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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मां बनना किसी महिला के जीवन के कुछ सबसे सुखद पलों में से एक होता है. इसके बाद ही किसी महिला के जिंदगी में एक नए बेटी या बेटे के रूप में एक नए सदस्य का स्वागत होता है. गर्भावस्था में महिलाओं के जीवन में कई सारे बदलाव आते हैं. उनके खाने-पीने से लेकर रहन सहन हर स्तर पर बदलाव होता है. लेकिन प्रेगनेंसी के कुछ लक्षण भी होते हैं जिनके जरिए ये आसानी से पता लगाया जा सकता है कि आप प्रेगनेंट हैं या नहीं. आइये जानते हैं कि प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में शरीर किस तरह के संकेत देता है.
वजाइनल डिस्चार्ज
प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं. जिस वजह से वजाइना की वॉल मोटी हो जाती है और वजाइना की कशिकाएं या सेल्स बढ़ जाते हैं. इसके अलावा स्तनों या ब्रेस्ट में भी प्रेगनेंसी के दौरान बदलाव देखने को मिलता है. गर्भवती होने पर ब्रेस्ट में भारीपन, झनझनाहट या छूने पर दर्द होना गर्भवती होने के संकेत माने जाते हैं.
उल्टी आना या जी मचलाना
प्रेगनेंसी के सबसे शुरुआती लक्षणों में जी मचलाना या उल्टी का आना भी शामिल है. कई बार फिल्मों और टीवी सिरियलों के दौरान भी उल्टी आने या जी मचलाने या खट्टा खाने का मन होना जैसे लक्षणों को प्रेगनेंसी के सिम्पटम के तौर पर दिखाया जाता है. प्रेगनेंसी के दौरान महीलाओं को पहला पीरियड मिस होने से पहले मॉर्निंग सिकनेस फील होती है. इस सिकनेस में भी उल्टी आना या जी मचलाना शामिल है.
पीरियड्स का मिस होना
पीरियड्स का मिस होना भी प्रेगनेंसी के शुरुआती संकेतों में से एक माना जाता है. अगर कई बार से पीरियड्स मिस हो रहे हैं तो प्रेगनेंसी टेस्ट कराया जा सकता है. इसके अलावा गर्भवती होने पर हल्की ब्लीडिंग भी महसूस की जाती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि फर्टिलाइजर एग बच्चेदानी की लाइनिंग से चिपकने लगता है. इस प्रॉसेस में कई बार ब्लीडिंग होती है.
शरीर में थकावट का फील होना
गर्भवती होने पर शरीर में थकावट भी महसूस होती है. दरअसल ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बढ़ने लगता है. यह हॉर्मोन गर्भ में पल रहे बच्चे के सही विकास के लिए जरूरी होता है. लेकिन यही हार्मोन महिलाओं के शारीरिक थकान के लिए भी जिम्मेदार होता है.
न्यूज़ क्रेडिट: zee-hindustan
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