लाइफ स्टाइल

अपनी डायट से कुछ चीज़ें निकाल देने से वज़न कम हो जाएगा

Kajal Dubey
7 May 2023 12:17 PM GMT
अपनी डायट से कुछ चीज़ें निकाल देने से वज़न कम हो जाएगा
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चावल और आलू भारत में मोटापे का मुख्य कारण समझे जाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि हमारी यह सोच बन गई है कि कुछ तरह की चीज़ें खाने से हमारा वज़न बढ़ने लगता है. फिर हम करते क्या हैं? बिना किसी डायटीशियन या डॉक्टर की सलाह लिए उन चीज़ों को खाना बंद कर देते हैं. उदाहरण के लिए वज़न घटाने के लिए संघर्षरत लोग अपने जीवन में कभी न कभी कार्ब्स यानी कार्बोहाइड्रेट्स खाना तो छोड़ते ही हैं. यही दुश्मनी बेक किए हुए खाद्य पदार्थों और मीठे के साथ भी निभाई जाती है. यहां हम बेसिक ग़लती यह करते हैं कि बस दूसरों की देखादेखी ये चीज़ें छोड़ देते हैं. ऐसा करते हुए हम इस बात को नज़रअंदाज़ कर देते हैं कि सबका शरीर और मेटाबॉलिज़्म अलग-अलग होता है.
हक़ीक़त यह है कि खाने-पीने की सभी चीज़ें हमें सही अनुपात में लेनी चाहिए. किसी एक चीज़ को पूरी तरह छोड़ देना हमारी सेहत के लिए नुक़सानदायक साबित हो सकता है. दरअसल होता यह है कि जब हम किसी चीज़ों को नुक़सानदेह समझकर खाना पूरी तरह से छोड़ देते हैं, तक कुछ समय तो हम चला ले जाते हैं. पर एक वक़्त ऐसा आता है, जब हम उसे खाने से ख़ुद को रोक नहीं पाते. तब हम ज़रूरत से ज़्यादा खा लेते हैं.
तो वज़न कम करने या सेहतमंद बने रहने के लिए अपने खानपान में से किसी खाद्य पदार्थ को पूरी तरह से हटा देना बिल्कुल भी सही फ़ैसला नहीं है. लॉन्ग टर्म में यह हमारे लिए नुक़सानदेह ही है.
दूसरा मिथक: वज़न कम करना है तो आपको नो-फ़ैट डायट अपनाना होगा (To lose weight, you have to adopt a no-fat diet)
वज़न कम करना है तो आपको नो-फ़ैट डायट अपनाना होगा
जिस तरह चावल और आलू हम भारतीयों के लिए वज़न बढ़ाने का प्रमुख कारक समझे जाते हैं, उसी तरह हम फ़ैट वाले यानी वसायुक्त चीज़ों को भी सेहत का शत्रु ही मानते हैं. ज़्यादातर लोगों को लगता है कि वसायुक्त चीज़ें कम से कम खाने से या पूरी तरह छोड़ देने से हमारा वज़न तेज़ी से कम हो सकता है. पर यह पूरी तरह ग़लत ही नहीं, सेहत के लिहाज़ से बेहद ख़तरनाक बात है. फ़ैट्स यानी वसा हमारे शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों में से एक हैं. इससे हमारे शरीर का काम सुचारू रूप से चलता रहता है. आपने गुड फ़ैट-बैड फ़ैट के बारे में तो सुना ही होगा.
अंडे, एवोकाडो जैसी चीज़ों से जो फ़ैट मिलता है, उसकी तुलना गुड फ़ैट में की जाती है. इसके अलावा पारंपरिक रूप से हम भारतीय घी, मक्खन और दूसरे डेयरी प्रॉडक्ट्स खाते रहे हैं. इन्हें वज़न कम करने के लिए पूरी तरह से छोड़ना बिल्कुल भी सही नहीं है. अगर आप ऐसा करेंगे तो आपके शरीर में चिकनाई की कमी हो जाएगी. गुड कोलेस्टेरॉल के स्तर को बढ़ाने के लिए ये चीज़ें काफ़ी ज़रूरी हैं. तो अगर आपसे कोई कहे कि फ़ैट्स खाना पूरी तरह बंद कर दें तो उस सलाह को न मानें. नियंत्रित मात्रा में फ़ैट्स को अपनी डायट में ज़रूर शामिल करें.
तीसरा मिथक: वज़न कम करना है तो दिन या रात में से एक बार का खाना न खाएं (Want to lose weight, do not eat once a day or night)
वज़न कम करना है तो दिन या रात में से एक बार का खाना न खाएं
दिन या रात में से एक बार का खाना न खाने को हम मील स्किप करना कह सकते हैं. वेट लॉस के लिए जी-जान से जुटे लोग इस टिप्स को सही मान लेते हैं. उन्हें लगता है कि ख़ुद को भूखा रखकर वे अपना आदर्श वज़न प्राप्त कर लेंगे. वे इसे कैलोरी कम लेने का एक तरीक़ा मानते हैं. पर हमारा मानना है कि यह तरीक़ा बिल्कुल भी सेहतमंद नहीं है. असल में होता यह है कि जब आप खाना छोड़ते हैं तब शरीर को कम कैलोरीज़ मिलती हैं. इसका लंबे समय में असर शरीर के मेटाबॉलिज़्म पर पड़ता है.
खाना पचाने की उसकी दर धीमी पड़ जाती है. साथ ही जब आप एक मील स्किप करते हैं, तब दूसरे मील में ज़रूरत से ज़्यादा कैलोरीज़ ले लेते हैं. इसके चलते आप जो कुछ भी खाएंगे, आपका वज़न कम होने की जगह बढ़ना शुरू हो जाएगा. तो बात साफ़ है, वज़न कम करने के लिए खाना छोड़ने के बजाय आपको सेहतमंद चीज़ें खानी चाहिए. खाने की मात्रा पर नियंत्रण करना चाहिए, बजाय पूरा खाना छोड़ने के. दो मील्स के बीच भूख लगने पर हल्का-फुल्का स्नैक्स भी खाना चाहिए.
चौथा मिथक: वज़न सिर्फ़ और सिर्फ़ एक्सरसाइज़ करने से कम होता है (Lose weight only by exercising)
वज़न सिर्फ़ और सिर्फ़ एक्सरसाइज़ करने से कम होता है
एक्सरसाइज़ यानी व्यायाम सेहतमंद बने रहने के लिए बहुत ही ज़रूरी है. इससे शरीर मज़बूत होता है, उसमें फ़्लैक्सिबिलिटी यानी लचीलापन आता है. और हां, वज़न को भी काफ़ी हद तक नियंत्रत रखा जा सकता है. पर यह मनना कि सिर्फ़ और सिर्फ़ एक्सरसाइज़ से वज़न कम किया जा सकता है, सही नहीं है. कभी-कभी इसका उल्टा प्रभाव भी पड़ जाता है. कई लोग वज़न कम करने के लिए जिम जॉइन करते हैं. फिर यह मान लेते हैं कि अब तो जिम जॉइन कर लिया है तो कुछ भी खाने-पीने की आज़ादी मिल गई है. जिसके चलते अपनी डायट को लेकर लापरवाह हो जाते हैं. ऐसे में होता यह है कि उनका वज़न उतना कम नहीं हो पाता, जितना होना चाहिए था. कई केसेस में तो वज़न पहले की तुलना में बढ़ भी जाता है.
अगर आप भी एक्सरसाइज़ को फ़िट रहने का एक मात्र रास्ता समझते हों तो इस सोच को बदल दें. व्यायाम के साथ-साथ सही खानपान से ही वज़न को कम किया जा सकता है. और व्यायाम करने का मतलब यह न समझें कि आपको कुछ भी खाने का लायसेंस मिल गया है.
पांचवां मिथक: आपका वज़न कम नहीं होने के पीछे आपके जीन्स ज़िम्मेदार हैं (Your genes are responsible for not losing weight)
आपका वज़न कम नहीं होने के पीछे आपके जीन्स ज़िम्मेदार हैं
हम जैसे दिखते हैं यानी हमारे रूप-रंग के पीछे जीन्स की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता. पर कुछ लोग जीन्स को हौव्वा बना लेते हैं. अपने बढ़े हुए वज़न का दोष भी जीन्स को देने लगते हैं. कहते हैं हमारे परिवार में तो सब लोग अच्छे-खासे खाए-पिए लगते हैं. खाते-पीते खानदान वाला जोक भी इसी तरह के आलसी लोगों द्वारा बनाया गया है.
हो सकता है कि मोटापा आपकी फ़ैमिली हिस्ट्री हो, पर इससे हार मान लेना क़तई सही नहीं है. कई बार मोटापा हमारे जीन्स से अधिक हमारे खानपान, रहन-सहन यानी लाइफ़स्टाइल के चलते हमें परेशान करता है. तो सीधे परिवार को ढाल बनाने के बजाय आप सबसे पहले अपनी लाइफ़स्टाइल को बदल कर देखें. अच्छी और सेहतमंद चीज़ें खाएं. दिनचर्या में व्यायाम शामिल करें. सही समय पर सोना और सही समय पर उठना शुरू करें. काफ़ी कुछ संभव है कि आपके ऐसा करने से आपका वज़न नियंत्रण में आ जाएगा. यदि पूरे परिवार ने अपनी लाइफ़स्टाइल को हेल्दी बना लिया तो आपका मोटा परिवार, छरहरा परिवार बन जाएगा.
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