मनाली ऐसी खचाखच भीड़ हो जाती है कि घूमने का सारा मजा ही किरकिरा हो जाता है। कई बार तो रहने के लिए होटल्स भी नहीं मिलते।
दिल्ली के नजदीक बसा हिमाचल प्रदेश तपती गर्मियों से राहत पाने की शानदार जगह है और यहां है भीड़ और शोरगुल से दूर एक छोटा-सा गांव 'ग्रहण'। जो आज भी लोगों की नजरों से दूर है। प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर इस जगह आकर आप बिता सकते हैं आराम से दो से तीन दिनों की छुट्टियां।
ग्रहण गांव की खासियत
हिमाचल प्रदेश की पार्वती वैली से तो आप वाकिफ होंगे ही। इसी घाटी में बसा है ग्रहण गांव। कसौल जिले का यह गांव समुद्र तल से करीब 7,700 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। गांव में कुल मिलाकर 50 घर हैं जिसमें लगभग 350 लोग रहते हैं। इस खूबसूरत गांव तक पहुंचने के लिए ट्रेकिंग करनी पड़ती है, जो कसौल से शुरू होती है। लगभग 8 किमी का सफर तय करके आप इस गांव पहुंच जाएंगे। जिसमें 4 से 5 घंटे लग सकते हैं। ट्रेकिंग के दौरान ऐसे-ऐसे नजारे देखने को मिलते हैं कि आप बस उनमें खो जाएंगे। गांव में बहुत ज्यादा घूमने के ऑप्शन्स नहीं हैं, लेकिन रिलैक्सिंग वीकेंड एन्जॉय करने के लिए यह बेस्ट जगह है।
ग्रहण घूमने का बेस्ट सीजन
इस गांव को घूमने का बेस्ट सीजन अप्रैल से लेकर जून है। सर्दियों में यहां भयंकर बर्फ पड़ती है और मानसून में फिसलन के चलते यहां पहुंचना मुश्किल होता है।
कैसे पहुंचे ग्रहण?
फ्लाइट सेः यहां तक पहुंचने के लिए आपको भुंतर एयरपोर्ट जाना होगा। भुंतर से कसौल 31 किमी दूर है। वहां से ग्रहण के लिए ट्रैकिंग करनी होती है।
ट्रेन सेः अगर आप यहां ट्रेन से आने की सोच रहे हैं, तो पठानकोट सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। पठानकोट से कसौल की दूरी 150 किमी है। बस या टैक्सी लेकर कसौल तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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