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लाइफ स्टाइल
मलेरिया और टाइफाइड जैसे हो सकते हैं मारबर्ग वायरस के लक्षण
Ritisha Jaiswal
19 July 2022 2:29 PM GMT
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अफ्रीकी देश घाना में खतरनाक ‘मारबर्ग वायरस डिजीज’ (MVD) की वजह से कुछ लोगों की मौत के मामले सामने आए हैं
अफ्रीकी देश घाना में खतरनाक 'मारबर्ग वायरस डिजीज' (MVD) की वजह से कुछ लोगों की मौत के मामले सामने आए हैं. इससे दुनिया भर के लोगों की चिंता बढ़ गई है. हर कोई मारबर्ग वायरस के बारे में जानना चाहता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक मारबर्ग एक गंभीर और घातक बीमारी है, जिसकी वजह से इंसानों में रक्तस्रावी बुखार (Haemorrhagic Fever) आ जाता और धीरे-धीरे कंडीशन गंभीर हो जाती है. इस वायरस के मामले में मृत्यु दर लगभग 50% है. मारबर्ग वायरस चमगादड़ों से लोगों में फैलता है. फिर वायरस एक से दूसरे लोगों में फैल जाता है. इसे लेकर बेहद सावधानी बरतने की जरूरत होती है.
जानें मारबर्ग वायरस के लक्षण
दुनिया के प्रतिष्ठित प्रीवेंशन सेंटर्स में शुमार अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के मुताबिक मारबर्ग वायरस के लक्षण 2-21 दिनों की अवधि के बाद अचानक शुरू होते हैं. इसके प्रमुख लक्षण बुखार, ठंड लगना, सिर दर्द होते हैं. कुछ दिनों बाद छाती, पीठ और पेट पर दाने निकल आते हैं. मतली, उल्टी, सीने में दर्द, गले में खराश, पेट में दर्द और दस्त इस वायरस के लक्षण हो सकते हैं. चिंता वाली बात यह है कि ये लक्षण तेजी से गंभीर हो जाते हैं. इसके बाद पीलिया, अग्न्याशय की सूजन, अधिक वजन घटना, लिवर फेलियर, बहुत ज्यादा खून बहना और मल्टी ऑर्गन डिस्फंक्शन जैसी स्थिति पैदा हो जाती है. गंभीर संक्रमण होने पर व्यक्ति की मौत हो सकती है.
मलेरिया और टाइफाइड जैसे हो सकते हैं लक्षण
सीडीसी के मुताबिक मारबर्ग वायरस का इलाज बेहद मुश्किल होता है. दरअसल इसके लक्षण भी अन्य संक्रामक डिजीज जैसे होते हैं और इसे पहचानना कई बार मुश्किल हो जाता है. कुछ मामलों में इस वायरस के लक्षण मलेरिया और टाइफाइड जैसे भी होते हैं. इसके अलावा लासा फीवर और इबोला जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं. हालांकि यह सभी बातें सिंगल केस पर लागू होती हैं. जब इसका संक्रमण कम्युनिटी में फैल जाए तो लक्षण भी अलग हो सकते हैं. सीडीसी के अनुसार मारबर्ग वायरस डिजीज की मृत्यु दर 23 से 90 फ़ीसदी तक हो सकती है. इसलिए सभी को इससे बचाव के कदम उठाने चाहिए.
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Ritisha Jaiswal
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