लाइफ स्टाइल

रोजाना बच्चे को सुलाने से पहले सुनाएं कहानी, इससे बच्चे को कई तरह के फायदे मिलेंगे

Neha Dani
13 July 2023 1:59 PM GMT
रोजाना बच्चे को सुलाने से पहले सुनाएं कहानी, इससे बच्चे को कई तरह के फायदे मिलेंगे
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लाइफस्टाइल: आजकल हर कोई टेक्नॉलॉजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं। इन दिनों पैरेंट्स ऑफिस में बिजी रहते हैं, वहीं बच्चों का कुछ समय स्कूल में बीतता है तो वहीं बचे हुए समय में बच्चे मोबाइल या टीवी में लग रहते हैं। वहीं अगर आप अपने बचपन के दिनों को याद करें तो दादी-नानी से कहानी सुनने को लेकर बहुत चाव रहता था लेकिन अब कहानी की जगह मोबाइल व टीवी ने ले ली है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चों को सोने से पहले कहानी सुनाने पर आपको कई तरह के फायदे मिल सकते हैं। बढ़ेगी इमेजिनेशन- कहानी सुनते समय बच्चे कहानी में पूरी तरह से खो जाते हैं। इस दौरान बच्चे काल्पनिक कहानियों को इमेजिन भी करने लगते हैं। ऐसा करने पर उनकी सोचने की क्षमता बढ़ती है और दिमाग भी तेज होता है। बढ़ेगी गहरी समझ- कहानी सुनाना बच्चों के लिए मजेदार और रोमांचक होता है। हालांकि, यह किसी को भी अलग-अलग संस्कृतियों और परंपराओं का अनुभव करने में सक्षम बनाता है। ऐसा करने पर बच्चे बिना जाने ही दुनिया के बारे में नई जानकारी सीखते हैं। नींद में मिलेगी मदद- सोने से पहले बच्चों को कहानी सुनाने के अच्छा फायदा ये है कि उन्हें नींद आने में मदद मिलेगी। सोने से पहले अगर बच्चा कहानी सुनता है तो इससे वह जल्दी सो जाते हैं। साथ ही उन्हें नींद भी काफी गहरी आती है। ध्यान लगाने की बढ़ेगी क्षमता- कहानी सुनते समय बच्चे अपना पूरा ध्यान स्टोरी पर रखते हैं। ऐसे में जब आप रोज उन्हें कहानियां सुनाएंगे तो उनका ध्यान बढ़ेगा। बच्चा कर रहा ऐसी हरकतें तो समझ जाएं कोई बात कर रही परेशान, जरूरी है समाधान बच्चा कर रहा ऐसी हरकतें तो समझ जाएं कोई बात कर रही परेशान, जरूरी है समाधान बड़ा बच्चा हो या फिर छोटा, अगर आपके बच्चे इस तरह की हरकतें कर रहे हैं तो उन्हें शरारत समझकर इग्नोर ना करें। बल्कि उसे समझने और परेशानी को दूर करने की कोशिश करें। बच्चा कर रहा ऐसी हरकतें तो समझ जाएं कोई बात कर रही परेशान, जरूरी है समाधान
बच्चे 3-4 साल की उम्र आने के साथ ही ज्यादातर चीजों को समझने लगते हैं और अपने हाव-भाव को व्यक्त करने लगते हैं। इसके साथ ही बच्चों की लाइफ में बड़ा बदलाव आता है जब वो स्कूल जाना या प्ले स्कूल में जाना शुरू करते हैं। इस दौरान वो ज्यादा लोगों के संपर्क में आते हैं और नई चीजों को सीखते हैं। जिसकी वजह से वो काफी प्रेशर झेलते हैं। लेकिन कई बार पैरेंट्स को लगता है कि बच्चा ऐसा केवल शरारत की वजह से कर रहा है। लेकिन अगर आपका बढता हुआ बच्चा अचानक से गुमसुम हो गया है या फिर ज्यादा शरारत करने लगा और पकड़ में नहीं आता। तो जरूरत है उसे समझने और समझाने की। अगर बच्चा इस तरह की हरकतों को करता है उसे बच्चे की शरारत या शैतानी समझकर डांटे या इग्नोर ना करें। बल्कि कारण को जानने की कोशिश करें और उसकी परेशानी को दूर करें।
बच्चे को कोई बात अगर परेशान कर रही है तो हो सकता है वो इस तरह का व्यवहार करे। बच्चा अगर छोटा है और मां को बार-बार पकड़ रहा है और छुड़ाने पर भी छोड़ नहीं रहा। तो समझें कि उसे कोई परेशानी है, जिसकी ओर वो इशारा कर रहा है। बच्चा अगर लगातार रो रहा है। तो उसे चुप कराने के साथ ही तकलीफ को जानने की कोशिश करें। पेट में दर्द-कई बार बच्चे में पेट में दर्द की शिकायत करते हैं लेकिन डॉक्टर से चेकअप के दौरान किसी तरह की दिक्कत नहीं होती। ऐसे में इसे बच्चे की शरारत या स्कूल ना जाने का बहाना ना समझे। बच्चे जब मेंटली परेशान या डरे हुए होते हैं तो भी उन्हें अपने पेट में दर्द या गुदगुदी सी महसूस होती है। जिसे वो पेटदर्द का ही नाम देते हैं। बच्चा अगर रात को सो नहीं रहा और पैरेंट्स के साथ ही रहना चाह रहा तो ये लक्षण है कि वो किसी बात से डर रहा है या कोई बात उसके मन को परेशान कर रही है।
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