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कैंसर की वजह बन सकता है सैनिटरी नैपकिन

Subhi
25 Nov 2022 6:12 AM GMT
कैंसर की वजह बन सकता है सैनिटरी नैपकिन
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महिलाओं के लिए सुरक्षित और साफ माना जाने वाला सैनिटरी नैपकिन कैंसर की वजह बन सकता है। हैरान कर देने वाला यह खुलासा हाल ही में हुई एक स्टडी हुआ है। ऐसे में जानते हैं सैनिटरी नैपकिन की जगह इस्तेमाल किए जाने वाले विकल्पों के बारे में।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। हाल ही में दिल्ली के एक एनजीओ ने सैनिटरी नैपकिन को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया। सैनिटरी नैपकिन को लेकर चेतावनी देते हुए एनजीओ ने बताया कि भारत में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर लोकप्रिय नैपकिन में हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर से करने वाले रसायनों की भारी मात्रा पाई गई है। हाल ही में हुई इस स्टडी में भारत के 10 ब्रांड्स के सैनिटरी पैड की जांच की। इस दौरान यह पाया गया कि इन सभी पैड्स में खतरनाक केमिकल्‍स मौजूद थे। इन केमिकल्‍स की वजह से न सिर्फ कैंसर का खतरा बढ़ता है,बल्कि इंफर्टिलिटी यानी बांझपन जैसी खतरनाक स्थितियां भी उत्पन्न हो सकती है।

क्या कहती है स्टडी

'मेंस्ट्रल वेस्ट 2022' के नाम प्रकाशित इस रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि जांच किए गए सैनिटरी नैपकिन में थैलेट (phthalates) और वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड (VOCs) के तत्व पाए गए हैं। इसके अलावा इन सभी सैंपल में कारसिनोजन, रिप्रोडक्टिव टॉक्सिन, एंडोक्राइन डिसरप्टर्स और एलरजींस जैसे खतरनाक केमिकल्‍स मिले हैं। बता दें कि यह इस तरह का पहला अध्‍ययन नहीं है। इससे पहले भी न्‍यूजीलैंड, यूके,अमेरिका और स्‍वीडन में इस तरह की स्टडी हो चुकी हैं, जिसमें सैनिटरी पैड को लेकर चौंकाने और डराने वाले खुलासे सामने आए हैं।

ऐसे में सवाल यह उठता कि जिस सैनिटरी नैपकिन को सुरक्षित और साफ मानकर लगभग हर महिला हर महीने इस्तेमाल कर रही थीं, वही अब उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं सैनिटरी नैपकिन से सुरक्षित, बेहतर और पर्यावरण के अनुकूल कुछ विकल्पों के बारे में-

मेंस्ट्रुअल कप

मेंस्ट्रुअल कप सैनिटरी पैड्स के मुकाबले एक बेहतर विकल्प साबित होगा। इसे इस्तेमाल करना भी काफी आसान है। इसे सीधे वजायना में इंसर्ट किया जाता है। इसकी खासियत यह है कि सैनिटरी पैड्स और टैम्पोन की तुलना में यह कप एक बार ज्यादा खूब जमा कर सकता है। इसकी एक और खास बात यह है कि एक मेंस्ट्रुअल कप को 3 से 5 साल तक इस्तेमाल किया जा सकता है।

टैम्पोन

पीरियड्स में सैनिटरी पैड्स के बाद सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला टैम्पोन भी एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। इसका इस्तेमाल आसान और सुरक्षित हैं। बाजार में अलग-अलग आकार के टैम्पोन्स उपलब्ध हैं, जिन्हें आप अपनी सुविधा के अनुसर खरीद सकती हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मनाना है कि टैम्पोन का इस्तेमाल लगातार आठ घंटे से ज्यादा नहीं करना चाहिए।

मेंस्ट्रअल स्पॉन्ज

मेंस्ट्रअल स्पॉन्ज भी सैनिटरी पैड्स के लिए एक बेहतर और सरल विकल्प है। हालांकि, इसके बारे में बहुत कम ही महिलाएं जानती होंगी। मेंस्ट्रुअल स्पॉन्ज को सी-स्पॉन्ज भी कहा जाता है, क्योंकि यह समुद्र से निकलता है। पूरी तरह से प्राकृतिक इस स्पॉन्ज को छह महीने तक री-यूज किया जा सकता है। इसे भी टैम्पोन की ही तरह वजायना में इंसर्ट किया जाता है।

क्लॉथ पैड्स

क्लॉथ पैड्स दिखने में बिल्कुल सैनिटरी पैड्स की ही तरह लगते हैं। इनका इस्तेमाल भी सैनिटरी पैड्स की ही तरह किया जाता है। हालांकि, इसे खास तरीके से तैयार किया है, जिसे आप धोकर दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं। कपड़े और कॉटन से बना यह पैड पूरी तरह से इको-फ्रेंडली भी होता है।

पीरियड पैंटी

पीरियड पैंटी एक खास तरह की अंडरवियर होती है, जिसे महिलाएं पीरियड्स के दौरान पहन सकती हैं। इसे एक खास तरीके से बनाया गया है, जिससे यह ब्लड को सोख लेती है और आपके कपड़ों पर कोई दाग भी लगता है।

मेंस्ट्रुअल डिस्क

मेंस्ट्रुअल डिस्क को भी पीरियड्स के दौरान सैनिटरी पैड की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, इसके बारे में अभी बहुत कम लोग ही जानते हैं। इस डिस्क को भी मेंस्ट्रुअल कप की तरह इंसर्ट किया जाता है। हालांकि, मेंस्ट्रुअल कप की तुलना में इसे थोड़ा और आगे प्लेस किया जाता है। आप 12 घंटे तक इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। बाजार में री-यूजेबल मेंस्ट्रुअल डिस्क भी उपलब्ध है।


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