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प्रदूषित हवा में कुछ वक्त रहने से याद्दाश्त और सोचने की क्षमता पर पड़ता हैं असर, जाने

Teja
19 Nov 2021 5:10 AM GMT
प्रदूषित हवा में कुछ वक्त रहने से याद्दाश्त और सोचने की क्षमता पर पड़ता हैं असर, जाने
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महज कुछ वक्त ही प्रदूषित हवा में ली गई सांसें दिमाग खासकर याद्दाश्त पर खतरनाक असर डाल सकती हैं। एक अंतरराष्ट्रीय शोध में यह दावा किया गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महज कुछ वक्त ही प्रदूषित हवा में ली गई सांसें दिमाग खासकर याद्दाश्त पर खतरनाक असर डाल सकती हैं। एक अंतरराष्ट्रीय शोध में यह दावा किया गया है। अमेरिका स्थित क्वींसलैंड विश्वविद्यालय और कार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 'ब्रेन ट्रेनिंग' फोन एप का इस्तेमाल करने वाले एक लाख से अधिक लोगों की निगरानी कर यह निष्कर्ष निकाला। शोध की लेखक एंड्रिया ला नौज ने कहा कि इस दौरान पाया कि जहां प्रदूषण ज्यादा था वहां कुछ ही वक्त बिताने पर युवाओं की याद्दाश्त क्षमता पर बुरा असर दिखा। उनकी सोचने, गणना करने, ध्यान करने व चलने की क्षमता प्रभावित हुई। शोधकर्ताओं ने इसके लिए प्रदूषण कण पीएम 2.5 को जिम्मेदार बताया। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की 91 आबादी ऐसे स्थानों पर रहती है, जहां हवा का स्तर खतरनाक है।

दिल्ली में हालात खराब
दिल्ली में गुरुवार को पीएम 2.5 का स्तर 162 दर्ज किया गया। मानकों के मुताबिक, यह 60 से नीचे होना चाहिए। वायु गुणवत्ता सूचकांक 347 दर्ज किया गया। बुधवार के 375 के मुकाबले मामूली सुधार हुआ पर 'बेहद खराब' श्रेणी में ही है।

इन पर ज्यादा असर
शोध के मुताबिक, जहां ज्यादा प्रदूषण है वहां कामकाज प्रभावित हो सकता है। शिक्षक, डॉक्टर, नर्स जैसे लोगों पर इसका असर ज्यादा दिखा। कृषि क्षेत्रों में काम करने वालों पर कम। यह अध्ययन नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च जर्नल में प्रकाशित हुआ है।


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