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जयपुर महल की शान जाने इससे जुड़ी खास बातें

Teja
6 Jan 2022 10:13 AM GMT
जयपुर महल की शान जाने इससे जुड़ी खास बातें
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अगर आप घूमने के शौकीन हैं, तो गुलाबी शहर यानी जयपुर तो जरूर घूमे होंगे. अगर नहीं घूमें हैं, तो अब जरूर जाइएगा और वहां हवा महल का दीदार जरूर कीजिएगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | इस महल को वास्तुकार लाल चंद्र उस्ताद ने डिजायन किया था. इस महल में आपको गुंबददार छत, कमल, और फूलों के अलावा बारीक नक्काशी भी देखने को मिलती है. ये मुगल और हिंदू राजपूत वास्तुकला के मिश्रण का बेजोड़ उदाहरण है. अगर आप घूमने के शौकीन हैं, तो गुलाबी शहर यानी जयपुर तो जरूर घूमे होंगे. अगर नहीं घूमें हैं, तो अब जरूर जाइएगा और वहां हवा महल का दीदार जरूर कीजिएगा. हवा महल को जयपुर की शान माना जाता है. ये महल अपनी सुंदरता और अनोखी डिजायन के कारण आकर्षित करता है. जानिए इससे जुड़ी खास बातें.

हवामहल को साल 1799 में राजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था. कहा जाता है कि वे भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भक्त थे, इसलिए उन्होंने इस महल को श्रीकृष्ण के मुकुट के आकार का बनवाया था. ये महल राधा कृष्ण को समर्पित माना जाता है.
ठोस नींव की कमी के कारण ये घुमावदार और 87 डिग्री के कोण पर झुकी हुई है.
हवा महल के लिए कहा जाता है कि ये पूरी इमारत बिना किसी ठोस नींव के रखी गई है. वैसे तो दुनिया में इससे ऊंची तमाम इमारतें हैं, लेकिन बिना नींव की इमारतों में ये सबसे ऊंची है. ठोस नींव की कमी के कारण ये घुमावदार और 87 डिग्री के कोण पर झुकी हुई है.
हवा महल में 953 छोटी खिड़कियां हैं जिससे ठंडी हवा आती है. लेकिन इसे हवा महल नाम यहां की 5वीं मंजिल के नाम पर दिया गया. 5वीं मंजिल को हवा मंदिर के नाम से जाना जाता है, इसलिए इस महल को हवा महल के नाम से जाना जाता है.
इस पांच मंजिला इमारत में ऊपर जाने के लिए सीढ़ी का नहीं बल्कि रैंप का इस्तेमाल किया गया है. इसका विशिष्ट गुलाबी रंग, जो प्राकृतिक बलुआ पत्थर की वजह से है. जयपुर शहर के बीचोंबीच बनी इस गुलाबी इमारत के कारण ही जयपुर शहर को गुलाबी शहर कहा जाता है.
इस महल को वास्तुकार लाल चंद्र उस्ताद ने डिजायन किया था. इस महल में आपको गुंबददार छत, कमल, और फूलों के अलावा बारीक नक्काशी भी देखने को मिलती है. ये मुगल और हिंदू राजपूत वास्तुकला के मिश्रण का बेजोड़ उदाहरण है.


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