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बरसात के मौसम में बढ़ जाता हैं इंफेक्शन का खतरा, करें इन आहार को अवॉइड

SANTOSI TANDI
13 Sep 2023 8:22 AM GMT
बरसात के मौसम में बढ़ जाता हैं इंफेक्शन का खतरा, करें इन आहार को अवॉइड
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करें इन आहार को अवॉइड
भारत के अधिकतर हिस्सों में मॉनसून ने प्रवेश कर दिया हैं। तेज गर्मी से राहत पाने के लिए हर कोई बारिश का इंतजार कर रहा था। मौसम में बदलाव के साथ नमी आने लगी हैं जिसका असर लोगों की सेहत पर दिखाई देता है। खासतौर से बरसात के मौसम में इंफेक्शन होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में लापरवाही न बरतते हुए लोगों को अपनी सेहत का ध्यान रखना होगा। बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा नुकसान खाद्य पदार्थों से पहुंचता है और कई प्रकार के फूड्स का सेवन करना बीमारी की प्रमुख वजह भी बन जाता है। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे आहार के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका सेवन बरसात के दिनों में करने से बचना चाहिए क्योंकि ये आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ कर सकते हैं। तो आइये जानते हैं इस मौसम में आपको किन चीजों को खाने से बचना चाहिए।
पत्तेदार सब्जियां
बारिश के मौसम में ह्यूमिडिटी बढ़ जाती है, जिसकी वजह से बैक्टीरिया और फंगस पनपने लगती है। ऐसा पत्तेदार सब्जियों में ज्यादा होता है। जिसकी वजह से पेट में इंफेक्शन तक हो सकता है। इससे बचने के लिए बारिश के मौसम में पालक, मेथी के पत्ते, पत्तागोभी, फूलगोभी जैसी सब्जियों को खाने से बचें। इस मौसम में करेला, लौकी, तोरई और टिंडा जैसी सब्जियों को खा सकते हैं।
तली-भुनी चीजें
बारिश के मौसम में तली-भनी चीजें खाने का काफी मन करता है। जिसके साथ गर्म-गर्म चाय होती है तो मजा आ जाता है। इसलिए तो इस मौसम में बाजार में बनने वाले समोसे, पकौड़े और तली-भुनी चीजों की बिक्री बहुत अधिक बढ़ जाती है जिसके सेवन से पेट दर्द, दस्त और एसिडिटी की समस्या होती है। इसलिए इस मौसम में जीभ पर कंट्रोल करे और बाहर की चीजों का सेवन ना करें।
कोल्ड ड्रिंक्स
कोल्ड ड्रिंक्स ना पिएं। शरीर का तापमान ठंडा गर्म होने के कारण आपको सर्दी-जुकाम की समस्या हो सकती हैं। इसके अलावा कोल्ड ड्रिंक बनाने में ऐसे तत्व का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे आपके पूरे शरीर पर बुरा असर पड़ेगा। इसके बदले आप गन्ना या फिर किसी मौसम फल का सेवन कर सकते हैं। गर्मियों में मौसमी फल जैसे तरबूज, लीची, खरबूजा, आम, संतरा, अंगूर मिलते हैं।
बैंगन
बारिश के मौसम में कई लोगों के द्वारा बैंगन का चोखा बनाकर भी खाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जबकि इसका सेवन करने से बचना चाहिए। दरअसल, बारिश के मौसम में बैंगन के अंदर छोटे-छोटे कीड़े पड़ना शुरू हो जाते हैं। यह कीड़े पेट दर्द और पेट से जुड़ी कई प्रकार की समस्याओं का प्रमुख कारण भी बन सकते हैं। यही वजह है कि सावन के मौसम में खासकर बैंगन का सेवन करने से बचना चाहिए।
स्ट्रीट फूड
मॉनसून में जितना हो सके स्ट्रीट फूड को अवॉइड करें। ज्यादातर स्ट्रीटफूड खुले में तैयार किए जाते हैं जिससे बारिश के पानी से भोजन के दूषित होने की संभावना ज्यादा रहती है। स्टॉल कभी-कभी खुली नालियों के पास होते हैं, जहां कैलीफॉर्म बैक्टीरिया से भोजन असुरक्षित हो सकता है। यही वजह है कि इस मौसम में टाइफाइड और हैजा जैसी बीमारियों में वृद्धि होती है।
दही
बरसात के मौसम में दही जैसे डेयरी प्रोडक्ट का नियमित इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। बारिश में खाने-पीने की चीजों में बैक्टीरिया हो सकती हैं, जो मॉनसून में काफी ज्यादा बढ़ जाती हैं। इन्हें खाने से आपको पेट से जुड़ी तकलीफ हो सकती है। दही में भी बैक्टीरिया होती है, लिहाजा बारिश में सेवन कम करना चाहिए।
​मांस और मछली
मांस और मछली मुख्य रूप से बारिश के दिनों में नहीं खाना चाहिए। सावन के महीने में खासकर इसका सेवन न करने की सलाह दी जाती है और इसका वैज्ञानिक कारण भी है। इस दौरान हवा में भी कई ऐसे हानिकारक बैक्टीरिया मौजूद रहते हैं जो मांस और मछलियों को दूषित कर देते हैं। इसके अलावा बारिश के दिनों में मछलियों के अंडे देने का वक्त होता है। अंडा एक विशेष प्रकार की फूड एलर्जी का भी गुण रखता है जो गले में इंफेक्शन हो सूजन का मुख्य कारण हो सकता है। इसलिए बारिश का सीजन खत्म होने तक नॉनवेज फूड का सेवन करने से बचें।
बासी खाना
बारिश के मौसम में बासी खाना खाना भी नहीं खाना चाहिए। अगर आप रात के रखे चावल सुबह गर्म कर के खाती हैं तो इस आदत में सुधार लाएं। दरअसल मानसून के मौसम में उमस काफी हो जाती है। जिसके कारण खाने में 6 घंटे में फर्मेंटेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाती हैं वहीं बारिश होने के दौरान जब उमस अधिक बढ़ती है तो ये प्रक्रिया 4 घंटे में ही शुरू हो जाती है। इसलिए ज्यादा समय का बना हुआ खाना खाना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
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