लाइफ स्टाइल

भारत समेत पूरी दुनिया में पुरुषों का स्पर्म काउंट तेजी से कम हो रहा : ताजा शोध में कहा गया ,

Teja
25 Nov 2022 6:33 PM GMT
भारत समेत पूरी दुनिया में पुरुषों का स्पर्म काउंट तेजी से कम हो रहा : ताजा शोध में कहा गया ,
x
जेरूसलम । विश्व में पुरुषों का स्पर्म काउंट 1973 की तुलना में साल 2018 तक आधे से भी कम रह गया है। ताजा शोध में कहा गया है कि भारत समेत पूरी दुनिया में पुरुषों का स्पर्म काउंट तेजी से कम हो रहा है। इसका खुलासा पिछले दिनों सामने आई एक स्टडी में हुआ है। इजराइल की हिब्रू यूनिवर्सिटी ऑफ जेरूसलम के शोधकर्ताओं कीइस स्टडी में भारत समेत 53 देशों का डाटा इस्तेमाल किया गया था। शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि अगर सही समय पर स्पर्म काउंट को लेकर ध्यान नहीं दिया गया तो इंसानों के लिए प्रजनन संकट पैदा हो सकता है। अब सवाल उठता है

कि आखिर स्पर्म काउंट तेजी से क्यों गिर रहा है? इस सबसे बड़े सवाल का जवाब एक्सपर्ट्स से जान लेते हैं। एक्सपर्ट की मानें तो यह बात बिल्कुल सही है कि पिछले कई सालों से पुरुषों का सीमन एनालिसिस पैरामीटर गिर रहा है। 1999 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने चौथा और पांचवां मैनुअल बनाया था। इसके सीमन एनालिसिस में भी स्पर्म काउंट में भारी गिरावट की बात पता चली थी। अगर 1955 में सामने आए पहले मैनुअल और पांचवें मैनुअल की तुलना करें तो यह गिरावट साफतौर पर दिखाई देती है। यह मेल फर्टिलिटी के लिए चिंता का विषय है। पर्यावरण और लाइफस्टाइल का हमारी प्रजनन क्षमता पर गहरा असर पड़ रहा है। पुरुषों में टेस्टिकुलर कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं और सीमन क्वालिटी व टेस्टोस्टेरोन लेवल में गिरावट देखने को मिल रही है।

रिसर्च में पता चला है कि पिछले 50 सालों में पुरुषों का स्पर्म काउंट 104 से घटकर 49 मिलियन प्रति मिलीलीटर तक रह गया है। सीमन का स्पर्म कंसंट्रेशन प्रति मिलीलीटर 52 प्रतिशत कम होकर 50 मिलियन रह गया है। यह अभी भी डब्ल्यूएचओ के उस कटऑफ से ऊपर है जिसके नीचे पुरुषों के स्पर्म कंसंट्रेशन को काफी कम माना जाता है। एक्सपर्ट का कहना है कि खराब लाइफस्टाइल अल्कोहल और सिगरेट का इस्तेमाल अनहेल्दी खान-पान समेत कई फैक्टर स्पर्म काउंट को कम कर रहे हैं। दशकों पहले तनाव को इसके लिए चिंताजनक नहीं माना जाता था
किन अब तनाव पुरुष और महिलाओं में इनफर्टिलिटी यानी बांझपन का सबसे बड़ा कारण बन गया है। डॉ. रिचिका सहाय कहती हैं कि तनाव आपके रूटीन को बदल देता है जिसकी वजह से लाइफस्टाइल बदल जाती है। काम का दबाव आपकी लाइफस्टाइल को बिगाड़ देता है। आज के जमाने में पुरुष देर रात तक जाकर काम कर रहे हैं और इससे उनकी फर्टिलिटी साइकल प्रभावित हो रही है।
एक्सपर्ट की मानें तो शराब सिगरेट और ड्रग्स लेने से भी स्पर्म काउंट पर बुरा असर पड़ रहा है। जिम में जाकर बॉडी बनाने के चक्कर में लोग एनाबॉलिक स्टेरॉयड ले रहे हैं जिससे स्पर्म काउंट गिर रहा है। एक्सपर्ट के मुताबिक भारतीय पुरुषों में पिछले 13 सालों में स्पर्म काउंट में 30.31 प्रतिशत की गिरावट हुई है। मोटिलिटी और मोरफ़ोलॉजी में 22.92 और 51.25प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। वे कहते हैं कि जन्म के तुरंत बाद मौत होना समय से पहले जन्म होना या नवजात शिशु का जन्म के बाद आईसीयू में भर्ती होना स्पर्म की क्वालिटी खराब कर सकता है।
वे कहते हैं कि इन परेशानियों का कारण एंडोक्राइन डिस्ट्रक्टिव केमिकल्स और एनवायर्नमेंटल फैक्टर भी हो सकते हैं। इसके अलावा पेस्टीसाइड के संपर्क में आना कम एक्सरसाइज करना खराब डाइट लेना स्मोकिंग करना और मोटापे से भी स्पर्म काउंट घट सकता है।एक्सपर्ट के मुताबिक छोटी-छोटी बातें अगर आपकी लाइफस्टाइल को लंबे समय तक प्रभावित करती हैं तो इससे स्पर्म काउंट कम होने की संभावना बढ़ जाती है।
Next Story