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नींद अर्थात सोना जो कि सभी को पसंद आता हैं। ये आराम के पल कोई ही नहीं छोड़ना चाहता हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो इन आराम के पलों को दिनभर का काम बना लेते हैं और काफी लंबे समय तक सोते रहते हैं। माना कि सेहत के लिए अच्छी नींद लेना जरूरी हैं लेकिन किसी भी चीज की अधिकता नुक्सान ही करती हैं। अगर आप भी कई घंटों तक सो रहे हैं तो आप कई बीमारियों को बुलावा दे रहे हैं। आइए जानते हैं कैसे आपके लिए ज्यादा सोना खतरनाक हो सकता है।
डायबिटीज का खतरा
अधिक सोने से फिजिकल एक्टिविटी ना के बराबर होती है जिससे शुगर का खतरा बढ़ जाता है। जर्नल पीएलओएस (PLoS) में छपी एक स्टडी कहती है कि 9 घंटे से ज़्यादा नींद शरीर में शूगर होने का खतरा बढ़ाती है।
दिल की बीमारियों के होने का खतरा
अधिक नींद लेने से दिल की बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। एक अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन में छपी स्टडी की मानें तो अधिक नींद दिल की बीमारियों के ख़तरे को बढ़ाती है। स्टडी कहती है कि महिलाएं जो 9 से 11 घंटे नींद लेती हैं उनमें दिल की बीमारियों की संभावना 38% तक बढ़ जाती है।
डिप्रेशन की संभावना
जरूरत से ज्यादा सोना डिप्रेशन का कारण बन सकता है। पीएलओएस में हाल ही में छपी एक स्टडी के मुताबिक ज्यादा सोना डिप्रेशन का कारण बन सकता है। इसके अलावा अधिक सोने से सुस्ती बनी रहती है। यह आलस्य और कार्य व दैनिक जीवन में कई चीजों के प्रति अरुचि को बढ़ाता है। जाहिर है ये सारी चीजें मनोवैज्ञानिक रूप से भी असर डालती है। बेहतर है कि आप जरूरत के अनुसार सोएं।
पीठ दर्द
अधिक सोने से पीठ दर्द की समस्या हो सकती है। यदि आपका काम कंप्यूटर पर है और एक ओर कुर्सी पर बैठकर घंटों काम करते हैं और दूसरी ओर ज्यादा देर तक सोते हैं तो यह आपकी पीठ दर्द का कारण बन सकता है। इसके अलावा यह आपकी गर्दन, व कंधों में भी दर्द का कारण बन सकता है। कई बार पीठ दर्द, कमर दर्द और गर्दन व कंधे के दर्द के पीछे ठीक से ब्लड सकुर्लेशन का ना होना होता है। ऐसे में यदि आप बैठ रहते हैं या फिर सोते रहते हैं और एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो अधिक सोना आपके लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है।
मोटापा
ज्यादा सोने से मोटापे की समस्या बढ़ सकती है। जाहिर है अधिक सोना यानी की नो फिजिकल एक्टिविटी और नो फिजिकल एक्टिविटी का मतलब है खाना, बैठना और घंटों सोना। वजन का बढ़ना तय है। खास बात यह है कि फिजिकल एक्टिविटी ना होने व अधिक सोने से डाइजेशन सिस्टम पर असर होता है और पाचन क्रिया धीमी होने से कब्जियत होती है और यही ओबेसिटी की वजह बनती है।
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Kajal Dubey
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