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पायरिया से ऐसे बचाएं दांतों और मसूड़ों को, जल्द मिलेगा आराम

Tara Tandi
9 Aug 2021 10:53 AM GMT
पायरिया से ऐसे बचाएं दांतों और मसूड़ों को, जल्द मिलेगा आराम
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पायरिया या पेरियोडोंटाइटिस मसूड़ों की एक गंभीर बीमारी है.

पायरिया या पेरियोडोंटाइटिस मसूड़ों (Gum) की एक गंभीर बीमारी है. जानकारी के अभाव में लोग इसका सही समय पर इलाज नहीं करते और इसका नुकसान दांतों को झेलना पड़ता है. ओराएमडी वेबसाइट के मुताबिक, हमारे दांतों में कई ऐसे बैक्टीरिया होते हैं जो धीरे-धीरे दांतों के आसपास जमने लगते हैं. जो खाना हम खाते हैं उससे इन्हें न्यूट्रिशन मिलता है और ये मसूड़ों और जबड़े की हड्डी को नुकसान पहुंचाते हैं. इनकी वजह से धीरे-धीरे हड्डी गलना शुरू हो जाती है. इस स्थिति को पायरिया (Pyorrhea) कहा जाता है. अगर सही समय पर इसका इलाज न कराया जाए तो पायरिया तेजी से फैल जाता है और धीरे-धीरे दांत हिलना शुरू हो जाते हैं. जिसके बाद दांतों को निकालवाने की जरूरत तक पड़ जाती है.

पायरिया के लक्षण

ब्रश करते समय मसूड़ों से खून आना, सांसों से बदबू आना, दांतों की स्थिति में बदलाव, लाल, कोमल या सूजे हुए मसूड़े, खाना चबाने में दांतों में दर्द होना, आपके मुंह में खराब स्वाद आना आदि इसके लक्षण हैं.

क्‍यों होता है पायरिया?

ठीक से ब्रश न करने की वजह से मुंह में बैक्टीरिया मल्टीप्लाई होते हैं और डेंटल प्लाक (Dental plaque) बनाते हैं. अगर ब्रश न किया जाए तो बैक्टीरिया समय के साथ प्लाक के भीतर मिनरल्स जमा कर देते हैं और इस जमे हुए मिनरल को टार्टर (Tartar) के रूप में जाना जाता है. इसकी वजह से दांत और मसूड़ों के बीच जुड़ाव टूट जाता है और समस्‍या शुरू हो जाती ह

पायरिया के कारण

-धुम्रपान (Smoking)

-टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes)

-मोटापा

-हार्मोनल परिवर्तन (Hormonal Changes

-इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होन

-खराब पोषण

-विटामिन सी (Vitamin C) की कमी

पायरिया का इलाज

– स्केलिंग ऑर पॉलिशिंग (Scaling and polishing) प्रोसेस की मदद से दातों पर जमा मैल को हटाना.

– ओरल हाइजीन (Oral Hygiene).

– गुनगुने पानी में 1 चम्मच नमक डालकर कुल्ला करना.

– एंटीबायोटिक का सेवन

– फ्लैप सर्जरी.

पायरिया से बचने के टिप्‍स

– दिन में कम से कम दो बार कुल्‍ला करें.

– दो बार ब्रश करें.

– धूम्रपान छोड़ दें.

– फ्लोराइड टूथपेस्ट का उपयोग करें.

– रोजाना फाइबर से भरपूर भोजन का सेवन करें.

– साल में एक बार डेंटिस्‍ट से दांतों का चेकअप कराएं.


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