लाइफ स्टाइल

हड्डियों का ऐसे रखे ख्याल

Apurva Srivastav
12 March 2023 4:11 PM GMT
हड्डियों का ऐसे रखे ख्याल
x
स्वस्थ रहने के लिए हमारी हड्डियों का लगातार पुनर्निर्माण होता रहता है।
स्वस्थ रहने के लिए हमारी हड्डियों का लगातार पुनर्निर्माण होता रहता है। हड्डियों को कैल्शियम और फॉस्फेट की ज़रूरत होती है और किडनी आपके खून में कैल्शियम और फॉस्फेट की मात्रा संतुलित रखने में अहम भूमिका निभाती है। एक्टिव किडनीज़, विटामिन-डी को ऐक्टिव फॉर्म (कैल्सिट्राइऑल) में बदल देती हैं। नई हड्डियों के निर्माण में और खून में कैल्शियम के स्तर को संतुलित बनाए रखने के लिए यह ज़रूरी होता है। पैराथाइरॉयड हार्मोन (पीटीएच) आपके गर्दन में चार मटर के दानों के आकार के पैराथाइरॉयड ग्रंथियों से निकलता है, ताकि आपके खून में कैल्शियम के स्तर को संतुलित रखा जा सके। जब किडनी ठीक तरह से काम नहीं करती, तो यह हार्मोन आपकी हड्डियों से आपकी रक्तधारा में ले जाने लगता है।
फोर्टिस अस्पताल में नेफ्रोलॉजी और किडनी प्रत्यारोपण के प्रधान निदेशक, डॉ. संजीव गुलाटी ने कहा, यह बात आमतौर पर सभी लोगों को पता है कि किडनी शरीर से पानी और खराब तत्वों को बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाती है। हालांकि, इस बारे में कम लोगों को ही जानते हैं कि किडनी बोन मास और हड्डियों के ढांचे को सेहतमंद स्तर पर बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाती है। इसके लिए आपकी किडनी:
• आपके खून में कैल्शियम और फॉस्फोरस के स्तर को संतुलित बनाती है।
• खाने से मिलने वाले विटामिन-डी के एक रूप को एक्टिवेट करती है और उसे ऐसे रूप में परिवर्तित करती है, जिसे कैल्सिट्राइऑल कहते हैं जिसका इस्तेमाल आपकी हड्डियां कर सकती हैं
• मूत्र के ज़रिए आपके खून से अतिरिक्त फॉस्फोरस की मात्रा को बाहर निकालती है।
• ज़रूरत पड़ने पर हड्डियों और किडनी से फॉस्फेट और कैल्शियम वापस आपके खून में भेज देती है।
हड्डियों को कमज़ोर बनाती है किडनी की बीमारी
डॉ. गुलाटी क अनुसार, कई अध्ययनों से यह पता चला है कि क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ (CKD) यानी किडनी की गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे लोगों में हड्डियों की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ (सीकेडी) में मिनरल और हड्डियों से जुड़ी गड़बड़ियां ऐसी परेशानी है, जिससे किसी व्यक्ति की हड्डियों, हृदय और खून की धमनियों पर बुरा असर पड़ सकता है। मिनरल और हड्डियों से जुड़ी बीमारियां तब होती हैं, जब सीकेडी की वजह से किडनी को नुकसान होता है। किडनीज़ खून को अच्छी तरह फिल्टर नहीं कर पाती और हार्मोन को उस तरह विनियमित नहीं कर पातीं. जिस तरह उसे करना चाहिए। किडनी को नुकसान पहुंचने से ये बदलाव आते हैं:
• विटामिन-डी को कैल्सिट्राइऑल में बदलना, जिससे आपके खून में कैल्शियम की मात्रा असंतुलित हो जाती है।
• आपके खून से फॉस्फोरस की अतिरिक्त मात्रा को बाहर निकालना, जिसकी वजह से आपके खून में आपकी हड्डियों से कैल्शियम बाहर निकलने लगता है और हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं।
इसके अलावा जब आपकी किडनियों को नुकसान पहुंचता है, तो पैराथाइरॉयड ग्रंथियां जिनका आपके थायरॉइड फंक्शन से कोई लेनादेना नहीं होता है, वे पीटीएच की अतिरिक्त मात्रा रिलीज़ करने लगती है, ताकि आपके खून में कैल्शियम के स्तर को बनाए रखने के लिए आपकी हड्डियों से कैल्शियम लिया जा सके, लेकिन इसकी वजह से आपकी हड्डियों में बेहद ज़रूरी कैल्शियम की कमी होने लगती है। हार्मोन का स्तर और कैल्शियम व फास्फोरस जैसे मिनरल का स्तर असंतुलित हो जाता है, जिसकी वजह से नुकसान होता है। मिनरल और हड्डियों से जुड़ी गड़बड़ियों की वजह से पैदा होने वाली परेशानियां इस प्रकार हैं:
• हड्डियों का विकास धीमा होना और आकार बिगड़ना
• हड्डियों के टूटने का ख़तरा
• हृदय और खून की नसों से जुड़ी समस्याएं
सोर्स : दैनिक जागरण
Next Story