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- सेक्स रोगी सावधान!
यह खबर उन मरीजों के लिए काम की खबर हो सकती है जो सेक्स रोगों के इलाज के लिए विशेष प्राचीन आयुर्वेदिक नुस्खों वाली दवाओं से इलाज़ पाने की उम्मीद में यूपी के राजधानी लखनऊ स्थित पी. के. जैन क्लिनिक प्राइवेट लिमिटेड के मकड़जाल में फंसकर अपनी मोटी रकम इन डॉक्टर्स के हाथों गँवा बैठते हैं.ऐसे मरीज इस क्लिनिक में जाने से पहले यह समझ लें कि इस क्लीनिक में जाने पर उनको कोई विशेष दवा नहीं मिलने वाली है बल्कि इस क्लीनिक के डॉक्टर अपने मरीजों को देश की नामी कंपनियों की रेडीमेड दवाएं ही देते हैं.
आजादी से पहले साल 1926 में डॉ. पी. के. जैन क्लिनिक प्राइवेट लिमिटेड स्थापित होने का झूंठा दावा करते हुए लखनऊ में गैरकानूनी रूप से स्वयंभू रूप से यौन रोग विशेषज्ञ बन बड़े-बड़े दावों के साथ झूंठा प्रचार करने वाले आयुर्वेदिक डॉक्टर पी. के. जैन,पियूष जैन और संचय जैन द्वारा लखनऊ की लाटूश रोड पर बांसमंडी चौराहे के आगे शिवपुरी में चला रहे बांसमंडी क्लीनिक और हुसैनगंज मेट्रो स्टेशन गेट संख्या 2 के सामने होटल मेरा मन के पास चला रहे महाराणा क्लीनिक के तथाकथित सेक्सोलोजिस्ट डॉक्टर्स द्वारा इलाज में कोई स्व निर्मित विशेष प्राचीन फार्मूले वाली दवाएं नहीं दी जाती हैं बल्कि ब्रांडेड आयुर्वेदिक दवाएं ही दी जाती हैं.
इस बात का खुलासा स्थानीय राजाजीपुरम निवासी कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा द्वारा की गई शिकायतों पर सूबे के आयुष विभाग के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी कार्यालय के ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा डॉ. पी. के. जैन क्लिनिक प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिष्ठानों में मारे गए छापों के बाद हुआ है. इन छापों में ड्रग इंस्पेक्टर को इन दोनों क्लीनिक्स के डॉक्टर पी. के. जैन,पियूष जैन और संचय जैन द्वारा स्व निर्मित विशेष प्राचीन फार्मूले वाली कोई दवा नहीं मिली बल्कि ब्रांडेड आयुर्वेदिक दवाएं ही मिलीं.
संजय बताते हैं कि उन्हें मामले से सम्बंधित सैंपलिंग मैमोज़ शिकायतें और आरटीआई डालने के बाद मिले हैं जिन्हें वे जनहित में सार्वजनिक कर रहे हैं.
आयुष विभाग के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी कार्यालय के ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा डॉ. पी. के. जैन क्लिनिक प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिष्ठानों के निदेशक डॉक्टर संचय जैन और डॉक्टर पीयूष जैन द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित इन सैंपलिंग मैमोज़ से इस बात का खुलासा हो गया है कि इन क्लीनिक्स के ये डॉक्टर्स ऊंझा आयुर्वेदिक फार्मेसी द्वारा निर्मित शक्रा वल्लभ रस, डाबर इंडिया लिमिटेड द्वारा निर्मित स्वर्ण वंगा, ऊंझा आयुर्वेदिक फार्मेसी द्वारा निर्मित मकरध्वज वटी और श्री वैद्यनाथ आयुर्वेद द्वारा निर्मित श्री गोपाल तेल से तमाम रोगियों का इलाज़ करते हैं. गौरतलब है कि संजय की शिकायत के बाद सिसवारा राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के डा. शीलेन्द्र ने जांच के बाद इन डॉक्टर्स को अवैधानिक प्रचार करने का दोषी पाते हुए विज्ञापनों से यौन रोग विशेषज्ञ हटाने का आदेश देने के साथ-साथ भविष्य में विज्ञापन जारी करने से पहले विज्ञापन हेतु विभागीय अनुमति लेने तथा विज्ञापन शुल्क जमा कराने के निर्देश दिए थे.
संजय ने अब सूबे की राज्यपाल को पत्र लिखकर मांग की है कि सूबे में सेक्स एजुकेशन और साइको-सेक्शुअल अवेयरनेस को बढाने के लिए राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों को बढ़ाया जाए तथा साइको-सेक्शुअल काउंसलिंग के विषय पर काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों को बढ़ावा दिया जाए ताकि ऐसे मरीज़ पी. के. जैनs और इनके क्लीनिक्स के झूंठे विज्ञापनों के ज़रिए की जा रही धोखाधड़ी से बचे रहे.
नोट : आयुष विभाग के प्रपत्र पब्लिक डोमेन में वेबलिंक https://tahririndia.blogspot.com/2023/01/s.html पर सभी के निःशुल्क प्रयोग हेतु उपलब्ध हैं.
जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है. इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।