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इमोशनल बच्चे की ऐसे करें देखभाल

Ritisha Jaiswal
1 Feb 2022 8:14 AM GMT
इमोशनल बच्चे की ऐसे करें देखभाल
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बच्चे तो अक्सर शरारती होते हैं। मगर कुछ बच्चे जरूरत से भी अधिक इमोशनल होते हैं

बच्चे तो अक्सर शरारती होते हैं। मगर कुछ बच्चे जरूरत से भी अधिक इमोशनल होते हैं। ऐसे बच्चे बात-बात पर नाराज होकर रोने लगते हैं। असल में, वे अपने इमोशन्स पर कंट्रोल नहीं कर पाते हैं। इन बच्चों को संभालने में पेरेंट्स को कुछ खास बातों का ध्यान रखने की जरूरत नहीं हैं। नहीं तो बच्चे मां-बाप से भी दूरी बनाने लगते हैं। ऐसे में इन बच्चों को संभालने के लिए सबसे पहले पेरेंट्स को बच्चे का नेचर समझने की जरूरत होती है। इसके साथ ही उन्हें ऐसे काम करने चाहिए जिससे बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ सके। अगर आपका बच्चा भी हद से ज्यादा इमोशनल है तो आप इसे संभालने पर कुछ कारगर उपाय अपना सकती है। चलिए जानते हैं इन टिप्स के बारे में...

बच्चे को खुश रखें
इमोशनल बच्चे बात-बात पर परेशान हो जाते हैं। इस दौरान अगर आप उन्हें डांटेंगे या उनसे नाराज हो जाएंगे तो इससे बच्चे का आत्मविश्वास कम हो सकता है। इसके लिए आप बच्चे की खुशी का ध्यान रखें। इसके अलावा उसकी ओर से कोई छोटा सा काम करने पर भी उसकी तारीफ करें। आप इसका हौंसला बढ़ाने के लिए इनाम के तौर पर चॉकलेट, पेन आदि कोई तोहफा भी दे सकते हैं। इससे वे आपसे जुड़ाव महूस करेंगे। इसतरह उसे अपने इमोशन्स पर कंट्रोल करना आएगा। इसके साथ ही वह आपसे दिल से जुड़ने पर अपने मन की बातें शेयर करेगा। ऐसे में अपने इमोशनल बच्चे को संभालने के लिए आपको उनके पेरेंट्स नहीं बल्कि दोस्त बनना होगा।
बच्‍चे समय दें
अगर आपका बच्चा इमोशनल हैं तो उसे लंबे समय तक अकेले ना रहने दें। ज्यादा से ज्यादा समय उसके साथ बीताएं। इस दौरान उससे प्यार से बात करें। बच्चे को सही व गलती पहचान करवाएं और उसकी फीलिंग्स को समझने की कोशिश करें। इससे उसका आत्मविश्वास बढ़ने में मदद मिलेगी। आप चाहे तो उसके साथ उसकी कोई मनपसंद गेम भी खेल सकते हैं।
बच्‍चे के फैसले की कद्र करें
इमोशनल बच्चे न‍िर्णय लेने पर भी च‍िंता महसूस करते हैं। ऐसे में पेरेंट्स का फर्ज बनता हैं कि वे उनसे उनका फैसला या राय जानें। साथ ही उनके निर्णय की कद्र करते हुए उसे स्‍वीकार करें। उस समय आपको आगे मिलने वाले अच्‍छे या बुरे पर‍िणाम को नजरअंदाज करते हुए बच्‍चे के फैसले पर उसका साथ देना चाहिए। अगर उसका निर्यण गलत हैं तो तुरंत नकार देने से बच्‍चे का कॉन्‍फिडेंस लूज हो सकता है। इस परिस्थिति में बच्चे को प्यार से सही व गलत की पहचान करवाएं।
बच्‍चे के इमोशन्‍स को अहम‍ियत देने से बनेगी बात
बच्चे छोटी-छोटी बातों में भी परेशान हो जाते हैं। ऐसे में उसकी समस्या समझने व उसका हल निकालने में बच्चे का साथ दें। इसके लिए आपको उनका दोस्त बनना होगा। इसके साथ ही किसी बात पर उसका मजाक बनाने की जगह पर उसे समझने की कोशिश करें। अगर आपका बच्चा ज्यादा इमोशनल है तो उसे डांटने या उसका मजाक बनाने की जगह उसकी फीलिंग्स को समझकर उसे सही राह पर लेकर जाएं।
प्यार से समझना सही
अपने इमोशनल बच्चे को डांटने की जगह उसे प्यार से समझाएं। उनके साथ सख्ती से पेश आने की जगह प्यार से उसकी बातें सुने। धैर्य रखते हुए उसकी भावनाओ को समझे और बच्चे की समस्या का हल निकाले।इन तरीकों से आपके बच्चे का आप पर पूरी तरह से विश्वास बनेगा। इसतरह उसे अपने इमोशन्स पर कंट्रोल करना आएगा और वह अच्छे से अपनी जिंदगी जी पाएगा।


Ritisha Jaiswal

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