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हम सभी को तीखा और चटपटा खाना पसंद होता है। अगर इसका सेवन लिमिट में रहते हुए कभी-भार ही किया जाए, तो इससे कोई बड़ी प्रॉब्लम नहीं होती। हालांकि, तेज तेल मसाले वाला खाना जिन लोगों की डाइट का अहम हिस्सा होता है, उनके लिए जानना जरूरी है कि यह आगे चलकर उनके लिए किस तरह के हेल्थ रिस्क की वजह बन सकता है। आइए हम आपको बताते हैं उनमें से कुछ के बारे में...
पेट से जुड़ी प्रॉब्लम्स का होना
जब हम ज्यादा तेल मसालों वाली चीज़ें खाते हैं तो बॉडी का पीएच बैलेंस बिगड़ सकता है। इससे ज्यादा एसिड बनता है, जिसके चलते एसिडिटी की प्रॉब्लम बढ़ती है और सीने में जलन, गैस, पेट में सूजन वगैरह महसूस होती है। मसालेदार खाना पेट खराब होने और दस्त की एक कॉमन वजह है। दरअसल, मिर्च-मसालों में कैप्साइसिन होता है, जिसे ज्यादा खाने से पेट की परत को नुकसान पहुंचता है, इसलिए इसे खाने के बाद पेट मे जलन होती है। इसके अलावा, कैप्साइसिन उल्टी, पेट दर्द और जलन वाली दस्त की भी वजह बनता है।
लिवर को होता है नुकसान
ज्यादा तेल मसाले वाला खाना लिवर से जुड़ी प्रॉब्लम्स बढ़ा सकता है। दरअसल, तेल लिवर में जाकर चिपक जाता है और उसमें फैट जमने लगता है, जो फैटी लिवर की वजह बनता है। इसके अलावा, तेल मसाला लिवर को डैमेज भी करने लगता है, जिससे आपको लिवर सिरोसिस जैसी शिकायत हो सकती है। लंबे वक्त तक तीखा खाने से हेपेटाइटिस और पीलिया भी हो सकता है। इन सभी बीमारियों से बॉडी की ओवरऑल फंक्शनिंग पर असर होने लगता है।
बढ़ सकता है मोटापा
मोटापे की हमेशा दो बड़ी वजहें रही हैं। पहली बॉडी में ट्रांस फैट यानी अनहेल्दी फैट का ज्यादा जमा होना और दूसरा आपके मेटाबॉलिज्म का धीमा हो जाना। ज्यादा तेल मसाला खाने से ये दोनों नुकसान होते हैं। दरअसल, ज्यादा तेल मसाले वाले खाने में कैलोरीज ज्यादा होती है जिससे वजन बढ़ता है। दूसरा यह कि इसमें ट्रांस फैट यानी अनहेल्दी फैट ज्यादा होता है, जिससे यह बॉडी की अलग-अलग टिश्यूज में चिपक जाते हैं और मोटापे की वजह बनते हैं। तीसरा यह कि तेल मसाले वाले खाने चिकने होते हैं, जो मेटाबॉलिज्म को स्लो करते हैं। ये खाना पचाने और वजन घटाने के प्रोसेस को धीमा करते हैं।