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आसान और कारगर उपाय
किसी भी घर की सुन्दरता को बढ़ाने में परदों का बड़ा योगदान होता हैं। परदें घर को आकर्षक बनाते हैं। लेकिन इन परदों की देखभाल करना भी बहुत जरूरी होता हैं, खासकर जिस घर में बच्चे हों। क्योंकि बच्चे चलते-फिरते परदे पर गंदे हाथ लगाते हैं। ऐसे में इनकी देखभाल की ओर ध्यान देना ज़रूरी है। इसलिए आज हम आपके लिए लेकर आये हैं कुछ ऐसे इजी टिप्स जिनकी मदद से आसानी से परदों की देखभाल की जा सकें और उन्हें साफ़-सुथरा रखा जा सकें। तो आइये जानते हैं पर्दो की देखभाल के कुछ इजी टिप्स के बारे में।
यदि पर्दों पर कोई गहरा रंग गिर गया है तो एसिड या ब्लीच के ज़रिए इन्हें साफ करना होगा। इसलिए बेहतर यही होगा कि आप इसे ड्राई क्लीनर के पास ले जाएं। कॉटन और सिल्क के पर्दों में क्रीज बैठाने के लिए उन्हें सुखाने के बाद प्रेस अवश्य करवाएं। जबकि पोलिएस्टर के पर्दे आप बिना प्रेस किए भी टांग सकती हैं।
सूती और सिल्क के पर्दे अकसर धोने के बाद सिकुड़ जाते हैं। इन्हें सिलवाने से पहले धो लेना चाहिए। अगर पहले से धोना नहीं चाहते तो अंदर की तरफ दबाव देकर परदा लंबा सिलवाएं।
पर्दा लगाते समय ध्यान रखें कि चाहें वह किसी भी कपडे का बनवाएं लेकिन उस पर लाइनिंग अवश्य लगवाएं। लाइनिंग से पर्दे की उम्र बढ़ जाती है। आजकल लाइनिंग भी कई तरह की आती हैं। लेकिन ज़्यादातर लोग सूती और टेरीकॉट की लाइनिंग करते हैं। टेरीकॉट की सफेद रंग की लाइनिंग ज़्यादा टिकाऊ मानी जाती है।
यदि पर्दा कहीं से फट या उधड गया है तो उस हिस्से को सिलाई या रफू कर लें, अन्यथा यह धोने में और फट सकता है। पर्दे लगभग 2-3 महीने के अंतराल पर धुलते हैं, इसलिए वो अन्य कपड़ों की तुलना में ज़्यादा गंदे हो जाते हैं। ऐसे में इन्हें धोने से पहले सर्फ के घोल में दो-तीन घंटे भिगोकर रखें। इसके बाद ही पानी में निकालें।
पर्दा टांगने के लिए प्लास्टिक या स्टेनलेस स्टील के हुक लगाएं। लोहे के हुक लगाने से पर्दे पर जंग के दाग लग जाते हैं। पंद्रह-बीस दिन में एक बार पर्दे वैक्यूम क्लीनर से साफ कर दें। यदि पर्दे वाशिंग मशीन में धो रही हैं तो धोने से पहले पर्दे के हुक अवश्य निकाल दें वरना हुक टूटने का डर बना रहता है।
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