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तुलसी विवाह के पूजन में शालिग्राम और मां तुलसी का आरती जरूरी
Pushpa Bilaspur
14 Nov 2021 2:57 PM GMT
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तुलसी विवाह के पूजन में शालिग्राम और मां तुलसी का आरती जरूरी
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान एकादशी या प्रबोधनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप और तुलसी मां के विवाह का विधान है। इस दिन विधि पूर्वक तुलसी विवाह का आयोजन करने से सुख और सौभाग्य आगमन होता है। मान्यता है कि आज के दिन जो सुहागिन स्त्रियां तुलसी विवाह का पूजन करती हैं उन्हें सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति होती है। तुलसी विवाह के पूजन में भगवान शालिग्राम और मां तुलसी का आरती का पाठ जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से मां तुलसी रोग-दोष से मुक्ति प्रदान करती हैं और भगवान शालिग्राम सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। आइए जानते हैं मां तुलसी और शालिग्राम की आरती.....
शालिग्राम आरती
शालिग्राम सुनो विनती मेरी |
यह वरदान दयाकर पाऊं ||
प्रातः समय उठी मंजन करके |
प्रेम सहित स्नान कराऊं ||
चन्दन धूप दीप तुलसीदल |
वरण - वरण के पुष्प चढ़ाऊं ||
तुम्हरे सामने नृत्य करूं नित |
प्रभु घण्टा शंख मृदंग बजाऊं ||
चरण धोय चरणामृत लेकर |
कुटुम्ब सहित बैकुण्ठ सिधारूं ||
जो कुछ रूखा - सूखा घर में |
भोग लगाकर भोजन पाऊं ||
मन बचन कर्म से पाप किये |
जो परिक्रमा के साथ बहाऊं ||
ऐसी कृपा करो मुझ पर |
जम के द्वारे जाने न पाऊं ||
माधोदास की विनती यही है |
हरि दासन को दास कहाऊं ||
तुलसी माता की आरती
जय जय तुलसी माता,
मैया जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता,
सबकी वर माता ॥ जय तुलसी माता...
सब योगों से ऊपर,
सब रोगों से ऊपर ।
रज से रक्ष करके,
सबकी भव त्राता ॥ जय तुलसी माता...
बटु पुत्री है श्यामा,
सूर बल्ली है ग्राम्या ।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे,
सो नर तर जाता ॥ जय तुलसी माता...
हरि के शीश विराजत,
त्रिभुवन से हो वंदित ।
पतित जनों की तारिणी,
तुम हो विख्याता ॥ जय तुलसी माता...
लेकर जन्म विजन में,
आई दिव्य भवन में ।
मानव लोक तुम्हीं से,
सुख-संपति पाता ॥ जय तुलसी माता...
हरि को तुम अति प्यारी,
श्याम वर्ण सुकुमारी ।
प्रेम अजब है उनका,
तुमसे कैसा नाता ॥
हमारी विपद हरो तुम,
जय जय तुलसी माता,
मैया जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता,
सबकी वर माता ॥ जय तुलसी माता...
डिसक्लेमर
'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'
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