लाइफ स्टाइल

त्वचा हो ब्यूटीफुल राइट सनस्क्रीन तभी होगी

Deepa Sahu
19 May 2024 11:53 AM GMT
त्वचा  हो ब्यूटीफुल राइट सनस्क्रीन तभी होगी
x
लाइफस्टाइल: राइट हो सनस्क्रीन तभी होगी त्वचा ब्यूटीफुल स्किन को सही रखने के लिए अगर आपका सनस्क्रीन अच्छा नहीं है तो आपको उसे लगाने के बावजूद भी टैनिंग की समस्या हो सकती है, इसलिए सनस्क्रीन का चुनाव करते समय और उसे लगाते समय खास ध्यान रखें।
गर्मी के आते ही धूप में बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है साथ ही सनस्क्रीन लगाकर ही बाहर निकला जाता है वरना पूरी त्वचा झुलस जाती है। सनस्क्रीन लगाना त्वचा के लिए अच्छा रहता है लेकिन अगर सनस्क्रीन अच्छा नहीं है और हमें उसे ठीक ढंग से लगाना भी नहीं आता तो उसे लगाने का कोई फायदा नहीं होता। इस बारे में बता रहे हैं वेव्स सैलून के ‘आरीफ कि सनस्क्रीन का चुनाव करते समय किन बातों का ध्यान रखें और उसे कैसे लगाएं।
सनस्क्रीन का चुनाव करते समय ध्यान दें-
स्किन टोन के अनुसार लें- आजकल बाजार में क्रीमबेस, पाउडर, जैल आदि कई तरह के सनस्क्रीन के ब्रांड मौजूद हैं, लेकिन सनस्क्रीन खरीदने से पहले खुद के स्किनटोन को एक बार अवश्य चेक कर लें और उसी के अनुसार सनस्क्रीन खरीदें जो आपकी त्वचा के रंग से मेल खाता हो।
माइक्रोनाइज्ड फार्मूले के सनस्क्रीन का यूज करें- जिन महिलाओं का रंग साफ है उनके लिए तो सनस्क्रीन सही रहता है लेकिन डस्की स्किन पर यह ग्रेइश इफैक्ट देता है जो अच्छा नहीं लगता। इसलिए सांवली त्वचा पर माइक्रोनाइज्ड फार्मूले वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। इससे सनस्क्रीन इफेक्ट कम होता है और त्वचा पर इसकी परत कम दिखाई देती है।
एसपीएफ सन प्रोटेक्शन फैक्टर- अमेरिकन अकेडमी ऑफ डर्मोटोलॉजी के एक्सपर्ट मानते हैं कि कम से कम एसपीएफ-15 की मात्रा वाले सनस्क्रीन तो लेना ही चाहिए। हमारे लिए एसपीएफ-15 से लेकर एसपीएफ-30 वाले सनस्क्रीन लोशन
प्रभावी होते हैं।
यूवीए और यूवीबी- सनस्क्रीन खरीदते समय इस बात पर ध्यान अवश्य दें कि उसके लेबल पर यूवीए और यूवीबी प्रोटेक्शन प्रिंट हो। यूवीए और यूवीबी प्रोटेक्शन न केवल सनबर्न से बल्कि त्वचा के कैंसर से भी बचाने में मदद करता है।
वॉटर स्पोर्ट्स में कारगर सनस्क्रीन- आप जरूरत के हिसाब से कोई भी अच्छा वॉटरप्रूफ सनस्क्रीन ले सकते हैं, ये पानी के भीतर लगभग 80 मिनट तक प्रभावी होते हैं। वहीं वॉटर रेजिस्टेंस सनस्क्रीन पानी में लगभग 40 मिनट के लिए टिके रहते हैं।
त्वचा के अनुसार चुनें सनस्क्रीन- सनस्क्रीन का चुनाव अपनी त्वचा के अनुसार ही करें।
ऑयली स्किन- ऑयली स्किन वालों को पसीना अधिक आता है इसलिए सनस्क्रीन क्रीम के रूप में लगाने पर उनका चेहरा ज्यादा चिपचिपा हो सकता है, इसलिए ऑयली स्किन वालों को स्प्रे या फिर जेल टाइप की सनस्क्रीन का इस्तेमाल कर सकती है। यह आपके रोमछिद्रों को बंद नहीं करेगा और त्वचा तैलीय भी नहीं होगी।
ड्राई स्किन- ड्राई स्किन के लिए आप माइश्चराइजर बेस्ड सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल कर सकती हैं। इस बात का भी ध्यान रखें कि हमेशा मैट फिनिश वाला सनस्क्रीन ही चुनें। यदि सनस्क्रीन लगाने के बाद आपकी त्वचा की चमक खो जाती है तो समझ लें कि यह सनस्क्रीन त्वचा के लिहाज से ठीक नहीं है।
अच्छे ब्रांड का सनस्क्रीन खरीदें- सनस्क्रीन हमेशा अच्छे ब्रांड का ही खरीदें। कोई सस्ता या फिर कम क्वालिटी वाला प्रोडेक्ट गलती से भी ना खरीदें। इसमें इतनी क्षमता नहीं होती कि वह आपकी त्वचा को तेज धूप से बचा सकें।
एक्सपायरी डेट भी चेक कर लें- सनस्क्रीन खरीदते समय उसकी मैन्यूफैक्चरिंग डेट पर जरूर ध्यान दें। कोशिश करें कि हमेशा नई क्रीम खरीदें। सनस्क्रीन जितनी नई होगी उसका प्रभाव भी उतना ज्यादा होगा। अगर सनस्क्रीन ज्यादा पुरानी होगी या एक्सपायरी होगी तो उससे एलर्जी भी हो सकती है।
सनस्क्रीन लगाने का तरीका
खाली सनस्क्रीन ना लगाएं- सनस्क्रीन लगाने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि पहले त्वचा पर माश्चराइजर लगा लें और उसके आधे घंटे बाद ही सनस्क्रीन लगाएं ताकि त्वचा पहले माश्चराइजर को सोख लें। खाली सनस्क्रीन लगाना त्वचा के लिए सही नहीं रहता है।
मेकअप से पहले लगाएं सनस्क्रीन- अगर आपको कहीं बाहर जाना है तो आप कंफ्यूज हो जाती होंगी कि मैं मेकअप से पहले सनस्क्रीन लगाऊं या फिर मेकअप के बाद में सनस्क्रीन लगाऊं। इसके लिए सबसे पहले माइश्चराइजर लगाएं और उसके बाद सनस्क्रीन लगाएं फिर उसके कुछ देर बाद आप चेहरे पर मेकअप कर सकती हैं।
माइश्चराइजर में सनस्क्रीन मिक्स ना करें- कुछ लोगों को आदत होती है कि वह अपने माइश्चराइजर में सनस्क्रीन मिक्स कर के लगाती हैं। उन लोगों को लगता है कि इससे अच्छा इफेक्ट आएगा लेकिन सच तो यह है कि ऐसा करना सही नहीं है, इससे सनस्क्रीन का इफेक्ट कम हो जाता है या फिर बिल्कुल ही खत्म हो जाता है।
सनस्क्रीन लगाने के तुरंत बाद धूप में ना जाएं- आजकल सनस्क्रीन भी कैमिकल युक्त आते हैं, ऐसे में सनस्क्रीन लगाते ही धूप में जाना सही नहीं है। सनस्क्रीन लगाने के आधे घंटे बाद धूप में जाएं ताकि क्रीम में मिले यूवी फिल्टर्स त्वचा अच्छी तरह सोख कर एक सुरक्षा कवच त्वचा के चारों ओर बना दें।
अधिक मात्रा में इस्तेमाल करें- कई लोग सनस्क्रीन का इस्तेमाल तो करते हैं लेकिन बहुत थोड़ा सा लेकर उसे पूरे चेहरे पर मलने की कोशिश करते हैं ऐसा करने से कुछ हासिल नहीं होगा बल्कि आपको एक सही मात्रा में अच्छी तरह त्वचा के हर हिस्से पर गले तक उसे लगाएं ताकि वह त्वचा में भीतर तक चला जाए जब तक आप त्वचा पर सनस्क्रीन की मोटी परत नहीं चढाएंगी तब तक उसे लगाने का कोई फायदा नहीं है।
लगाएं कैसे- सनस्क्रीन को लगाने के लिए उसे एक ही जगह पर लगाकर रगड़े नहीं बल्कि हाथ में सनस्क्रीन लेकर उसके छोटे-छोटे स्पॉट पूरे चेहरे या त्वचा पर लगाएं और फिर उसे थपथपाते हुए हल्के हाथ से पूरे चेहरे पर एक सार लगाएं। ध्यान रखें कि ऐसा करते हुए त्वचा का कोई भी हिस्सा छूटे नहीं।
कई बार लगाएं सनस्क्रीन- कई लोग दिन में एक बार सनस्क्रीन लगा लेते हैं और पूरे दिन उसी में बिता देते हैं, यह गलत है। अगर आप बाहर जा रही हैं और लगातार धूप के संपर्क में हैं तो आपको 2-3 घंटे के बीच एक बार फिर से सनस्क्रीन लगा लेना चाहिए। ताकि उसका प्रभाव कम होने पर दोबारा बन जाए और सूर्य की रोशनी से त्वचा को कोई भी नुकसान ना
पहुंचने पाए।
आंखों के आसपास ना लगाएं- सनस्क्रीन को आंखों के आसपास ना लगाएं क्योंकि आंखों में जाकर यह पेपर स्प्रे की तरह असर दिखा सकता है। अगर गलती से आंख में चला जाए तो इसे आंखों को तुरंत ठंडे पानी से धो लें। सनस्क्रीन को लेकर होने वाले मिथक-
सर्दियों में सनस्क्रीन की जरूरत नहीं।
अधिकतर लोग या तो सर्दियों में सनस्क्रीन लगाने में आलस करते हैं या वे मानते हैं कि सर्दियों में सनस्क्रीन की जरूरत नहीं होती क्योंकि इस मौसम में सूरज की किरणें हानिकारक नहीं होती, जबकि हकीकत यह है कि सर्दियों में धरती सूरज के अधिक करीब होती है और इसलिए यह आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। तो भले ही सर्दियां हो, गर्मियां हो या बरसात सनस्क्रीन लगाए बिना घर से बाहर ना निकलें।
सनस्क्रीन लगाने से सनटैन नहीं होता।
अगर एसपीएफ-30 वाला सनस्क्रीन लगाया जाए तो सनबर्न से बचा जा सकता है। अच्छा सनस्क्रीन आप को यूवीए और यूवीबी किरणों से भी बचा लेगा। लेकिन अगर आप लंबे समय तक धूप में रहेंगी तो आप को सनटैन की समस्या हो सकती है।
पानी में सनबर्न नहीं होता।
कई लोगों को यह भ्रम होता है कि पानी में शरीर ठंडा हो जाता है और वह सूर्य की किरणों से भी सुरक्षित रहता है। लेकिन यह धारणा बिल्कुल गलत है। पानी वास्तव में यूवी किरणों को परावर्तित करता है। इस प्रकार से हमें इनके प्रति अधिक ऐक्सपोज कर देता है।
कार या बस की खिड़की में कांच लगा होने की वजह से उसमें से आ रही किरणें नुकसान नहीं पहुंचाती।
यह बात बिल्कुल भी सही नहीं है, क्योंकि हानिकारक यूवी किरणें ग्लास को पैनिटेट कर लेती हैं, इसलिए अगर विंडो सीट के पास बैठकर आप यह सोचकर निश्चिंत हो रहे हैं कि आपको सनबर्न नहीं होगा तो यह गलत हैं बल्कि तब तो आपको और भी ज्यादा मात्रा में सनस्क्रीन की आवश्यकता पड़ेगी।
सनस्क्रीन लगाने से त्वचा चिपचिपी हो जाती है।
सनस्क्रीन लगाने से त्वचा चिपचिपी नहीं होती है बल्कि गलत सनस्क्रीन लगाने से ऐसा होता है। अगर आप अपनी त्वचा के अनुसार सनस्क्रीन चुनेंगे तो वह चिपचिपी नहीं होगी।
Next Story