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परफेक्ट बॉडी पाने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने वाले इन बातों का रखें ध्यान

Kajal Dubey
16 May 2023 11:12 AM GMT
परफेक्ट बॉडी पाने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने वाले इन बातों का रखें ध्यान
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स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के मामले में ज्यादातर लोग बदलाव करना पसंद करते हैं। काफी जल्दी अपने वर्कआउट रूटीन को बदल लेते हैं। उन लोगों को यह याद रखना चाहिए कि अपनी बॉडी पर पहले कुछ लोड तो पड़ने दीजिए। उसके बाद ही वर्कआउट को बदलना सही रहेगा।
कुछ लोग हैं जो हर दूसरे हफ्ते वर्कआउट बदल लेते हैं तो कुछ ऐसे हैं जिन्हें महीनों गुजर जाते हैं वो उसी तरह से वर्कआउट करते रहते हैं। इसलिए ख्याल रखें कि 3-4 हफ्ते में एक्सरसाइज बदल लें या उनकी जगह कोई दूसरी एक्सरसाइज करें। एक्सरसाइज या वर्कआउट रूटीन फॉलो करने से अंतर पड़ना बंद हो गया है तो इस बारे में जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।
बॉडी के हर पार्ट को करें ट्रेन
अधिकतर लोग जिम जाने के बाद सिर्फ अपने बाइसेप्स और 6 पैक एब्स बनाने पर ही ध्यान देते हैं। लेकिन फिटनेस के प्रति लोग सोचते हैं कि बड़े बाइसेप्स और 6 एब्स से ही बॉडी अच्छी दिखती है। उन लोगों को इस ओर ध्यान देना होगा कि सिर्फ बाइसेप्स और एब्स से नहीं बल्कि ओवरऑल बॉडी जब ग्रोथ करेगी तब ही आपकी फिजीक अच्छी दिखेगी। इसलिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करते समय पूरे शरीर पर ध्यान दें और हर बॉडी पार्ट को बराबर ट्रेन करें। जैसे-
चेस्ट और ट्राइसेप्स एक्सरसाइज
बैक और एब्स एक्सरसाइज
शोल्डर और ट्रैप्स एक्सरसाइज
बाइसेप्स, ट्राइसेप्स और एब्स एक्सरसाइज
लेग एक्सरसाइज
कार्डियो
हफ्ते में 4 दिन एक्सरसाइज जरूर करें
कुछ लोग जिम जाना शुरू करते हैं तो वे सातों दिन जिम जाते हैं, कुछ हफ्ते में सिर्फ 1-2 दिन ही जाते हैं। वहीं कुछ जिम में इतना हेवी वर्कआउट करते हैं जिससे उन्हें चोट लग सकती है। साथ ही उनकी मसल्स भी इंजर्ड हो सकती हैं।
इसलिए शुरुआती दिनों में हल्के वजन से वर्कआउट करें और फिर धीरे-धीरे वजन बढ़ाएं। फिर जैसे-जैसे बॉडी हेवी वेट के लिए तैयार होती जाए उसके बाद ही आप हैवी वजन उठाएं। इसलिए आप कम से कम हफ्ते में 4 दिन वर्कआउट जरूर करें। इससे आपको बेहतर रिजल्ट मिलेंगे।
2 दिन से पहले सेम बॉडी पार्ट को ट्रेन न करें
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के दौरान मसल्स टिश्यूज ब्रेक होते हैं और फिर प्रोटीन लेकर उन्हें रिपेयर किया जाता है। मसल्स को पूरी तरह रिपेयर होने में लगभग 48 घंटे का समय लगता है। इसलिए आपको स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करते समय इस बात का खास ख्याल रखना है कि 48 घंटे से पहले सेम मसल्स ग्रुप को दोबारा ट्रेन न करें।
यानी कि जैसे आपने आज चेस्ट एक्सरसाइज की है तो अब आपको 48-72 घंटे बाद ही चेस्ट को ट्रेन करना है। ध्यान दें कि मसल्स की रिकवरी के लिए न्यूट्रीशन का सबसे अहम रोल होता है। इसलिए इस दौरान आपको सही मात्रा में प्रोटीन डाइट का सेवन करना है।
स्ट्रेचिंग भी है जरूरी
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने के बाद स्ट्रेच करना बहुत जरूरी हो जाता है। जिन मसल्स को आपने ट्रेन किया है उनकी स्ट्रेचिंग से आराम मिल सकता है।
इसलिए वर्कआउट के बाद स्ट्रेचिंग जरूर करें। कम से कम 10 मिनट स्ट्रेच करना सही हो सकता है। इसके अलावा फोम रोलिंग (Foam Rolling) करने से भी आपको काफी फायदा होगा।
वजन की अपेक्षा पोजिशन पर दें ध्यान
कोई भी एक्सरसाइज अगर सही तरीके से न की जाए तो फायदे के बजाय नुकसान हो सकता है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में भी यही फॉर्मूला काम करता है।
जितने सही तरीके से आप एक्सरसाइज करेंगे उतना ही अच्छज्ञ असर आपको देखने को मिलेगा। इसलिए हमेशा ख्याल रखें कि अधिक वेट की अपेक्षा सही पोजिशन पर ही ध्यान दें।
याद रखिए अगर एक्सरसाइज सही पोजिशन में नहीं कर पा रहे हैं तो वजन कम कर दें या फिर रिपीटेशन। यदि आपको लगता है कि आपकी पोजिशन गलत है तो ट्रेनर से सलाह जरूर लें।
सांस लेते रहें
एक्सरसाइज करते हुए ज्यादातर लोग सांस होल्ड करना पसंद करते हैं। लेकिन इसका एक सही तरीका होता है। पुश या पुल करते समय ब्रीदिंग को होल्ड करना सही होता है और नॉर्मल पोजिशन में आकर सांस छोड़ना सही है। इसलिए सांस लेते रहें जिससे आपको वर्कआउट करने में काफी मदद मिल सकती है।
वार्म अप करना नहीं भूलें
एक्सरसाइज करने से पहले वार्म अप की अहमियत जरूर समझ लीजिए। दरअसल वार्मअप करने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है और आपके ज्वाइंट खुल जाते हैं। इससे शरीर में चोट लगने का खतरा काफी कम हो जाता है और आप अच्छे से अपना सेशन पूरा कर पाते हैं। इसलिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से पहले 5 से 10 मिनट की वॉक, रनिंग, साइकिलिंग, रोप जंप या अन्य एक्टिविटी कर सकते हैं।
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