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अध्ययन का दावा- लॉकडाउन की वजह से लोगों में घटा Self-confidence

Gulabi
31 Jan 2021 3:35 AM GMT
अध्ययन का दावा- लॉकडाउन की वजह से लोगों में घटा Self-confidence
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कोविड-19 का लोगों के दिमाग पर इतना नकारात्मक प्रभाव हो गया है कि वह दबाव महसूस कर रहे हैं।

कोविड-19 का लोगों के दिमाग पर इतना नकारात्मक प्रभाव हो गया है कि वह दबाव महसूस कर रहे हैं। इससे तनाव बढ़ रहा है। लॉकडाउन में एक ही घर में बंद रहकर बार-बार कोरोना की ही खबरें सुनकर उनमें आत्मविश्वास की कमी हुई है।


एक अध्ययन में पाया गया है कि लॉकडाउन के दबाव ने युवाओं में सबसे बुरा असर छोड़ा है। आधे से अधिक युवाओं ने स्वीकार किया है कि वे अपने भीतर आत्मविश्वास में कमी महसूस करते हैं।
2,000 वयस्कों पर किए गए अध्ययन में पता चला कि 18-24 वर्ष के औसतन 10 में से चार को लगता है कि लॉकडाउन के बाद से उनको थकान लगने लगी और वे ताजगी भरी जिंदगी नहीं जी पा रहे।

इसी तरह 37 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे वे लॉकडाउन से कम आश्वस्त महसूस करते हैं। लॉकडाउन से पहले जो वे करते थे, अब वैसा नहीं कर पाते। वहीं 35 प्रतिशत से अधिक लोगों ने यह भी स्वीकार किया कि सोशल मीडिया पर दूसरों की तुलना करने से उनकी मानसिकता में बदलाव हुआ है।

लॉकडाउन ने जनमानस में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से तनाव को सिंचित कर दिया था। ऐसे में हर कोई एक ही यक्ष प्रश्न से जूझ रहा था कि कब हम पुन: सामान्य जीवनयापन कर पाएंगे। लोगों को समय के साथ आगामी पथ पर उत्पन्न अविरोध भी दिखने लगे।


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