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लाइफस्टाइल: हार्ट हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। जिसका हेल्दी रहना बहुत जरूरी है। लेकिन आजकल बच्चे से लेकर बड़े तक हार्ट समस्या से परेशान रहते हैं। पहले तो 60 के पार होने के बाद हार्ट से जुड़ी प्रॉब्लमस हुआ करती थी, लेकिन आजकल खराब लाइफस्टाइल के चलते छोटी उम्र के बच्चों और जवानों को भी हार्ट अटैक की समस्या होने लगी है। इसका एक कारण धूम्रपान यानि स्मोकिंग भी है। जो आजकल हर उम्र के लोगों के लिए एक एटीटयूट सिंबल बन गया है, जो ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट से जुड़ी परेशानियों का कारण बनता जा रहा है। यह बात जो सभी जानते है कि स्मोकिंग से धमनियां यानि आट्रिज ब्लॉक हो जाती हैं, जिससे कोरोनरी हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन हाल ही में हुई एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि, स्मोकिंग से हार्ट मोटा और कमजोर हो सकता है। इस रिसर्च में ये पाया गया कि कोई व्यक्ति जितना ज्यादा स्मोकिंग करता हैं, उसका हार्ट फंक्शन उतना ही खराब होता जाता है। जब लोगों ने इस आदत को छोड़ा तो हार्ट का फंक्शन फिर से सुचारू हो गया।
तो आइए जानते है कैसे छोटी सी सिगरेट आपके दिल को बीमार कर सकती है. छोले या राजमा, दोनों में से वेटलॉस के लिए क्या है बेहतर विकल्प?सिगरेट और हार्ट डिजीज का संबंध स्मोकिंग करने वालों के हार्ट के बाएं चेंबर में ब्लड की मात्रा कम होती है और शरीर के बाकी हिस्सों में इसे पंप करने की शक्ति कम होती है। ऐसे में वे जितना ज्यादा सिगरेट पीते हैं, उनका हार्ट फंक्शन उतना ही खराब होता जाता है। लेकिन कोई व्यक्ति अगर इसके साइड इफेक्ट को लेकर समय रहते सचेत हो जाए और स्मोकिंग करना बंद कर दें तो हार्ट का फंक्शन कुछ हद तक ठीक हो सकता है, इसलिए इसे छोड़ने में कभी देर नहीं होती। दाढ़ी-मूंछ के बाल होने लगे है सफेद, काला और घना करने के ये हैं 10 टिप्स विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, तंबाकू से हर साल 80 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होती है। स्मोकिंग करने वालों में होने वाली सभी परिहार्य मौतों में से 50 प्रतिशत के लिए सिगरेट जिम्मेदार है, इनमें से आधे एथेरोस्क्लोरोटिक कार्डियोवस्कुलर डिजीज जैसे कि दिल का दौरा और स्ट्रोक के कारण होते हैं।
इसके अलावा आट्रिज पर स्मोकिंग के हानिकारक प्रभाव और आट्रियल डिज़ीज जैसे कि हार्ट अटैक और स्ट्रोक को लेकर भी सभी भलीभांति परिचित है। नए स्टडी में ये भी पता लगाया कि कार्डियोवस्कुलर डिज़ीज नहीं होने पर भी क्या स्मोकिंग का हार्ट के फंक्शन और स्ट्रक्चर में बदलाव का कोई संबंध था। इस स्टडी में 20 से 99 वर्ष की उम्र के उन कुल 3,874 पार्टिसिपेंट के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया जिनको हार्ट डिज़ीज नहीं थी। इन पार्टिसिपेंटस की आयु 56 साल की थी और इनमें 43 प्रतिशत महिलाएं थीं। इस स्टडी में ये बात सामने आई कि स्मोकिंग ना करने वालों की तुलना में, स्मोकिंग करने वालों के दिल मोटे, कमजोर और भारी थे। सिर्फ इन 5 गलतफहमियों की वजह से पुरुष नसबंदी कराने से कतराते हैं, जानें क्या है सच और झूठ इसके अलावा, रिसचर्स ने पाया कि जिन लोगों ने 10 साल के पीरियड में स्मोकिंग की आदत जारी रखी, उनका हार्ट उन लोगों से ज्यादा मोटा, भारी और कमजोर पाया गया जिन्होंने दस साल पहले स्मोकिंग छोड़ दी थी। इस रिपोर्ट से ये बात साफ हो गई है स्मोकिंग ना केवल रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है बल्कि सीधे दिल को भी नुकसान पहुंचाता है। इसलिए ये जरूरी है कि समय रहते स्मोकिंग की इस आदत को छोड़ दिया जाए। वैसे भी कहते है ना कि, अच्छा काम करने के लिए कभी भी देर नहीं होती है, जब जागो तभी सवेरा हो जाता है। अगर आप भी स्मोकिंग के आदि है, तो आज ही इसे छोड़ने का संकल्प लें। साथ ही एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं, जिसमें हेल्दी डाइट के साथ ही रेगुलर एक्सरसाइज शामिल हो।
Manish Sahu
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