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रिसर्चर्स का दावा है कि स्टडी के निष्कर्ष कैंसर मेडिकल साइंस की समझ के लिए काफी फायदेमंद हैं,कैंसर ट्यूमर को खत्म करने में कारगर

Kajal Dubey
17 Jan 2022 1:51 AM GMT
रिसर्चर्स का दावा है कि स्टडी के निष्कर्ष कैंसर मेडिकल साइंस की समझ के लिए काफी फायदेमंद हैं,कैंसर ट्यूमर को खत्म करने में कारगर
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साइंटिस्टों ने दोनों थेरेपी में पाए जाने वाले कुछ खास तत्वों को जोड़कर नया इलाज तैयार किया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कैंसर ट्यूमर (cancer tumor) के तेजी से होने वाले फैलाव और उसके इलाज की जटिलताओं (Complications) की गुत्थी सुलझाने के लिए दुनियाभर में लगातार कोशिशें जारी हैं. अब कैंसर ट्यूमर को खत्म करने के लिए साइंटिस्टों की टीम ने नई थेरेपी (new Therapy) खोजी है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि ये नया ट्रीटमेंट कैंसर ठीक करने के लिए इस्तेमाल होने वाली दो थेरेपी को साथ जोड़कर तैयार किया गया है. तीन साल तक की गई स्टडी में पाया गया है कि इस नई तकनीक से ट्यूमर ज्यादा तेजी से कमजोर पड़ता है. इस स्टडी का निष्कर्ष नेचर जर्नल सेल डेथ एंड डिजीज (Nature Journal Cell Death and Disease) में प्रकाशित हुआ है. आपको बता दें कि किडनी (Kidney) में होने वाले कैंसर को ठीक करने के लिए आमतौर पर दो थेरेपी का इस्तेमाल होता है. एक को एंटी-एंजियोजेनिसिस (Anti-angiogenesis) कहते हैं और दूसरी को इम्यूनोथेरेपी (immunotherapy). एंजियोजेनिसिस शरीर में कैंसर सेल्स को ब्लड वेसल (blood vessel) बनाने से रोकती है. इम्यूनोथेरेपी शरीर को कैंसर से लडऩे के लिए इम्यून सिस्टम को मजबूती देती है.

साइंटिस्टों ने दोनों थेरेपी में पाए जाने वाले कुछ खास तत्वों को जोड़कर नया इलाज तैयार किया है. इसे लेकर डेनमार्क की हिस्टोपैथोलोजी लैब (Histopathology Lab) में चूहों पर सफल परीक्षण भी कर लिया गया है.
क्या कहते हैं जानकार
इस स्टडी के रिसर्चर्स में से एक डॉक्टर अमित दुबे (Amit Dubey) ने दैनिक जागरण अखबार को बताया कि स्टडी के दौरान हमने पाया कि शरीर में पाई जाने वाली कोशिकाएं खुद ही ट्यूमर को खा जाती हैं. शोध में पाया गया कि सी-एफएलआइपीएल (c-flipl) का बीक्लिन-1 (Beclin-1) के साथ मिलान होता है.
ये आटोफैगोसोम न्यूक्लिएशन (Autophagosome Nucleation) के लिए आवश्यक है. बायोइनफारमेटिक्स (bioinformatics) के साधनों और बायोकेमिस्ट्री एसेज (biochemistry assays) के संयोजन से टीम ने पता लगाया कि बीक्लिन-1 ((Beclin-1) ) के साथ सी-एफएलआइपीएल इंटरेक्शन प्रोटीसोमल पाथवे (proteasomal pathway) के माध्यम से बीक्लिन-1 सर्वव्यापीकरण (ubiquity) और गिरावट को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है.
स्टडी में क्या निकला
रिसर्चर्स का दावा है कि स्टडी के निष्कर्ष कैंसर मेडिकल साइंस की समझ के लिए काफी फायदेमंद हैं. यह आटोफैगी (Autophagy) को प्रेरित करते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए आवश्यक है. आटोफैगी नेचुरल प्रोसेस है. इसमें एक सेल के भीतर अनावश्यक या डैमेज कॉम्पोनेंट्स को तोडऩा और सेल्स की मरम्मत या नए सेल्स के निर्माण के लिए बिल्डिंग ब्लाक्स के रूप में उनका पुन: उपयोग करना शामिल है. आटोफैगी डैमेज सेल्स कॉम्पोनेंट्स से छुटकारा पाकर कैंसर को बढ़ने से रोक सकती है.


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