लाइफ स्टाइल

सोशल प्रेशर है फास्ट फैशन को बढ़ावा मिलने की बड़ी वजह

Teja
5 Jun 2023 7:33 AM GMT
सोशल प्रेशर है फास्ट फैशन को बढ़ावा मिलने की बड़ी वजह
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एनवायरनमेंट : शादी-पार्टीज़ में लोगों को सबसे पहला फोकस खूबसूरत और स्टाइलिश दिखना होता है। स्टाइलिश दिखने की होड़ में लोग हर अलग फंक्शन और इवेंट के लिए आउटफिट्स की शॉपिंग करते हैं और शादी-ब्याह में तो ये और भी ज्यादा देखने को मिल रहा है। वेडिंग लहंगे-शेरवानी के अलावा हल्दी, मेहंदी, संगीत मतलब जितने फंक्शन उतने कपड़े। लेकिन शादी-ब्याह के महंगे कपड़े लोग एक से दो बार ही पहनते हैं। उसके बाद वो वॉर्डरोब में पड़े-पड़े धूल फांकते रहते हैं। हर बार अलग लुक की चाहत में ये जो हम नए-नए आउटफिट खरीदते हैं और इसे एक से ज्यादा बार रिपीट नहीं करते, ये आदत पैसों की बर्बादी के साथ हमारे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक किसी भी कचरे का 57% हिस्सा सिर्फ कपड़ों से भरा होता है। आपको ये जानकर हैरानी होगी की 3 साल में एक इंसान जितना पानी पीता है उतना पानी सिर्फ एक जींस बनाने में खर्च हो जाता है।

अगर आपको नहीं पता, तो बता दें कि ऑयल इंडस्ट्रीज से दुनिया भर में सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है। दूसरे नंबर पर फैशन इंडस्ट्री है। फास्ट फैशन, जैसे कि नाम से ही जाहिर हो रहा है इसमें लोग कपड़ों को कम समय के लिए पहनते हैं। ये सस्ते में मिलते हैं और इनका प्रोडक्शन बहुत तेज़ी से होता है। ऐसे कपड़ों को बनाने में बहुत सारा वेस्ट निकलता है और यही वेस्ट पर्यावरण को दूषित करता है। इनमें से कई प्रोडक्ट्स तो ऐसे भी होते हैं जिनकी क्वॉलिटी सही नहीं होती लेकिन उसे बनाने में बहुत ज्यादा पैसे खर्च होते हैं। पहले जहां सीजन के मुताबिक, कपड़े डिजाइन किए जाते थे, वहीं कपड़े बनाने वाली कंपनियां अब हर हफ्ते नए कपड़े ला रही हैं। सस्ता और फैशनेबल होने के चलते लोग इन्हें खरीद तो लेते हैं, लेकिन जैसे ही ये आउट ऑफ ट्रेंड हो जाते हैं, इन्हें पहनना छोड़ देते हैं।

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