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युवा सेरोगेट मदर की कहानी: स्पर्म और गर्भ दूसरे का...गे कपल...ये अनुभव किया शेयर
jantaserishta.com
17 March 2021 10:26 AM GMT
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कई देशों में सरोगेसी का चलन बढ़ता जा रहा है. सरोगेसी में महिलाएं किसी दूसरे के बच्चे को अपने गर्भ में पालती हैं. भारत में भी कई सेलिब्रिटी पैरेंट्स बनने के लिए सरोगेसी यानी किराए की कोख का सहारा ले चुके हैं. हालांकि, सरोगेट मदर का चुनाव लोग कैसे करते हैं और ये प्रक्रिया कितनी मुश्किल है, क्या बच्चे के जन्म के बाद सरोगेट मदर की कोई भूमिका नहीं रह जाती है? ऐसे कई सवाल लोगों के मन में आते रहते हैं.
सरोगेसी में कोई महिला अपने या फिर डोनर के एग्स के जरिए किसी दूसरे कपल के लिए प्रेग्नेंट होती है. आमतौर पर बच्चा होने के बाद सरोगेट मदर का पेरेंट्स के साथ कोई संबंध नहीं रहता है लेकिन कुछ सरोगेट मदर बच्चा होने के बाद भी क्लाइंट से रिश्ता कायम रखती हैं. 24 साल में ही सरोगेट मदर बन चुकीं एम्मा ने बीबीसी थ्री से अपना अनुभव शेयर किया है.
24 साल की सरोगेट मदर एम्मा ने बीबीसी थ्री से बताया, वो हमेशा से खुद का बच्चा होने से पहले किसी और के बच्चे की मां बनना चाहती थीं. एम्मा कहती हैं, 'मुझे दूसरे कपल की मदद करना अच्छा लगता है.' एम्मा का खुद का भी साढ़े तीन साल का एक बच्चा है.
एम्मा एक युवा सेरोगेट मदर हैं और उन्होंने मार्च 2020 में गे कपल केविन और एकी के लिए सरोगेसी से एक बच्ची को जन्म दिया था. बच्ची का नाम मिया है और वो अब एक साल की हो चुकी है. एम्मा ने बताया कि वो इस कपल से एक ऐप के जरिए मिली थीं. ये ऐप होने वाले पेरेंट्स और और सरोगेट्स के बीच कनेक्शन मैच कराने का काम करता है.
एम्मा कहती हैं, 'ये ऐप एक तरह से टिंडर की तरह है जो फर्टिलिटी के लिए काम करता है. आप लोगों की प्रोफाइल के हिसाब से लेफ्ट या राइट ऑप्शन चुन सकते हैं. यहां पर लोग स्पर्म डोनर्स, एग डोनर्स और सरोगेट्स को ढूंढते हैं. इसके जरिए मुझसे कई लोगों ने संपर्क किया लेकिन एकी ने मुझे सबसे पहले मैसेज किया और हमारी बात आगे बढ़ी. लगभग 3 हफ्ते के बाद केविन और एकी ये देखने आए कि मैं कहां रहती हूं. हम बाहर लंच पर गए और घंटों तक बातें कीं. अब हम तीनों अच्छे दोस्त बन चुके हैं और मैं अब उन्हें अपने परिवार की तरह ही देखती हूं.'
केविन, एकी और एम्मा UK सरोगेसी नाम की एक संस्था के सदस्य हैं जो किसी भी प्रक्रिया से पहले आपस में दोस्ती बढ़ाने की सलाह देता है. एम्मा कहती हैं, 'हमारे मामले में सच में ही ऐसा है और हम तीनों बहुत अच्छे दोस्त हैं. हम एक-दूसरे को हर दिन मैसेज करते हैं. जब भी संभव हो सके, मिलने की कोशिश करते हैं.'
सरोगेसी के जरिए हुई बेटी मिया और एम्मा का बेटा जैकॉब एक-दूसरे से कजिन्स की तरह मिलते है. एम्मा कहती हैं कि समय आने पर मिया को ये सच्चाई बताई जाएगी कि वो इस दुनिया में कैसे आई. एम्मा ने कहा, 'केविन और एकी ईमानदार और खुले विचारों वाले हैं. मैं नहीं चाहती थी कि ये बच्चा किसी तरह के अंधेरे में रहे और जब वो कुछ बड़ी हो जाएगी तो हम उसे सब कुछ बता देंगे.'
एम्मा कहती हैं, 'मैंने अपने बेटे जैकॉब को भी बता रखा है कि मैं एक सेरोगेट मदर हूं. जैकॉब समझता है कि केविन और एकी सिर्फ उसके साथ खेलने के लिए आते हैं लेकिन जब वो कुछ बड़ा होगा तो मैं हम तीनों के रिश्ते की सच्चाई उसे बता दूंगी.
एम्मा कहती हैं, 'सरोगेसी में मेरे एग्स का इस्तेमाल हुआ था तो तकनीकी रूप से तो मिया की मां मैं हुई लेकिन मैंने अपने कदम पीछे ले लिए. मिया मुझे आंटी बुलाती है.' सरोगेट मदर बनने के फैसले पर एम्मा को दोस्तों से तो पूरा सहयोग मिला लेकिन उन्हें परिवार के विरोध का सामना करना पड़ा.
एम्मा कहती हैं, 'मेरी मां को लगता था कि मैं कोई जोखिम भरा काम कर रही हूं. वो इसे समय की बर्बादी मानती थीं. उनका कहना था कि किसी दूसरे के लिए प्रेग्नेंट होने और इतना दर्द झेलने की क्या जरूरत है. हालांकि, अब चीजें बदल चुकी हैं और मेरी मां मिया को बहुत प्यार करती हैं.' एम्मा की मां की तरह ही सरोगेसी को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं.
एम्मा ब्रिटेन की हैं और ब्रिटेन में सरोगेट मदर को किसी तरह की फीस नहीं मिलती है और क्लाइंट्स बस प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले खर्चे ही उठाते हैं. वहां सरोगेट करने वाले को ही बच्चे का कानूनी माता-पिता माना जाता है जब तक कि वो खुद अपना कानूनी हक किसी और को ट्रांसफर नहीं कर देता.
हालांकि, डिलीवरी के बाद कुछ सरोगेट मदर क्लाइंट्स को बच्चा देने से मना कर देती हैं और इसी वजह से इस कानून में बदलाव का एक प्रस्ताव लाया गया है. इसके मुताबिक सेरोगेसी कराने वाले पेरेंट्स ही बच्चे के कानूनी माता-पिता होंगे. वहीं UK में कुछ लोग सरोगेसी को गैर कानूनी घोषित करने की भी मांग कर रहे हैं. वो सरोगेसी को 'किराए की प्रेग्नेंसी' कहते हैं.
एम्मा कहती हैं, 'सरोगेसी की आलोचना करने वालों ने शायद खुद कभी इनफर्टिलिटी का अनुभव नहीं किया है या फिर उन्हें पता ही नहीं होता है कि इस दिक्कत से गुजर रहे लोगों को कैसा महसूस होता है. कोई दूसरा हमें नहीं बता सकता कि हमें अपनी बॉडी के साथ क्या करना है.'
अंत में एम्मा कहती हैं, 'मुझे लगता ही कि सरोगेसी एक बहुत खूबसूरत चीज है. मुझे मौका मिला तो मैं फिर से सेरोगेट मदर बनना चाहूंगी. संस्था के जरिए मुझसे कई पेरेंट्स संपर्क भी कर चुके हैं लेकिन कोरोना वायरस की वजह से मैं अभी किसी भी तरह की जल्दबाजी नहीं करना चाहती हूं.'
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