लाइफ स्टाइल

आज से सेट करें इंटरनेट की लत छुड़ाने के लिए बच्चों का Time Rules

Shiddhant Shriwas
18 May 2022 9:30 AM GMT
Set time rules for children to get rid of internet addiction from today
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कुछ बच्चों को इंटरनेट की लत इस कदर लग गई है कि उनका इलाज और काउंसलिंग तक करवानी पड़ रही है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना काल के बाद इंटरनेट पैरंट्स के लिए बहुत बड़ी चिंता बन चुका है। कुछ बच्चों को इंटरनेट की लत इस कदर लग गई है कि उनका इलाज और काउंसलिंग तक करवानी पड़ रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार 8 से 18 साल की उम्र के बच्चे स्क्रीन के सामने प्रति सप्ताह औसतन 44.5 घंटे खर्च कर रहे हैं जो अपने आप में बहुत बड़ी समस्या है।

14 साल का बच्चा हुआ इस लत का शिकार
इंटरनेट की लत का शिकार एक 14 साल का बच्चा हो गया है। physiatrist के पास पहुंची बच्चे की मां ने बताया कि उनका बेटा रात को सोते समय ऐसे हाथ चलाता है जैसे उसके हाथ में फोन हो। वह गेम खेलने के लिए सुबह 3 बजे उठ जाता है, ऐसे मेंवह पढ़ाई पर बिल्कुल भी ध्यान नही दे रहा है। उस बच्चे की हालत इस कमद खराब हो गई है कि वह physiatrist के किसी भी सवाल का जवाब तक नहीं दे पा रहा है।
माता -पिता नहीं करते निगरानी
एक सर्वेक्षण में इस बात का दावा किय गया था कि- 60 फीसदी माता-पिता अपने बच्चों द्वारा देखे जाने वाले ऑनलाइन कंटेंट की निगरानी नहीं करते, जो काफी चिंताजनक है। उनके बच्चे ऑनलाइन क्या कंटेंट देख रहे हैं, इस पर वे नजर नहीं रखते। एक सर्वे में यह बात भी सामने आई थी कि 8 से 12 साल तक के बच्चे हर दिन औसतन 4 घंटे 40 मिनट तक इंटरनेट पर बिता रहे हैं।
चिड़चिड़े हो रहे हैं बच्चे
डॉक्टर्स की मानें तो ऑनलाइन गेम्स ने बच्चों का बचपन छीन लिया है। पार्क में खेलकूद बंद हो चुका है और उन्हें इंटरनेट की दुनिया भाने लगी है। घंटों ऑनलाइन गेम खेलने में व्यस्त रहने वाले बच्चों में खाना-पीना तक भूल चुके हैं,जो उनके विकास में बाधा डाल रहा है। ऑनलाइन गेम बच्चों को चिड़चिड़ा और आक्रामक भी बना रहे हैं. ज्यादातर अभिभावकों का इस पर ध्यान तब जाता है जब देर हो चुकी होती है।
इस तरह छुड़वाएं इंटरनेट की लतआज से सेट करें इंटरनेट की लत छुड़ाने के लिए बच्चों का Time Rules
1. ध्यान रखें कि आपका बच्चा इंटरनेट पर क्या देख रहा है।
2. बच्चों से हमेशा पूछे कि उन्हें वीडियो गेम्स, फिल्म और टीवी प्रोग्राम में क्या पसंद है। इनसे उन्हें क्या सीखने को मिला।
3. बच्चों को ऐसे काम के लिए प्रेरित करें जो उनके काम भी आ सकें। उनका ध्यान मोबाइल फोन या गेम्स से हटाकर उन्हें पौधा लगाना सिखाएं।
4. बच्चों को हमेशा पढ़ाई और आउटडोर गेम्स व्यस्त ऱखें। उन्हें खेलों के प्रति जागरूक करें। इतना ही नहीं, उन्हें स्कूल में किसी गेम्स में हिस्सा भी दिला सकते है।
5. बच्चे का वीडियो गेम्स इस्तेमाल करने का टाइम निश्चित करें।
6. बच्चे के बेडरुम में टीवी, लैपटॉप, या मोबाइल फोन जैसी चीजें न रखें।
क्या है इस लत का कारण
बच्चों की मोबाइल लत के लिए कई डॉक्टर माता-पिता को ही जिम्मेदार मानते हैं। कई बार बच्चों की चीज पूरी नहीं कर पाने पर पेरेंट्स उन्हे मोबाइल पकड़ा देते हैं। ऐसे में बच्चे को कहीं न कहीं ये लगने लगता है कि पॉवर अब हमारे हाथ में हैं आज हमें इस चीज के लिए गैजेट मिला है तो कल किसी दूसरी चीज के लिए कुछ और मिल जायेगा अब तो हर चीज में मेरी सुनवाई हो जाएगी। बच्चे को कुछ समझना होता है तो वो किताबें कम पढ़ते हैं गूगल की मदद ज्यादा लेते हैं
इस तरह करें टाइम सेट
अक्सर ऐसा होता है बार- बार कहने पर भी बच्चे मोबाइल नहीं छोड़ते हैं, वह बस यही कहते हैं मम्मी बस दो मिनट और, मम्मी बस पांच मिनट। ऐसे में बच्चों के स्क्रीन टाइम को लिमिटेड करने का सबसे आसान तरीका है कि आप बच्चों को मोबाइल देने से पहले उसमें टाइमर सेट कर दें।टाइम पूरा होने पर गैजेट अपने आप ही बंद हो जाएगा। अगर आप चाहते हैं कि बच्चा स्क्रीन पर कम समय बिताएं तो आप बच्चे के लिए बनाए गए रूल्स का पालन खुद भी करें।


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