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शोध में दावा फैलने का खतरा अधिक , जलवायु परिवर्तन से बढ़ा धरती पर घातक वायरस

Teja
21 Oct 2021 6:03 PM GMT
शोध में दावा फैलने का खतरा अधिक , जलवायु परिवर्तन से बढ़ा धरती पर घातक वायरस
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धरती का औसत तापमान बढ़ने से दुनियाभर में वायरस जनित रोग फैलने के लिहाज से आदर्श परिस्थितियां बन रही हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेसक | धरती का औसत तापमान बढ़ने से दुनियाभर में वायरस जनित रोग फैलने के लिहाज से आदर्श परिस्थितियां बन रही हैं। यह दावा लांसेट जर्नल की सालाना शोध रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के कारण ये बीमारियां बड़ा झटका साबित हो सकती हैं, क्योंकि विश्व स्तर पर स्वास्थ्य तंत्र की तैयारी इससे जूझने लायक नहीं दिखती।

जलवायु परिवर्तन पर काबू पाने की दिशा में समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाए गए तो डेंगू, मलेरिया और कालरा जैसे रोगों पर काबू पाने के अब तक के प्रयासों पर पानी फिर जाएगा। दुनिया को आगाह किया गया है कि ये रोग दोबारा तेजी से फैल सकते हैं। रिपोर्ट में सेहत पर पड़ने वाले 44 संकेतकों की पहचान की गई है जिनका सीधा संबंध जलवायु परिवर्तन से है। शोध निदेशक और रिपोर्ट के सहलेखक मारिया रोमानेलो ने कहा- जलवायु परिवर्तन पर काबू पाने के प्रयास में देरी से स्थिति बहुत नाजुक हो चुकी है, यह समझ लेना चाहिए कि जलवायु परिवर्तन से कोई भी सुरक्षित नहीं है।

विकसित देश भी सुरक्षित नहीं :

रिपोर्ट में कहा गया है कि विकसित देशों में वायरस संक्रमण फैलने का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। उत्तरी यूरोप और अमेरिका में बैक्टीरिया फैलने की आशंका बढ़ गई ।इसी तरह अन्य ठंड क्षेत्र में मलेरिया का प्रकोप बढ़ सकता है।

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