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आज ही सदी का सबसे लंबा आंशिक चंद्रग्रहण,इन कुछ क्षेत्रों में ही देखा जा सकेगा

Kajal Dubey
19 Nov 2021 2:26 AM GMT
आज ही सदी का सबसे लंबा आंशिक चंद्रग्रहण,इन कुछ क्षेत्रों में ही देखा जा सकेगा
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आज कार्तिक पूर्णिमा का पवित्र त्योहार है और आज ही सदी का सबसे लंबा आंशिक चंद्रग्रहण भी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज कार्तिक पूर्णिमा का पवित्र त्योहार है और आज ही सदी का सबसे लंबा आंशिक चंद्रग्रहण भी है। यह चंद्र ग्रहण साल 2021 का आखिरी चंद्रग्रहण होगा इसके बाद 04 दिसंबर को साल आखिरी सूर्य ग्रहण भी लगेगा। यह आंशिक चंद्रग्रहण जिसे भारत में उपच्छाया चंद्र ग्रहण का नाम दिया जा रहा है। खगोल वैज्ञानिकों का मानना है कि इतना लंबा चंद्रग्रहण 580 साल के बाद दोबारा से दिखाई देगा। इतने लंबे समय तक चलने वाला यह चंद्रग्रहण इससे पहले 18 फरवरी 1440 को पड़ा था। आइए जानते हैं 19 नवंबर 2021 को लगने वाले चंद्रग्रहण की हर एक जानकारी...

चंद्रग्रहण का समय
यह चंद्रग्रहण 19 नवंबर शुक्रवार को भारतीय समय के अनुसार सुबह 11 बजकर 34 मिनट से शुरू हो जाएगा। यह इसका पहला स्पर्शकाल होगा। ग्रहण की समाप्ति शाम 05 बजकर 33 मिनट पर होगा। इस उपच्छाया चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 05 घंटे 59 मिनट की होगी।
इस राशि और नक्षत्र में लगेगा चंद्रग्रहण
ज्योतिष गणना के अनुसार साल का यह आखिरी चंद्रग्रहण कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन वृषभ राशि और कृतिका नक्षत्र में लगेगा
चंद्र ग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा
भारत में यह चंद्र ग्रहण सिर्फ पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों में ही देखा जा सकेगा। खास तौर पर अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ हिस्सों में। इसके अलावा अगर दुनिया की बात करें तो यह चंद्र ग्रहण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्रों में देखा जा सकेगा।
भारत में यह उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा
साल का यह आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। यानी आप इसे देख नहीं सकेगे। उपच्छाया चंद्र ग्रहण में चांद पर एक मटमैले रंग की परस सी चढ़ी हुई दिखाई देगी। इस ग्रहण के बाद चंद्र ग्रहण 08 दिसंबर 2022 को देखने को मिलेगा।
इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा
भारत में यह चंद्र ग्रहण उपच्छाया होने के कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं रहेगा। ज्योतिष और धार्मिक नजरिए से उपच्छाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण नहीं माना जाता है इसी कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूतक काल मान्य न होने कारण किसी भी तरह की पाबंदी नहीं रहेगी।


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