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कड़ी आलोचना नहीं रोक पाई एक मां का हौसला, पल्लवी ने इस तरह खड़ा किया
SANTOSI TANDI
9 Jun 2023 11:25 AM GMT
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कड़ी आलोचना नहीं रोक
पल्लवी उतागी शेरिल सैंडबर्ग को कोट करते हुए कहती हैं, "आगे बढ़ो और अपना सबसे बेस्ट दो। चुनौतियों का अनुमान पहले से न लगाएं और सिर्फ अपने लक्ष्य पर ध्यान दें।" यही शायद उन्होंने किया भी और एक सस्टेनेबल डायपर ब्रांड 'सुपरबॉटम्स' खड़ा किया।
सुपरबॉटम्स शिशुओं के लिए दोबारा यूज होने वाले कपड़े के डायपर के निर्माता के रूप में काम करता है। पल्लवी की कंपनी क्लॉथ डायपरिंग, लैंगआउट, अंडरवियर और बहुत कुछ प्रदान करती है। इसकी स्थापना 2015 में महाराष्ट्र में हुई थी।
आज भले ही उनकी कंपनी इतनी बड़ी है, लेकिन उनका सफर इतना आसान नहीं था। एक मां जिन मुश्किल रास्तों से गुजरती हैं, वह भी गुजरीं। एक मां को जैसे बलिदान की देवी समझ लिया जाता है, वही अपेक्षाएं उनसे भी की गईं।
जब उन्होंने सुपरबॉटम्स शुरू करने के बारे में सोचा था तो उनके शुभ-चिंतकों ने कई सवाल खड़े किए। उन्हें कहा गया कि वह ऐसा करके अपना पढ़ा-लिखा और करियर खराब कर रही हैं। इन सबके बावजूद पल्लवी का हौसला कम नहीं हुआ और उन्होंने अपने दम पर SuperBottoms खड़ा किया।
हम मदर्स डे पर हरजिंदगी के नए प्रोजेक्ट 'The Good Mother Project' में हम आपको ऐसी महिलाओं से मिलाएंगे जो समाज में अपने काम से एक बदलाव ला रही हैं। समाज में पहले से चली आ रही रूढ़ियों को और माइंडसेट को उन्होंने मुंहतोड़ जवाब दिया। आइए मिलें पल्लवी उतागी से और जानें उनकी सफलता की कहानी!
आप खुद को कैसे डिफाइन करती हैं?
मैं खुद को एक मां, उद्यमी और मार्केटिंग उत्साही के रूप में डिफाइन करती हूं। मां होना मेरे जीवन का एक बड़ा हिस्सा है। मेरे बच्चे और उसके कल की देखभाल ने मेरे अंदर सस्टेनेबिलिटी के लिए एक जुनून पैदा। यही आज मेरे अस्तित्व का एक हिस्सा है। एक उद्यमी होने के नाते मैंने फ्लेक्सिबिलिटी और अनुकूल होने के साथ ही अनिश्चितता को गले लगाना भी सीखा है। मेरे लिए मार्केटिंग केवल प्रोडक्ट्स बेचना नहीं है, यह ग्राहकों के साथ संबंध बनाने और उनके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने के बारे में भी रहा है।
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आपकी सबसे बड़ी चुनौतियां क्या थीं?
मेरे सामने जो सबसे बड़ी चुनौती थी वह यह कि मैं अपने परिवार और काम के बीच में समय और एनर्जी को बैलेंस करने का तरीका कैसे खोजूं। अपने काम को प्राथमिकता देने के साथ यह सुनिश्चित करना कि मैं अपने बच्चे और काम पर पर्याप्त ध्यान दूं, भी एक संघर्ष था। सीधे शब्दों में कहूं तो एक नई मां बनने और एक साथ एक व्यवसाय शुरू करने का अनुभव अविश्वसनीय रूप से चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उसने मुझे अपनी ताकत और क्षमताओं के बारे में भी बहुत कुछ सिखाया।
मुझे पता था कि मुझे निरंतर आगे बढ़ना है। मेरे अंदर एक मां के साथ ही एक उद्यमी होने का जुनून था। इसलिए मैं चुनौतियों से जूझता रही और एक-एक करके इस पर काम करती रही(कौन हैं पल्लवी उतागी)।
आपके लिए सबसे बड़ा क्रिटिसिज्म क्या था?
सुपरबॉटम्स की शुरुआत करते समय मुझे स्पष्ट रूप से कहा गया था कि मैं बेवकूफ हूं जो एक ऐसे ब्रांड का नेतृत्व करने के बारे में सोच रही हूं जिसका डीएनए सस्टेनेबिलिटी है। लोगों ने मुझसे यह तक सवाल किया "सस्टेनेबिलिटी की परवाह कौन करता है?" यहां तक कि दोबारा यूज होने वाले कपड़े के डायपर बनाने के बारे में जब मैंने सोचा तो इसके लिए भी मेरी कड़ी आलोचना हुई।
लोगों ने कहा कि जब आज सब सुविधाएं खोजते हैं, तो तुम्हारे इस प्रोडक्ट को कौन स्वीकार करेगा। मेरे शुभचिंतकों ने मुझे कहा कि मैं ऐसी कंपनी बनाने में के बारे में सोचकर अपनी पढ़ाई और करियर के साथ अन्याय कर रही हूं।
चुनौतियों और आलोचनाओं के बावजूद, मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि सुपरबॉटम्स अब एक सफल ब्रांड है जिसने अपने सस्टेनेबल प्रयासों के लिए मान्यता प्राप्त की है। हमने अपने इन तमाम प्रयासों के लिए पुरस्कार जीते हैं और आज हमारे लॉयल कस्टमर हैं। मेरा मानना है कि अपने वैल्यू के प्रति सच्चे रहकर और कठिन समय में डटे रहकर, हम अपने आलोचकों को बिलिवर्स में बदलने में कामयाब होंगे।
आप एक मां, गृहिणी और बिजनेस वुमन के रूप में खुद को कैसे रेट करती हैं?
एक मां और एक उद्यमी के रूप में, हर दिन मुझे यह निर्णय लेना होता है कि मैं हर दिन दोनों में से क्या बनने जा रही हूं। कभी मैं मां ज्यादा होती हूं और कभी मैं ज्यादा उद्यमी होती हूं। मुझे नहीं लगता कि किसी भी समय, मैं 100% एक मां या एक कामकाजी महिला हूं और यह एक ऐसी कीमत है जो मुझे चुकानी होगी। जहां तक रेटिंग का सवाल है, मुझे लगता है कि मैं अपना बेस्ट देती हूं और ज्यादातर दिनों में यह काफी होता है। इसलिए मुझे लगता है कि मैं खुद को 10 में से 10 ही दूंगी (Mother's Day पर HerZindagi की नई शुरुआत)।
आपकी सबसे बढ़ी सीख क्या रही?
अपने व्यक्तिगत अनुभव से मैंने महसूस किया है कि अपने काम के कुछ हिस्से ऐसे होते हैं जो हमें पसंद नहीं होते। मैंने यह सीखा है कि इन कामों से बचने से आगे चलकर बड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए टालमटोल करने के बजाय इन चीजों से सीधे तौर पर निपटना और उन्हें रास्ते से हटाना सबसे अच्छा है। मेरा विश्वास कीजिए जितना आप उन कामों से बचेंगे या दूर भागेंगे, वे उतना आगे बदतर होंगे। अगर आप पहले उन्हें पूरा कर लेंगी, तो आपके पास आगे के काम पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ज्यादा समय होगा और आपको तनाव भी कम होगा।
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क्या आपको कभी मॉम गिल्ट हुआ और आप कैसे उससे उबरीं?
हां, बिल्कुल! एक मां बनना गिल्ट के साथ आता है। कई बार हमें उस भावना से गुजरना पड़ता है कि क्या मैंने काफी अचीव कर लिया है? या मैंने कुछ मिस कर दिया। इसके अतिरिक्त आउटसोर्सिंग से मुझे काफी मदद मिली। मैंने आउटसोर्स करने की बहुत कोशिश करती हूं ताकि मैं अपने बच्चे के साथ समय बिता सकूं। मैंने अपने आसपास भी एक सपोर्ट सिस्टम तैयार किया है, उन लोगों के साथ जो मेरे बच्चे की उसी तरह देखभाल करते हैं और प्यार करते हैं, जितना मैं करती हूं। आखिर में, एक बच्चे को प्यार, अटेंशन और देखभाल की जरूरत होती है जो सिर्फ मां से नहीं मिल पाती। यह पिता और परिवार के सदस्यों से भी मिलता है।
मां के टॉक्सिक ग्लोरिफिकेशन पर आपका क्या ख्याल है और यह मां पर कैसे दबाव डालता है?
एक मां को बहुत ज्यादा ग्लोरिफाइड किया जाता है और इस हद तक कि यह टॉक्सिक बन जाता है। उनसे उम्मीद की जाती है कि वह सबके लिए सब कुछ करेंगी। यह मांओं पर एक अनहेल्दी दबाव डालता है जो उनके मानसिक और भावनात्मक हेल्थ को प्रभावित करता है। मुझे लगता है कि पहला कदम होना चाहिए कि आपके इसके बारे में बात करना बंद करें और जो लोग इस ग्लोरिफिकेशन को हवा दे रहे हैं उन्हें भी टोकें। यह जरूरी है कि हम इसके प्रति काम करें और मांओं को पहले एक इंसान बनने दें।
हमें आशा है पल्लवी उतागी के बारे में जानकर आपको भी अच्छा लगा होगा। इस लेख को लाइक करें और आगे शेयर करें। इसी तरह की इंस्पायरिंग स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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