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थायरॉइड हार्मोन्‍स के असंतुलित होने पर दिखते है लक्षण

Apurva Srivastav
9 Feb 2023 1:36 PM GMT
थायरॉइड हार्मोन्‍स के असंतुलित होने पर दिखते है लक्षण
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याददाश्‍त की समस्‍या और मूड बदलना थायरॉइड हार्मोन्‍स दिमाग के सही चलने के लिए जरूरी होते हैं

थायरॉइड ग्रंथि अंत:स्‍त्रावी तंत्र या एंडोक्राइन सिस्‍टम का एक महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा होती है। यह ग्रंथि उन महत्‍वपूर्ण हार्मोन्‍स को नियंत्रित करती है, जो शरीर की विभिन्‍न प्रक्रियाओं को प्रभावित करते हैं। यह हार्मोन्‍स इस बात पर भी असर डालते हैं कि आपका शरीर कितनी अच्‍छी तरह से मानसिक और शारीरिक काम करता है। इसलिए, अगर बिना किसी दूसरे कारण से आप में बीमारी के लक्षण हैं, तो हो सकता है कि आपका शरीर थायरॉइड की समस्‍या का संकेत दे रहा हो।

थायरॉइड की समस्‍याएं आमतौर पर तब होती हैं, जब ग्रंथि या तो थायरॉइड हार्मोन बहुत कम मात्रा में बनाती है जिसे हाइपोथाइरॉइडिज्‍़म कहा जाता है या थायरॉइड हार्मोन को बहुत ज्‍यादा मात्रा में बनाती है, जिसे हाइपरथाइरॉइडिज्‍़म कहा जाता है। दोनों स्थितियों में आपके शरीर के फंक्शन्स पर असर पड़ता है। आइए हम उन संकेतों पर नजर डालें, जो थायरॉइड के असंतुलन के वक्‍त आपके शरीर में नजर आती हैं।
वजन बढ़ना या घटना
थायरॉइड हार्मोन आपके मेटाबोलिज्‍़म (चयापचय) और वजन रेगुलेट करने के लिए जिम्‍मेदार है। अगर आपका थायरॉइड कम सक्रिय है, जिसे हाइपोथाइरॉइडिज्‍़म कहा जाता है, मतलब अगर ग्रंथि पर्याप्‍त हार्मोन्‍स नहीं बनाती है, तो आपका वजन बढ़ सकता है। हाइपोथाइरॉइडिज्‍़म के हल्‍के रूपों में भी मोटापा और वजन बढ़ने की संभावना ज्‍यादा रहती है। चेहरे पर सूजन या पेट के आस-पास अतिरिक्‍त चर्बी कम सक्रिय थायरॉइड ग्रंथि के आम लक्षणों में शामिल है।
वजन घटना भी थायरॉइड की समस्‍याओं का परिणाम हो सकता है, अगर ग्रंथि जरूरत से ज्‍यादा सक्रिय हो, मतलब अगर आपको हाइपरथाइरॉइडिज्‍़म हो। ऐसी स्थिति में आपका बीएमआर सामान्‍य से बहुत ज्‍यादा होगा। जरूरत से ज्‍यादा सक्रिय थायरॉइड के परिणामस्‍वरूप कम होने वाला आपका वजन इस पर निर्भर करेगा कि आपकी बीमारी कितनी गंभीर है, जैसे कि आपका कितना वजन बढ़ता है। ज्‍यादा सक्रिय थायरॉइड स्‍वस्‍थ या कम सक्रिय थायरॉइड की तुलना में ज्‍यादा कैलोरीज को खत्‍म करती है। अगर आपको नई कैलोरी नहीं मिलती हैं, तो धीरे-धीरे आपका वजन कम हो सकता है।
दिल की धड़कन का अनियमित होना
आपके दिल की सेहत आपकी थायरॉइड की स्थिति से प्रभावित हो सकती है। उदाहरण के लिए, हाइपोथाइरॉइडिज्‍़म में पर्याप्‍त थायरॉइड हार्मोन नहीं बनता है, जिससे धड़कन धीमी हो जाती है। अपर्याप्‍त थायरॉइड हार्मोन बीतते समय के साथ आपकी आर्टरीज (धमनियों) को कम लचीला बना सकता है जिससे ब्लड सर्कुलेशन कठिन हो जाता है और रक्‍तचाप बढ़ सकता है। हाइपोथाइरॉइडिज्‍़म से कोलेस्‍ट्रॉल का स्‍तर भी बढ़ सकता है।
जबकि हाइपरथाइरॉइडिज्‍़म वाले लोगों की धड़कन बढ़ी हुई रहती है। तेज, कठोर और अनियमित लय (रिदम) वाली धड़कन तब होती है, जब थायरॉइड ग्रंथि बहुत ज्‍यादा थायरॉइड हार्मोन बनाती है।
जोड़ों और मांसपेशियों में प्रॉब्लम
हाइपोथाइरॉइडिज्‍़म से मांसपेशियों और ज्वॉइंट्स पर भी असर पड़ता है, अकड़न के साथ जोड़ों में दर्द और सूजन भी हो सकती है। इसके अलावा, शोध से थायरॉइड की समस्‍याओं और रूमेटॉइड आर्थराइटिस (गठिया) के बीच सम्‍बंध का इशारा भी मिलता है।
याददाश्‍त की समस्‍या और मूड बदलना थायरॉइड हार्मोन्‍स दिमाग के सही चलने के लिए जरूरी होते हैं और इनमें असंतुलन होने से यह लक्षण सामने आ सकते हैं;
● उदासीनता
● चिंता/अवसाद
● खराब याददाश्‍त
● एकाग्रता और ध्‍यान में कमी
● मूड खराब होना
● धीरे बोलना और सोचना
शोध के अनुसार, थायरॉइड हार्मोन कम होने को दिमाग की संरचना और काम में बदलाव से जोड़ा गया है और थायरॉइड के असंतुलन का इलाज करवाने से इन स्थितियों को धीरे-धीरे ठीक किया जा सकता है। थायरॉइड हार्मोन स्किन, नेल्स और बाल के विकास और हेल्थ के लिए जरूरी होते हैं। अगर आपको लग रहा है कि आपकी त्‍वचा बहुत ड्राय है, नाखून आसानी से टूट जाते हैं और सिर, भौहों, पैरों तथा शरीर के विभिन्‍न हिस्‍सों से बाल सामान्‍य रूप से ज्‍यादा झड़ रहे हैं, तो यह हाइपोथाइरॉइडिज्‍़म के कारण हो सकता है। एलोपेसिया एक ऐसा रोग है, जिसमें विचित्र तरीके से बाल झड़ते हैं और थायरॉइड की समस्‍या वाले लोगों को यह रोग होने की ज्‍यादा संभावना रहती है।
थकान
हाइपोथाइरॉइडिज्‍़म और थायरॉइड की दूसरी समस्‍याओं वाले लोगों को होने वाली थकावट बहुत अलग होती है। रात में अच्‍छी नींद लेने से आपको अच्‍छा महसूस हो सकता है, लेकिन इससे थायरॉइड की थकावट दूर नहीं होगी। खासकर अधेड़ उम्र की महिलाओं को इसे पहचानना मुश्किल होगा, क्‍योंकि मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) में बार-बार थकान होती है। हालांकि एस्‍ट्रोजन लेने के बावजूद कई महिलाओं में रजोनिवृत्ति वाले लक्षण बने रहते हैं, जिनका कारण थायरॉइड का असंतुलन हो सकता है।
थायरॉइड के लक्षणों को नजरअंदाज न करें क्‍योंकि जल्‍दी डायग्‍नोस होने और उपचार शुरू करने से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। लक्षणों को हल्के में लेने के बजाए चिकित्‍सकीय जांच करवाने की सलाह दी जाती है। सही उपचार से मरीज गुजरते वक्‍त के साथ अपने लक्षणों में महत्‍वपूर्ण सुधार देख सकते हैं।
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