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हेपेटाइटिस नामक रोग बेहद खतरनाक है,जानिए हेपेटाइटिस के प्रकार और लक्षण

Kajal Dubey
23 Nov 2020 11:45 AM GMT
हेपेटाइटिस नामक रोग बेहद खतरनाक है,जानिए हेपेटाइटिस के प्रकार और लक्षण
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लिवर शरीर का महत्वपूर्ण अंग होता है, यह खाना पचाने, जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने और शरीर में उर्जा को इकट्ठा करने का काम करता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | लिवर शरीर का महत्वपूर्ण अंग होता है, यह खाना पचाने, जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने और शरीर में उर्जा को इकट्ठा करने का काम करता है. लिवर में एक हेपेटाइटिस (Hepatitis) नाम का रोग भी हो जाता है, जो काफी खतरनाक होता है. अगर हेपेटाइटिस बीमारी ज्यादा समय तक रहती है, तो लिवर काम करना बंद कर देता है या फिर लिवर कैंसर हो जाता है. हेपेटाइटिस अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन, संक्रमण, ऑटोइम्यून यानी स्व-प्रतिरक्षित रोग से होता है, जिससे लिवर में सूजन और जलन की समस्या होती है, इसे ही हेपेटाइटिस रोग कहते हैं.

हेपेटाइटिस के प्रकार और लक्षण

हेपेटाइटिस पांच प्रकार के होते हैं- हेपेटाइटिस-ए, हेपेटाइटिस-बी, हेपेटाइटिस-सी, हेपेटाइटिस-डी और हेपेटाइटिस-ई. इनमें से ए, बी और सी सबसे आम प्रकार है.

हेपेटाइटिस होने का कारण कोई भी हो, पर इसके लक्षण और संकेत एक तरह के ही होते हैं. हेपेटाइटिस के मरीज की त्वचा और आंखों का रंग पीला होने लगता है. थकावट रहना, जी मचलाना, पेशाब का रंग गहरा, पेट दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द लक्षण हो सकते हैं. कुछ लोगों को बुखार और उल्टी की भी शिकायत हो सकती है.

हेपेटाइटिस-ए

हेपेटाइटिस-ए तब होता है, जब हम संक्रमित पानी, संक्रमित भोजन और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं. इसके इलाज में ज्यादातर लोग अपने आप ही स्वस्थ हो जाते हैं. इसमें विशेश तरह के इलाज की जरूरत नहीं होती है.

कैसे बचें-

इससे बचने का एक तरीका वेक्सीन लेना है. दूसरा आप खुद को स्वच्छ रखकर बचाव कर सकते हैं. खाने-पीने से पहले आप हाथों को अच्छे से धोएं. वहीं, टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद भी हाथ अच्छे से साफ करें. वहीं, इसका कोई ठोस इलाज नहीं है, यह अपने आप से ही टीक हो जाता है.

लक्षण-

हेपेटाइटिस-ए से संक्रमित लोग अक्सर थका हुआ और बीमार महसूस करते हैं. इसलिए आराम करना चाहिए. अगर उल्टी हो तो डिहाइड्रेशन रोकने के लिए ज्यादा तरल खाद्य पदार्थ का सेवन करें.

हेपेटाइटिस-बी

ज्यादातर हेपेटाइटिस-बी के मरीज कुछ समय में ही ठीक हो जाते हैं. इसे एक्यूट हेपेटाइटिसबी कहते हैं. संक्रमित होने के छह महीने बाद तक एक्यूट हेपेटाइटिस बी रहता है. लेकिन लिवर को नुकसान पहुंचने की संभावना कम रहती है. इसके लिए डॉक्टर आराम करने, अच्छा खाना खाने, और तरल पदार्थ पीने को कहते हैं.

हेपेटाइटिस-सी

हेपेटाइटिस-सी इन दोनों से सबसे गंभीर माना जाता है. यह दूषित खून के संपर्क में आने से फैलता है, जैसे संक्रमित व्यक्ति से अंग प्रत्यारोपण करना, खून चढ़ने, रेजर या टूथब्रश जैसी चीजें का साथ में इस्तेमाल करना. संक्रमित महिला से उसके बच्चे में भी यह बीमारी फैल सकती है. इसके इलाज में एंटीवायरल दवा दी जाती है. अगर किसी को सिरोसिस या लिवर संबंधी अन्य कोई रोग हो गया है, तो उनको लिवर प्रत्यारोपण भी करवाना पड़ सकता है.

(नोट: कोई भी उपाय अपनाने से पहले डॉक्टर्स की सलाह जरूर लें)


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