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रिसर्च का दावा- कोरोना से ठीक हो चुके लोगों की कार्यक्षमता घटी
Gulabi
30 Oct 2021 2:48 PM GMT
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कोरोना से ठीक हो चुके लोगों की कार्यक्षमता घटी
पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लेने वाली महामारी कोरोनावायरस से ठीक हो चुके लोगों से जुड़ी एक नई स्टडी में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इस स्टडी के नतीजों के मुताबिक कोरोना संक्रमण से उबरने वाले लोगों में लॉन्ग कोविड (Long Covid) की समस्या भयावह रूप लेती जा रही है और इससे उनकी कार्यक्षमता (working capacity) भी घटी है. लॉन्ग कोविड का मतलब उस स्थिति से है, जिसमें व्यक्ति कोविड संक्रमण से ठीक हो चुका है, उसकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट भी नेगिटिव आई हैं. लेकिन वो अभी तक नॉर्मल नहीं है, मेडिकल भाषा में इसे पोस्ट एक्यूट कोविड-19 सिंड्रोम (Post Acute Covid-19 Syndrome) भी कहा जाता है.
अमेरिकन जर्नल ऑफ फिजिकल एंड रिहैबिलिटेशन मेडिसिन (American Journal of Physical and Rehabilitation Medicine) में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, अस्पताल में भर्ती होने वाले कोविड के मरीज ठीक होने के साल भर बाद भी फुलटाइम काम करने में अपने को कमजोर पाते हैं. शोध के मुताबिक कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में इसका असर एक साल तक रहता है. मार्च 2020 से मार्च 2021 की बीच हुई स्टडी में पाया गया कि संक्रमण से ठीक हुए मरीजों को उससे पूरी तरह से उबरने में लंबा समय लगता है.
82 प्रतिशत लोगों में शारीरिक थकान
स्टडी के मुताबिक, कोरोना से ठीक होने के साल भर बाद भी 82 प्रतिशत लोगों में शारीरिक थकान की समस्या सामने आई. वहीं 67 प्रतिशत ऐसे थे जिन्हें ब्रेन फॉग (Brain Fog) की दिक्कत का सामना करना पड़ा. 60 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्हें सिरदर्द की परेशानी आज भी रहती है. 59 फीसदी लोगों को नींद ना आने की समस्या यानी अनिद्रा (insomnia) और 54 प्रतिशत लोगों को एक साल तक नियमित रूप से चक्कर आने की समस्या रही.
इस रिसर्च में सबसे पहले वास्तविक नुकसान और सिंड्रोम के प्रभाव का आंकलन किया गया. साथ ही उनक कारकों का भी गहन अध्ययन किया गया, जो इन लक्षणों को बढ़ाने का कारण बन सकते हैं.
लॉन्ग कोविड मरीजों को 299 दिन अस्पताल में रहना पड़ा
कोरोना से पीड़ित अमेरिका के ओरेगन प्रांत के एलेक्स कास्ट्रो को 299 दिन अस्पताल में रहना पड़ा. लॉन्ग कोविड के मरीज एलेक्स को इस दौरान 108 दिन तक लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया. आईसीयू की नर्स के मुताबिक एलेक्स ने इलाज के दौरान अपनी जीवटता (vitality) की वजह से महामारी को हराया है.
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