लाइफ स्टाइल

मिर्गी के मरीजों के लिए रामबाण साबित होगा केसर,जाने कैसे

Kiran
17 Aug 2023 5:06 PM GMT
मिर्गी के मरीजों के लिए रामबाण साबित होगा केसर,जाने कैसे
x
आप सभी केसर के बारे में तो जानते ही होंगे कि किस अत्राह यह भोजन में इस्तेमाल किया जाता हैं। लेकिन इसी के साथ ही यह सेहत के लिहाज से भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता हैं। हाल ही में हुई एक लम्बी रिसर्च में खुलासा हुआ हैं कि खाने की चीजों में खुशबू बिखेरने वाला केसर अब मिर्गी के मरीजों के लिए रामबाण साबित होगा। जी हां, लंबे शोध के बाद यह दवाई तैयार की गई हैं।
सीएसआईआर - आईएचबीटी पालमपुर की लैब में केसर से दवाई तैयार की गई है। इस दवाई का चूहों पर सफल प्रयोग भी किया जा चुका है। केसर पर लंबे समय तक चले शोध के बाद यह दवा बनाई गई है। शोध में पाया है कि केसर के पराग में ऐसे तत्व होते हैं, जो मिर्गी के दौरे को कम करने की क्षमता रखते हैं। केसर की खेती अब कश्मीर ही नहीं, देश के अन्य राज्यों में भी होगी। सीएसआईआर ने शोध कर हिमाचल, तमिलनाडु और उत्तराखंड में इसकी खेती का सफल प्रयोग किया है। सीएसआईआर ने हिमाचल के भरमौर में भी केसर की खेती का सफल प्रयोग किया। भरमौर में केसर की औसत पैदावार प्रति हेक्टेयर 2.8 किलोग्राम रही है।
देश में केसर की खपत और उत्पादन में कमी के चलते इसे भारी मात्रा में बाहरी देशों से आयात किया जाता है। विश्व में ईरान केसर उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र है, लेकिन आईएचबीटी पालमपुर ने हिमाचल के भरमौर के बाद रामपुर, उत्तराखंड के बागेश्वर और मुनसियारी, तमिलनाडु के बुटीक, मणिपुर और अरुणाचल में केसर की खेती का ट्रायल शुरू कर दिया है। संस्थान महाराष्ट्र में भी जल्द इसका ट्रायल करने जा रहा है। आईएचबीटी के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने कहा कि सीएसआईआर की लैब में केसर की खेती को लेकर किया गया शोध मिर्गी के दौरे को ठीक करने में कारगर पाया गया है। इससे आने वाले दिनों में मिर्गी के दौरे से राहत मिल सकती है।
Next Story