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कोरोनाकाल में बच्चों की मेंटल हेल्थ का भी रखें ख्याल, जानिए कैसे
कोरोना की दूसरी लहर देश में कोहराम मचाकर गई है, और माना जा रहा है कि तीसरी लहर का कहर बच्चों पर गिरेगा। ऐसे में पैरेंट्स बच्चों की सेहत को लेकर बेहद डर गए हैं। माना जा रहा है कि तीसरी लहर का असर 8 महीने के शिशु से लेकर 16 साल तक के बच्चों पर भी पड़ सकता है। कोरोना की वैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल चल रहा है, जब तक बच्चों को सफल वैक्सीन नहीं मिल जाती तब तक बच्चों के सिर पर खतरा मंडरा रहा है।
ऐसे में पैरेंट्स और बच्चे तनाव में आ गए हैं। बच्चों का स्कूल बंद है और पैरेंट्स ने दूसरे बच्चों के साथ खेल-कूदने पर भी पाबंदी लगा दी है, जिसकी वजह से बच्चे तनाव में आ रहे हैं। ऐसे माहौल में बच्चों की मानसिक स्थिति पूरी तरह बिगड़ रही है। पैरेंट्स को चाहिए कि वो अपने बच्चे की हेल्थ के साथ-साथ मेंटल हेल्थ का भी पूरा ध्यान रखें। हम आपकों कुछ आसान टिप्स दे रहें हैं जिससे आप अपने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का अच्छे से ध्यान रख सकते है।
बच्चे को वायरस से बचाव के बारे में समझाएं:
अपने बच्चों को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए उन्हें कोविड-19 के बारे में बताए। अपने बच्चे को समझाएं कि वो अकेला है तो सुरक्षित है। अगर बच्चा स्कूल जाने की जिद करता है तो स्कूल की बुक्स में उसे मसरूफ रखें। बच्चें को पढ़ाएं, उसके साथ खेलें। अपने बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं जिससे उन्हें अकेलापन महसूस नहीं हो।
दोस्तों के साथ संपर्क नहीं टूटने दें:
कोरोना से बचाव करना है तो बच्चों को दोस्तों के साथ संपर्क में रखें। कोरोना में सोशल डिस्टेंसिंग बेहद जरूरी है पर आप बच्चों को वीडियो कालिंग या फोन को जरीए उनके दोस्तों के साथ कनेक्टेड रख सकतें है। ऐसा करने से उन्हें अकेलापन नहीं महसूस होगा।
बच्चे के तनाव को दूर करें:
इस माहौल में बच्चों का तनाव में आना लाज़मी है। स्कूल बंद हैं, दोस्तों के साथ खेलना-कूदना भी मुमकिन नहीं है तो बच्चे तनाव में आ रहे हैं। ऐसे में पैरेंट्स को चाहिए कि वो अपने बच्चे में भावनात्मक संकेतों को देखें और उसी के बारे में उनसे बात करें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बच्चे अपनी भावना व्यक्त करते रहें। कोरोनावायरस को लेकर बच्चों के मन में जो भी सवाल आते हैं उनका जवाब दें। उन्हें इस वायरस के बारे में समझाएं। ऐसा करने से बच्चे में कॉफिडेंट आएगा और बच्चे मानसिक रूप से हेल्थी रहेंगे।