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लाइफ स्टाइल
कभी कभी रोना भी होता है जरूरी, शारीरिक समस्या से लेकर मेंटल स्ट्रेस को करता है दूर
Triveni
26 March 2021 4:29 AM GMT
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आम तौर पर लोग रोने को कमजोरी की निशानी मानते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेसक | आम तौर पर लोग रोने (Crying) को कमजोरी की निशानी मानते हैं. यही वजह है कि पुरुष आंसू (Tears) बहाने या रोने से परहेज करते हैं. लेकिन विज्ञान में यह बात साबित हुई है कि अगर आप अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करते हैं और हंसने के साथ साथ रोते भी हैं तो इसके कई फायदे (Benefits) हो सकते हैं. जिस तरह खुलकर हंसना हेल्थ (Health) के लिए अच्छा माना जाता है उसी तरह मन भर रोना भी शरीर और मन के लिए बहुत जरूरी है.
तीन तरह के होते हैं आंसू
रिफ्लैक्स (Reflex) आंसू तब आता है जब आंखों में कोई कचरा या धुंआ गया हो. दूसरा है बुनियादी (Basal )आंसू जिसमें 98 प्रतिशत पानी होता है और यह आंखों को लुब्रिकेट रखता है और इंफेक्शन से बचाता है. तीसरा है भावनात्मक (Emotional ) आंसू जिसमें स्ट्रेस हॉर्मोन्स और टॉक्सिन्स की मात्रा सबसे अधिक होती है और इनका बाहर निकलना बहुत जरूरी होता है.आपको बता दें कि मनुष्य ही एकमात्र ऐसा प्रजाति है जो रो सकता है. ऐसे में हम यहां आपको बताते हैं कि कभी कभी रोना क्यों जरूरी है.
ये हैं फायदे
1.आराम महसूस कराता है
अगर आप मन भर कर रोते हैं तो आप खुद को हल्का महसूस करते हैं. मेडिकल न्यूज टूडे के मुताबिक, साल 2014 की एक शोध में यह पाया गया कि अगर आप किसी बात से परेशान हैं और कुछ भी ठीक नहीं कर पा रहे तो जी भर कर रो लीजिए, आप खुद में आराम महसूस करेंगे. यही नहीं, आपका स्ट्रेस भी कम होगा और आप खुद को शांत महसूस कर पाएंगे. रोने के बाद आप सही निर्णय लेने में भी सक्षम महसूस करते हैं.
2.दर्द से मिलता है आराम
जब आप रोते हैं तो बॉडी में ऑक्सीटॉसिन और इंडोरफिर कैमिकल्स रिलीज होता है जो आपके मूड को बेहतर करने के साथ साथ फिजिकल और मेंटल पेन को भी कम करता है.
3.फील गुड कैमिकल को करता है रिलीज
जब आप मन भर कर रो लेते हैं तो बॉडी में ऑक्सिटोसिन और इन्डॉर्फिन जैसे केमिकल्स रिलीज होते हैं. ये फील गुड कैमिकल्स हैं जिनके रिलीज होने पर आप खुद को धीरे धीरे हल्का महसूस करने लगते हैं और कुछ ही देर मेंं बेहतर पाते हैं.
4.शरीर के टौक्सिन को करता है बाहर
जब किसी तनाव की वजह से इंसान रोता है तो उससे शरीर में बना टौक्सिन धीरे धीरे आंसू के सहारे बाहर आने लगता है. यह आंसू कई तरह के गुड हार्मोन्स रिलीज करते हैं जो शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए फायदेमंद होता है.
5.आती है अच्छी नींद
साल 2015 की स्टडी में पाया गया कि जब बच्चा रोता है तो रोने के तुरंत बाद उसे नींद अच्छी और गहरी आती है. इसी तरह वयस्क इंसानों के साथ भी होता है. रोने से दिमाग शांत होता है, बेचैनी घटती है और नींद अच्छी आती है.
6.आंखों की सेहत के लिए अच्छा
आंसू आंखों को साफ करने का काम भी करती है और कई तरह की बैक्टीरिया से बचाती है. साल 2011 की एक स्टडी में पाया गया कि आंसू में मौजूद लाइसोजाइम तत्व में दरअसल पावरफुल एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज़ होती हैं जो आंखों को कई बायोटेरर एजेंट से बचाती हैं.
7.आंखों की रौशनी को बढ़ाता है
नेशनल आई इंस्टीट्यूट के मुताबिक बुनियादी (Basal )आंसू आंखों को लुब्रिकेंट करने के साथ साथ आंखों की रौशनी को भी बढ़ाता है और लोग साफ देखने में सक्षम हो पाते हैं. यह आंखों के मेंबरेंस की नमी को बनाए रखता है और इसे सूखने से बचाता है.
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