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शोधकर्ताओं का दावा- रात को नींद न आने पर पढ़ें अपनी पसंदीदा किताब...फिर सोएं सुकून से

Gulabi
12 Oct 2020 2:11 AM GMT
शोधकर्ताओं का दावा- रात को नींद न आने पर पढ़ें अपनी पसंदीदा किताब...फिर सोएं सुकून से
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कभी नौकरी जाने तो कभी वायरस की जद में आने के डर से पूरी रात करवटें बदलते गुजर जाती है?
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना संक्रमण ने रातों की नींद उड़ा दी है? कभी नौकरी जाने तो कभी वायरस की जद में आने के डर से पूरी रात करवटें बदलते गुजर जाती है? अगर हां तो सोने से 20 मिनट पहले पसंदीदा लेखक की किताब पढ़ें। आपकी आंखों में आधे घंटे के भीतर मीठी नींद भर जाएगी। ब्रिटेन स्थित ससेक्स यूनिवर्सिटी का हालिया अध्ययन तो कुछ यही बयां करता है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक किताबें पढ़ना रोजमर्रा की चिंताओं से ध्यान भटकाने का बेहतरीन जरिया है। इससे स्ट्रेस हार्मोन 'कॉर्टिसोल' के स्त्राव में 68 फीसदी तक की गिरावट आती है। बिस्तर पर जाने से पहले पसंदीदा गाना सुनने, गुनगुना दूध पीने या फिर पार्क में चहलकदमी करने पर भी तनाव का स्तर इस कदर नहीं घटता है। इन तीनों ही गतिविधियों से 'कॉर्टिसोल' के उत्पादन में क्रमशः 61 फीसदी, 54 फीसदी और 42 फीसदी कमी दर्ज की गई है।

मुख्य शोधकर्ता डॉ. डेविड लुइस की मानें तो किताब के पन्ने पलटने से महज छह मिनट में तन और मन आराम की मुद्रा में आ जाते हैं। इससे मस्तिष्क को संकेत मिलता है कि अब सोने का समय आ गया है और वह स्लीप हार्मोन 'मेलाटोनिन' का उत्पादन करने लगता है। लुइस ने सिर्फ उन्हीं विषयों से जुड़ी किताबें पढ़ने की नसीहत दी, जो दिल को भाते हैं। ऐसा न करने पर मन फिर रोजमर्रा के तनाव में उलझ जाएगा और व्यक्ति सोने के लिए संघर्ष करेगा।

ई-बुक से परहेज करें-

-अध्ययन में किताबें पढ़ने के लिए स्मार्टफोन, टैबलेट या ई-बुक रीडर के इस्तेमाल से बचने की सलाह दी गई है। शोधकर्ताओं के मुताबिक स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी 'मेलाटोनिन' के उत्पादन में बाधा डालती है। इससे दिमाग आराम की मुद्रा में नहीं जा पाता और व्यक्ति को सोने में दिक्कत पेश आती है।

गुनगुने पानी से नहाएं-

-एक अन्य अध्ययन में सोने से पहले गुनगुने पानी में बाइकार्बोनेट सोडा मिलाकर नहाने की सलाह दी गई है। इससे त्वचा को डिटॉक्स करने में तो मदद मिलती ही है, साथ ही तन-मन पर थकान हावी होने से 'मेलाटोनिन' का उत्पादन तेज हो जाता है और व्यक्ति आसानी से नींद के आगोश में समा पाता है।

रूम फ्रेशनर भी कारगर-

-साउथैम्पटन यूनिवर्सिटी के शोध में लैवेंडर, चंदन, पीपरमिंट, मरुआ और बबूने के फूल की खुशबू को मांसपेशियों को सुकून पहुंचाने व हृदयगति को धीमा करने में कारगर पाया गया था। कमरे में ऐसे गंध वाले रूम फ्रेशनर का छिड़काव करने से व्यक्ति न सिर्फ गहरी नींद सोता है, बल्कि सुबह उठकर तरोताजा भी महसूस करता है।

शवासन आजमाएं-

-वहीं, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के एक शोध में शवासन और शशांकासन जैसे योग आसन को अनिद्रा की शिकायत से निजात दिलाने में असरदार पाया गया था। शोधकर्ताओं के मुताबिक इन आसनों के अभ्यास से तंत्रिका तंत्र तो शांत होता ही है, साथ में रीढ़ की हड्डी भी शिथिल पड़ती है, जिससे व्यक्ति को अच्छी नींद आती है।

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