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फाइल फोटो
लिवर हमारे शरीर के अंदर फुटबॉल के आकार का एक अंग होता है. लिवर आपके पेट के ऊपरी हिस्से में पसलियों के पीछे दाईं ओर होता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | लिवर हमारे शरीर के अंदर फुटबॉल के आकार का एक अंग होता है. लिवर आपके पेट के ऊपरी हिस्से में पसलियों के पीछे दाईं ओर होता है. शरीर में लिवर की जिम्मेदारी भोजन को पचाने और इसे विषाक्त पदार्थों से दूर रखने की होती है. लिवर से जुड़ी समस्याएं आपको विरासत में मिल सकती हैं. यानी अगर आपके परिवार में किसी को लिवर से जुड़े रोग हैं तो आपको यह जेनेटिक तौर पर मिल सकती है. इसके अलावा कई अन्य कारणों से भी लिवर से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे वायरस, शराब पीने और मोटापे के कारण आपका लिवर खराब हो सकता है. समय के साथ लिवर को नुकसान पहुंचाने वाली स्थितियों की वजह से लिवर फेल हो सकता है, जो घातक होता है. लेकिन समय पर इलाज मिल जाए तो लिवर को हुए नुकसान को ठीक किया जा सकता है.
लिवर से जुड़ी समस्याएं के लक्षण – Symptoms of Liver Disease
लिवर से जुड़ी समस्याओं में हमेशा ऐसे लक्षण नहीं दिखते हैं, जिन पर किसी का ध्यान जाए. कई बार लक्षण इतने मामूली और ऐसे होते हैं कि उन्हें किसी अन्य समस्या का मानकर नजरअंदाज कर दिया जाता है. अगर लिवर से जुड़ी समस्याओं के लक्षण नजर आते हैं तो वह निम्न में से कुछ हो सकते हैं.
त्वचा और आंखों का पीला पड़ना (पीलिया)
पेट दर्द और सूजन
पैरों और टखनों में सूजन
त्वचा में खुजली
पेशाब का रंग गहरा होना
मल का रंग पीला होना
बहुत अधिक थकावट
मतली या उलटी होना
भूख में कमी होना
डॉक्टर को कब दिखाएं – When to see a doctor?
अगर आपको लगातार ऐसे लक्षण महसूस हो रहे हों, जिनसे आपकी चिंता बढ़ रही हो तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए. अगर आपके पेट में गंभीर दर्द है, जिसकी वजह से आप सीधे खड़े नहीं रह पा रहे हैं तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
लिवर की बीमारियों के कारण – Causes of Liver Disease in Hindi
लिवर के रोगों के कई कारण हो सकते हैं. जिनमें से कुछ के बारे में हम यहां बात करेंगे.
संक्रमण (Infection) पैरासाइट या वायरस की वजह से लिवर में संक्रमण हो सकता है. जिसके कारण लिवर में सूजन आ जाती है और लिवर का कार्य बाधित होता है. लिवर को नुकसान पहुंचाने वाले वायरस खून, वीर्य, संक्रमित भोजन और पानी के साथ ही लिवर संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति के करीबी संपर्क में आने से भी हो सकता है. सबसे प्रमुख तरह से लिवर इंफेक्शन के में हेपेटाइटिस वायरस हैं. जिसमें हेपेटाइटिस-ए, हेपेटाइटिस-बी, हेपेटाइटिस-सी शामिल हैं.
प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़ी असामान्यता ऐसी बीमारियां, जो शरीर के किसी खास हिस्से को प्रभावित करती हैं उदाहरण के लिए ऑटोइम्यून बीमारियां, लिवर को बहुत प्रभावित कर सकती हैं. ऑटोइम्यून बीमारियों के कुछ उदाहरण ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस, प्राइमरी बिलियरी कोलैंजाइटिस, प्राइमरी स्क्लेरोसिंग कोलैंजाइटिस शामिल हैं.
जेनेटिक आपके माता या पिता में से कोई भी एक या दोनों से मिलने वाला कोई एबनॉर्मल जीन आपके लिवर को प्रभावित कर सकता है. जेनेटिक लिवर रोगों में शामिल हैं –
हीमोक्रोमैटोसिस
विल्सन्स रोग
अल्फा-1, एंटीट्राइप्सिन डेफिसिएंसी
कैंसर लिवर कैंसर, बाइल डक्ट कैंसर और लिवर एडेनोमा जैसे कैंसर की वजह से भी लिवर की बीमारी हो सकती है.
लिवर रोगों के रिस्क फैक्टर – Risk factors of Liver Disease
लिवर रोग से जुड़े कुछ रिस्क फैक्टर निम्न हैं –
शराब का बहुत अधिक सेवन (Heavy alcohol use)
मोटापा (Obesity)
टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes)
टैटू या बॉडी पियर्सिंग
ड्रग्स इंजेक्ट करने के लिए किसी की इस्तेमाल की गई सुई का उपयोग करना
साल 1992 से पहले किया गया रक्त आधान (Transfusion)
अन्य लोगों के रक्त और शारीरिक तरल के संपर्क में आना
असुरक्षित यौन संबंध
कुछ रसायनों या विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आना
लिवर रोगों का पारिवारिक इतिहास
लिवर रोगों का निदान – Diagnosis of Liver Disease
लिवर रोगों का इलाज के लिए सबसे जरूरी यह है कि पहले उनका ठीक से निदान हो. आपके डॉक्टर आपकी हेल्थ हिस्ट्री को जानेंगे और आपका पूरा फिजिकल एग्जामिनेशन करेंगे.
ब्लड टेस्ट – लिवर रोगों का पता लगाने के लिए कई ब्लड टेस्ट को मिलाकर बनाए गए एक टेस्ट 'लिवर फंक्शन टेस्ट' किया जाता है. अन्य लिवर समस्याओं और जेनेटिक कंडीशन के लिए अन्य ब्लड टेस्ट किए जा सकते हैं.
इमेजिंग टेस्ट – अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन और एमआरआई के जरिए भी लिवर को हुए नुकसान की जांच की जा सकती है.
टिश्यू सैंपल या बायोप्सी के जरिए भी आपकी लिवर से जुड़ी बीमारी का निदान किया जा सकता है. आमतौर पर बायोप्सी एक लंबी सुई की मदद से की जाती है, जिसमें सुई को शरीर में चुभाकर टिश्यू का सैंपल लिया जाता है और उसे टेस्ट के लिए लैब में भेज दिया जाता है.
लिवर रोग का इलाज – Treatment of Liver Disease
लिवर रोगों का इलाज इसके निदान पर निर्भर करता है. लिवर से जुड़ी कुछ समस्याओं का इलाज तो सिर्फ अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करके ही किया जा सकता है. जिसमें शराब का सेवन बंद करना, वजन कम करना आदि शामिल हैं. हालांकि, लिवर से जुड़ी कुछ समस्याओं का इलाज दवाओं से भी हो सकता है और कुछ के लिए सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है. ऐसी समस्याएं, जिनकी वजह से लिवर फेल हो जाता है, उनमें लिवर ट्रांसप्लांट ही एकमात्र विकल्प बचता है.
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Triveni
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