विज्ञान

वैज्ञानिकों ने खोजा अब तक का पृथ्वी के सबसे पास का ब्लैक होल

Subhi
9 Nov 2022 6:12 AM GMT
वैज्ञानिकों ने खोजा अब तक का पृथ्वी के सबसे पास का ब्लैक होल
x

ब्लैक होल (Black Hole) प्रकाश सहित अपने आसपास की वस्तुओं को निगलने लिए बदनाम हैं. अच्छी बात यह है कि हमारी पृथ्वी (Earth) और सौरमंडल (Solar System) के पास अभी कोई भी ब्लैक होल नहीं हैं जो हमारे ग्रह को खा सके. फिर वैज्ञानिकों सहित आम लोगों में यह कौतूहल होताहै कि पृथ्वी के सबसे पास का ब्लैक होल कौन सा है. और क्या वह कभी पृथ्वी के पास आ भी सकते हैं और कब वह दिन आएगा जब कोई ब्लैक होल हमें निगल सकता है. खगोलविदों ने अब नए ब्लैक होल खोजा है जो पृथ्वी के सबसे पास है.

तारकीय श्रेणी का ब्लैकहोल

ब्लैकहोल वैसे तो अंतरिक्ष के सबसे खतरनाक पिंड माने जाते हैं. लेकिन यह ब्लैक होल जो खोजा गया है, जो तारकीय ब्लैक होल श्रेणी का है. इसकी खोज होते ही यह एक बार भी अन्य खगोलविदों और वैज्ञानिकों की नजर में आ गया है और इस चरम पिंड के विकास को समझने का प्रयास में लग गए हैं.

बहुत ही ज्यादा संख्या में होते हैं ऐसे

इस खोज की खास बात यह है कि यह हमारी मिल्की वे का पहला स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाला सुसुप्त तारकीयभार का ब्लैक होल है. तारकीय भार के ब्लैक होल का भार हमारे सूर्य के भार से करीब 100 गुना होता है. इस तरह के ब्लैक होल हमारी मिल्की वे में ही करीब दस करोड़ की संख्या में होंगे.

सूर्य से 10 गुना ज्यादा भारी

इस अध्ययन के नतीजे मंथली नोटिसेस ऑफ द रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी में प्रकाशित हुए हैं. यह ब्लैक होल जो पृथ्वी के सबसे पास देखा गया है, वह सूर्य से 10 गुना ज्यादा भारी है और यह हमसे 1600 प्रकाशवर्ष दूर ओफियूशस तारामंडल में स्थित है. यह पृथ्वी के सबसे पास का पिछला रिकॉर्ड धारी ब्लैक होल से तीन गुना ज्यादा पास है. जो मोनोसेरोस तारामंडल में एक एक्स रे द्विज है.

दूरी पृथ्वी और सूर्य के बीच जितने दूर

खगोलविदों ने हवाई के जेमिनी नॉर्थ टेलीस्कोप उपयोग किया जो इंटरनेशनल जेमिनी वेधशाला के द्विज टेलीस्कोप में से एक है. उन्होंने ब्लैक होल के साथी की गतिविधियों का अवलोकन किया जो एक सूर्य के जैसा तारा था जो ब्लैक होल का चक्कर लगाता है, दोनों के बीच की दूरी उतनी ही है जितनी की पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी है.

पहली बार इस तरह का तंत्र

शोधकर्ताओं ने बताया की अगर हमारे सौरमंडल में सूर्य की जगह ब्लैक हो और सूर्य पृथ्वी की जगह हो जाए तो ऐसा ही तंत्र बन जाएगा. इस तरह के बहुत सारे तंत्र देखे जाने के दावे किए गए हैं. इस तरह की खोजों की पुष्टि नहीं हुई है. यह पहली बार है कि हमारी गैलेक्सी में इस तरह का इतना स्पष्ट तंत्र खोजा गया है.

कक्षा के काल का भी किया मापन

शोधकर्ताओं ने यूरोपीय स्पेस एजेंसी के गाइया अंतरिक्ष यान के आंकड़ों का विश्लेषण कर इस तंत्र की खोज की और सके बाद जैमिनी नॉर्थ के जैमिनी मल्टी ऑब्जेक्ट स्पैक्ट्रग्राफ इंस्ट्रमेंट का उपयोग कर केंद्रीय पिंड की ब्लैक होल के रूप में पहचान की जो कि सूर्य से 10 गुना ज्यादा भारी है. इसके अलावा शोधकर्ताओं ने साथी तारे की गति का मापन कर उसके कक्षाकाल का भी मापन कर लिया.

शोधकर्ताओं को ब्लैक होल के होने के संकेत मिलने से दो सप्ताह पहले ही इस तंत्र का पता चला था. उनके पास केवल एक ही सप्ताह का समय था जब दोनों हीपिंड उनकी कक्षा में सबसे कम दूरी पर थे जिससे वे इस द्विज तंत्र के सटीक भार का मापन कर सकते थे. इसके बाद खगोलविदों ने आकलन किया कि ब्लैक होल कुछ ही लाखों साल पहले बना था.


Next Story