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अध्ययन: बच्चों-बुजुर्गों में खाने की कमी से बढ़ा ज्यादा बीमार होने का खतरा

Gulabi
12 Jun 2022 8:45 AM GMT
अध्ययन: बच्चों-बुजुर्गों में खाने की कमी से बढ़ा ज्यादा बीमार होने का खतरा
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इंग्लैंड में एनोरेक्सिया और बुलीमिया का अनुभव करने वाले लोगों की संख्या में दिनोंदिन इजाफा हो रहा है।

इंग्लैंड में एनोरेक्सिया और बुलीमिया (भोजन संबंधी विकार) का अनुभव करने वाले लोगों की संख्या में दिनोंदिन इजाफा हो रहा है। देश के मनोचिकित्सकों ने इस संबंध में चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बाद इंग्लैंड में भोजन संबंधी विकारों की सुनामी आने वाली है।


रॉयल कॉलेज ऑफ साइकियाटिस्ट्स में ईटिंग डिसऑर्डर फैकल्टी की अध्यक्ष डॉ. एग्नेस एयटन ने कहा कि भोजन संबंधी विकारों की समस्याओं का सामना करने वाले लोगों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि एनोरेक्सिया जैसे लक्षण लॉकडाउन में अलगाव की वजह से पनप है।

एयटन ने यह भी कहा कि ये मामले तो कुछ भी नहीं है, आने वाले दिनों इस बीमारी से ग्रसित मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी। हाल में करीब 20 फीसदी लोग इस बीमारी की चपेट में आए हैं। उन्हें ऑक्सफोर्ड में भर्ती कराया गया था। एयटन ऑक्फोर्ड में काम करती हैं।

इलाज के लिए प्रतीक्षा बढ़ी
इस संबंध में ऑक्सफोर्ड ने गुरुवार को अलग से डाटा जारी किया है। इसके अनुसार युवा और बच्चों में भोजन संबंधी विकार तेजी से पनप रहा है। आलम यह है इलाज के लिए उन्हें इंतजार करना पड़ रहा है। अस्पतालों में लोगों की भीड़ नजर आ रही है। पिछले वर्ष की तुलना में अभी इंतजार करने वाले रोगियों की संख्या में 128 फीसदी की वृद्धि हुई है। अक्तूबर, नवंबर और दिसंबर, 2019 से तत्काल उपचार की प्रतीक्षा कर रहे बच्चों और युवाओं की संख्या में एक साल बाद इसी महीने की तुलना में चार गुना वृद्धि हुई है।

बीमारी के पनपने के कारण
मनोचिकित्सक डॉ. लोर्ना रिचर्ड्स जो प्रियोरी समूह में वयस्क खाने की विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के विकारों को कई कारकों में बढ़ाया है। इसमें डर, भय और अनिश्चितता, ईंधन की चिंता के लक्षण, दिनचर्या और गृह जीवन में परिवर्तन शामिल है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में शारीरिक गतिविधियों में कमी आ गई। इस वजह से व्यायाम करने में कमी या अधिकता देखी गई है।

सलाह भी दे रहे
रिचर्ड्स प्रीरीज अस्पताल और प्रीरीजलाइफ वर्क्स सेंटर वयस्क खाने के विकारों में माहिर हैं। महामारी के इस कठिन समय में दोनों अस्पताल लोगों की मदद कर रहे हैं। इसके साथ ही एनएचएस भी इस संबंध में दिशानिर्देश जारी कर रहा है। अस्पताल ने कहा कि 2020 की गर्मियों की शुरुआत से मैंने मौजूदा विकारों वाले लोगों के रेफरल में भारी वृद्धि देखी है, जो महामारी के बाद से खराब हो गए हैं।


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