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राहत मिलती
मुलेठी व्यापक रूप से मिठाई, टूथपेस्ट और पेय पदार्थ में एक स्वादवर्धक के रूप में प्रयोग की जाती है। औषधीय प्रयोजनों के लिए, इस जड़ी बूटी की सूखी जड़ का प्रयोग किया जाता है। वास्तव में, यह दुनिया भर में औषधीय लाभ के लिए सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाली जड़ी बूटियों में से एक है। गले में खराश हो या खांसी, मुलेठी चूसने से इसमें राहत मिलती है। इसके अलावा भी मुलेठी में कई ऐसे गुण हैं, जो शायद आप पहले नहीं जानते होंगे। आइए हम आपको मुलेठी के गुणों के बारे में बताते हैं।
यदि कभी मुंह सूखने लगे तो मुलेठी का सेवन करना चाहिए। मुलेठी की तासीर ठंडी होती है, साथ ही इसमें 50 प्रतिशत पानी की मात्रा भी होती है। तो यदि कभी किसी का मुंह सूखने लगे, तो मुलेठी को बार-बार चूसना चाहिए। यह स्वाद में भी बुरी नहीं होती।
मुलेठी शरीर को वायरस, बैक्टीरिया और बुरे संक्रमण से मुक्त रखने के लिए एक मजबूत, स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मुलेठी लिम्फोसाइटों और मैक्रोफेज जैसे रसायनों के उत्पादन में मदद करती है जो आपके शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली में सुधार लाते हैं। इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी हैं जो प्रतिरोधक क्षमता में सुधार लाते हैं।
मुलेठी को काली-मिर्च के साथ खाने से कफ ढीला होता है। सूखी खांसी आने पर मुलेठी खाने से फायदा होता है। इससे खांसी तथा गले की सूजन ठीक होती है।
पेट के अल्सर को ठीक करने में मुलेठी एक अचूक औषधि है। मुलेठी का चूर्ण अल्सर के अपच और हाइपर एसिडिटी को दूर करता है। और तेजी से अल्सर के घावों को भी भरता है।
मुलेठी सूजन को कम करने और म्यूकोसा चिकित्सा गुणों के कारण नासूर घावों के इलाज में मदद करती है। यह दाद वायरस से लड़ने में भी मदद करती है।
मुलेठी महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है। मुलेठी का एक ग्राम चूर्ण नियमित सेवन करने से स्त्रियां, अपनी, योनि, सेक्स की भावना, सुंदरता को लंबे समय तक बनाये रख सकती हैं।
खून की उल्टियां होने पर दूध के साथ मुलेठी का चूर्ण लेने से फायदा होता है। खूनी उल्टी होने पर मधु के साथ भी इसे लिया जा सकता है।
SANTOSI TANDI
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