लाइफ स्टाइल

बच्चों के कमरे की सफाई और कैब बुकिंग के बारे में सिखाएं

Tara Tandi
14 Aug 2022 11:41 AM GMT
बच्चों के कमरे की सफाई और कैब बुकिंग के बारे में सिखाएं
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आमतौर पर ज्यादातर माता-पिता बच्चों की परवरिश (Upbringing) काफी प्यार और दुलार के साथ करते हैं. ऐ

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आमतौर पर ज्यादातर माता-पिता बच्चों की परवरिश (Upbringing) काफी प्यार और दुलार के साथ करते हैं. ऐसे में कई पैरेंट्स छोटे बच्चों को सिर्फ पढ़ने और खेलने की हिदायत देते हैं. हालांकि, बच्चों की बेहतर ग्रोथ और स्मार्ट पर्सनालिटी के लिए सिर्फ इतना काफी नहीं है. जी हां, एक उम्र के बाद बच्चों को कुछ ज़रूरी काम सिखाकर आप उनकी कई मुश्किलों को आसान कर सकते हैं.

दरअसल, पैरेंट्स अक्सर बच्चों से घर के छोटे-छोटे काम करवाने से भी बचते हैं और बच्चों की सहूलियत के लिए हर काम खुद करते हैं, लेकिन बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अमूमन 12 साल की उम्र के बाद बच्चों से रोजमर्रा के कुछ काम करवाना जरूरी होता है. आइए जानते हैं उन कामों के बारे में.
घर का सामान मंगवाएं
बच्चों को बचपन से स्मार्ट बनाने के लिए उन्हें 12 साल की उम्र तक साइकिल चलाना सिखाएं और रोजमर्रा के छोटे-छोटे सामान बच्चों से ही मंगवाएं. ऐसे में बच्चे अकेले बाहर निकलना शुरू करेंगे और दुनिया के बारे में ज्यादा जान सकेंगे.
कैब बुकिंग की दें टिप्स
बारह साल के बाद बच्चों को ऑनलाइन कैब बुक करना जरूर सिखाएं. ऐसे में वो किसी इमरजेंसी में कैब बुक करने में सक्षम रहेंगे. साथ ही बच्चों को घर के आस-पास के एड्रेस से अवगत कराना न भूलें.
कपड़ों की देखभाल
बच्चों को सेल्फ डिपेडेंट बनाने के लिए उन्हें अपने काम खुद करना सिखाएं. खासकर कपड़े धोकर सुखाना और प्रेस करके अलमारी में रखने के बारे में बताकर आप बच्चों को आत्म निर्भर बना सकते हैं. वहीं, कपड़े धोने और प्रेस करने से बच्चे हाइजीन का खास ख्याल रखेंगे और कपड़ों की साफ-सफाई पर ध्यान देना शुरू कर देंगे.
रूम को साफ रखना सिखाएं
बच्चे अक्सर अपने रूम को काफी गंदा करके रखते हैं. जिसकी सफाई समय निकाल कर पेरेंट्स को ही करनी पड़ती है. ऐसे में बच्चों को बचपन से ही कमरे की साफ-सफाई करना सिखाएं. साथ ही कमरे की हर चीज को जगह पर रखने की सख्त हिदायत भी दें.
कुकिंग टिप्स है जरूरी
बच्चों को 12 साल के बाद कुछ कुकिंग टिप्स देना भी न भूलें. ऐसे में आप बच्चों को नूडल्स जैसी कुछ आसान चीजें बनाना सिखा सकते हैं. जिससे भूख लगने पर बच्चे बड़ों के ऊपर निर्भर न रहें और अपने-आप कुछ बनाकर खा सकें
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